(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) भारतीय रेलवे की मनमानी से रेलयात्री पूरी तरह से परेशान हो चुके हैं।इनको संचालन करने वालों के अड़ियल रवैया के चलते लोगों को सुविधाएं मिलना अब दूर की बात हो गई। गुड्स ट्रेन के आगे यात्री ट्रेनों की बिलासपुर जोन, बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत कोई वैल्यू ही नहीं रह गई। रेलवे का एकमात्र उद्देश्य गुट्स ट्रेनों से आय अर्जित करना रह गया है।अच्छा होता कि बिलासपुर जोन के अंतर्गत बिलासपुर रेल मंडल के सभी स्टेशनों पर ताले लगा दिए जाए यात्री ट्रेनों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाए तो यात्री स्टेशन एवं ट्रेनों को अपने दिलो दिमाग से निकाल दे।
अनूपपुर जंक्शन का रेलवे स्टेशन है यहां पर चिरमिरी, अंबिकापुर सीआईसी रेल सेक्शन से हजारों यात्रियों का आवागमन होता है।अनूपपुर जंक्शन स्टेशन का पुराना पैदल पुल केवल जरा सी टूट-फूट के चलते रेलवे ने पूरी तरह से बंद कर दिया।यहां तक की बिलासपुर रेल मंडल के डीआरएम से जब उनके अनूपपुर दौरे के समय अनूपपुर नगर पालिका अध्यक्ष एवं रेल संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल मिला एवं यात्रियों की समस्याओं को पैदल पुल के बंद होने से अवगत कराया एवं स्पाट निरीक्षण का अनुरोध किया तो उन्होंने स्पाट निरीक्षण को एक सिरे से खारिज कर दिया और कह दिया किया कि यह पुल बंद कर दिया गया है।अब चालू नहीं होगा।जबकि वास्तविकता यह है की पुल का सुधार करा कर यात्री हित में पुल को चालू किया जा सकता है।लेकिन डीआरएम ने स्पष्ट इंकार कर दिया।जबकि प्लेटफार्म नंबर 3-4 तक पूर्व में नया पैदल पुल दक्षिण दिशा की ओर बनाया जा चुका है।उसी पुल का विस्तार करते हुए नया भी बनाया जा सकता था।लेकिन रेलवे ने पूरी तरह से दोनों तरफ से पैदल पुल को हमेशा के लिए बंद कर दिया एवं एक बोर्ड लगा दिया जिसमें लिखा है
असुविधा के लिए खेद है प्लेटफार्म नं.03/04 पर जाने हेतु कटनी छोर मे बने पैदल पुल का उपयोग करें।इतना लिखकर रेलवे ने अपने कार्यों की इतिश्री कर ली।जब रेल मदद ऐप से शिकायत की गई तो शिकायत को बंद कराने के पूर्व यह आश्वस्त किया गया की 1 माह के अंदर पुल का निर्माण प्रारंभ करा दिया जाएगा लेकिन आज दिनांक तक पुल पर किसी तरह का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।पुनः रेल मदद ऐप से शिकायत की गई शिकायत के 3 दिन बाद भी रेलवे की ओर से रेल मदद ऐप में किसी तरह का समाधान या जवाब नहीं दिया गया।रेल मदद ऐप को लेकर भी बिलासपुर रेलवे जोन एवं रेल मंडल अब प्रश्न वाचक चिन्ह लगाने को मजबूर कर रहा है।आज देखा जा सकता है कि रेलवे ने जो कटनी छोर पर नया पुल बना कर छोड़ा है वह पुराने पुल से काफी दूर है और लोगों के आवागमन करते करते कई बार ट्रेनें छूट जाती हैं।बाहर से आने वाले यात्री जिन्हें पुल बंद होने की जानकारी नहीं है उन्हें आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई चक्कर इधर से उधर काटने पड़ते हैं।लेकिन रेलवे के कान में जूं तक नहीं रेंगती। रेलवे अपनी मनमानी के आगे यात्रियों की सुविधाओं पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही।यात्री पूरी तरह से रेलवे की कार्यप्रणाली से त्रस्त हो चुका है।भारतीय रेलवे का नाम अब लोगों की जुबान पर पहले जैसा नहीं रहा।आज भी उड़ीसा में मिनिमम टिकट दर 10 रुपए में मेमो ट्रेन की टिकट उपलब्ध है लेकिन उसके बाद भी बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत मिनिमम टिकट दर 30 रुपए है चाहे मेमू में यात्रा करें या एक्सप्रेस में यात्रा करें टिकट दर समान है।लेकिन इतना बड़ा खुलासा होने के बाद भी रेलवे के केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों ने कभी लोकसभा में सवाल नहीं उठाया की टिकट दर में भिन्नता क्यों है।कुल मिलाकर रेलवे यात्रियों का पूरी तरह से शोषण कर रहा है संघर्ष करने वालों पर एफ आई आर करा कर संघर्ष करने वालों को सजा दे रहा है।यहां तक रेलवे का कार्य सीमित रह गया है। कोई बोलने वाला नहीं,कोई सुनने वाला नहीं।अगर यही हाल रहा तो लोकसभा चुनाव 2024 में संघर्षशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल पर रेलवे प्रश्नचिन्ह छोड़ देगा...? आज तक रेलवे करोना जाने के बाद भी नियमित ट्रेनों को प्रारंभ नहीं किया।स्पेशल बनाकर ट्रेनों को चलाया जा रहा है।यात्रियों को लूटा जा रहा है।कई स्टॉपेज आज भी बंद पड़े हैं छोटे-छोटे स्टेशनों के लिए ट्रेन अब सपना बनकर रह गई।
