(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) वन परिक्षेत्र जैतहरी के भेलमा बीट में एक शिकारी के पास से वन विभाग द्वारा शाकाहारी वन्यप्राणी सेही के पुराने काटे,एक भरमार बंदूक के साथ अन्य सामग्री बरामद की गई है।जिसमें आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने पर न्यायालय ने जेल भेज दिया है।
इस संबंध में वन परीक्षेत्र अधिकारी जैतहरी अश्वनी कुमार सोनी ने बताया कि वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को किसी ने सूचना दी कि वन परीक्षेत्र जैतहरी के भेलमा बीट में अवैध शिकार किया जा रहा है जिस सूचना पर वन विभाग के अमले द्वारा क्षेत्र में आरोपियों की तलाश की गई।इस दौरान डॉग स्कॉट शहडोल की मदद से परीक्षण दौरान बीट भेलमा के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 257 के नजदीक राजस्व भूमि में घर के पास खेत में झोपड़ी नुमा घर बनाकर रह रहे मैकूलाल पिता रामू अगरिया 63 वर्ष के यहां परीक्षण दौरान शाकाहारी वन्यप्राणी सेही के लगभग आधा किलो बजन के पुराने कांटे,एक भरमार बंदूक,दो भरमार बनाने के लिए रखे गए भरमार के वट, टागी, तार का जाला,खरगोश व अन्य छोटे जानवरों के शिकार के लिए रखे गये जाल को जप्त किया गया है।घेराबंदी कर देर रात आरोपी मैकूलाल अगरिया के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9, 39,50,51 एवं 52 कथा भारतीय दंड संहिता की धारा 25(1)(AA) के तहत वन अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने बाद न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल किया गया है।अवैध शिकार के प्रकरण में अन्य शिकारियों की विभाग की टीम बनाकर तलाश की जा रही है।इस कार्यवाही दौरान परिक्षेत्र सहायक गोरसी शिवचरण पुरी,परिक्षेत्र सहायक वेंकटनगर आर.एस.शर्मा,परिक्षेत्र सहायक जैतहरी आर.एस. सिकरवार, वनरक्षक मनीष कोर्राम,बिहारी लाल रजक,मेवालाल रौतेल, सतीश बैगा,ओंकार सिंह के साथ क्षेत्र के सुरक्षा श्रमिक सम्मलित रहे हैं।आरोपी मैकू लाल अगरिया के पास से जप्त किए गए भरमार एवं भरमार बनाने के अन्य सामग्रियों से ऐसा लगता है कि वह अवैध हथियार बनाने का कई वर्षों से काम कर रहा है।
ज्ञातव्य हो कि अनूपपुर वन मंडल के जैतहरी,राजेंद्रग्राम एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यप्राणी चीतल,जंगली,सुअर,मोर,सेही जैसे अनेकों शाकाहारी वन्यप्राणी अधिकांश संख्या में होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा समूह बनाकर अक्सर शिकार करने की हरकतें करते हैं।जिससे क्षेत्र में वन्य प्राणियों को खतरा महसूस होता है।क्षेत्र के जागरूक जनप्रतिनिधियों द्वारा नवागत वन मंडल अधिकारी से वन क्षेत्रों में