अनूपपुर जंक्शन का रेलवे स्टेशन है यहां पर चिरमिरी, अंबिकापुर सीआईसी रेल सेक्शन से हजारों यात्रियों का आवागमन होता है।अनूपपुर जंक्शन स्टेशन का पुराना पैदल पुल केवल जरा सी टूट-फूट के चलते रेलवे ने पूरी तरह से बंद कर दिया।यहां तक की बिलासपुर रेल मंडल के डीआरएम से जब उनके अनूपपुर दौरे के समय अनूपपुर नगर पालिका अध्यक्ष एवं रेल संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल मिला एवं यात्रियों की समस्याओं को पैदल पुल के बंद होने से अवगत कराया एवं स्पाट निरीक्षण का अनुरोध किया तो उन्होंने स्पाट निरीक्षण को एक सिरे से खारिज कर दिया और कह दिया किया कि यह पुल बंद कर दिया गया है।अब चालू नहीं होगा।जबकि वास्तविकता यह है की पुल का सुधार करा कर यात्री हित में पुल को चालू किया जा सकता है।लेकिन डीआरएम ने स्पष्ट इंकार कर दिया।जबकि प्लेटफार्म नंबर 3-4 तक पूर्व में नया पैदल पुल दक्षिण दिशा की ओर बनाया जा चुका है।उसी पुल का विस्तार करते हुए नया भी बनाया जा सकता था।लेकिन रेलवे ने पूरी तरह से दोनों तरफ से पैदल पुल को हमेशा के लिए बंद कर दिया एवं एक बोर्ड लगा दिया जिसमें लिखा है
असुविधा के लिए खेद है प्लेटफार्म नं.03/04 पर जाने हेतु कटनी छोर मे बने पैदल पुल का उपयोग करें।इतना लिखकर रेलवे ने अपने कार्यों की इतिश्री कर ली।जब रेल मदद ऐप से शिकायत की गई तो शिकायत को बंद कराने के पूर्व यह आश्वस्त किया गया की 1 माह के अंदर पुल का निर्माण प्रारंभ करा दिया जाएगा लेकिन आज दिनांक तक पुल पर किसी तरह का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।पुनः रेल मदद ऐप से शिकायत की गई शिकायत के 3 दिन बाद भी रेलवे की ओर से रेल मदद ऐप में किसी तरह का समाधान या जवाब नहीं दिया गया।रेल मदद ऐप को लेकर भी बिलासपुर रेलवे जोन एवं रेल मंडल अब प्रश्न वाचक चिन्ह लगाने को मजबूर कर रहा है।आज देखा जा सकता है कि रेलवे ने जो कटनी छोर पर नया पुल बना कर छोड़ा है वह पुराने पुल से काफी दूर है और लोगों के आवागमन करते करते कई बार ट्रेनें छूट जाती हैं।बाहर से आने वाले यात्री जिन्हें पुल बंद होने की जानकारी नहीं है उन्हें आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई चक्कर इधर से उधर काटने पड़ते हैं।लेकिन रेलवे के कान में जूं तक नहीं रेंगती। रेलवे अपनी मनमानी के आगे यात्रियों की सुविधाओं पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही।यात्री पूरी तरह से रेलवे की कार्यप्रणाली से त्रस्त हो चुका है।भारतीय रेलवे का नाम अब लोगों की जुबान पर पहले जैसा नहीं रहा।आज भी उड़ीसा में मिनिमम टिकट दर 10 रुपए में मेमो ट्रेन की टिकट उपलब्ध है लेकिन उसके बाद भी बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत मिनिमम टिकट दर 30 रुपए है चाहे मेमू में यात्रा करें या एक्सप्रेस में यात्रा करें टिकट दर समान है।लेकिन इतना बड़ा खुलासा होने के बाद भी रेलवे के केंद्र में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों ने कभी लोकसभा में सवाल नहीं उठाया की टिकट दर में भिन्नता क्यों है।कुल मिलाकर रेलवे यात्रियों का पूरी तरह से शोषण कर रहा है संघर्ष करने वालों पर एफ आई आर करा कर संघर्ष करने वालों को सजा दे रहा है।यहां तक रेलवे का कार्य सीमित रह गया है। कोई बोलने वाला नहीं,कोई सुनने वाला नहीं।अगर यही हाल रहा तो लोकसभा चुनाव 2024 में संघर्षशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल पर रेलवे प्रश्नचिन्ह छोड़ देगा...? आज तक रेलवे करोना जाने के बाद भी नियमित ट्रेनों को प्रारंभ नहीं किया।स्पेशल बनाकर ट्रेनों को चलाया जा रहा है।यात्रियों को लूटा जा रहा है।कई स्टॉपेज आज भी बंद पड़े हैं छोटे-छोटे स्टेशनों के लिए ट्रेन अब सपना बनकर रह गई।
0 Comments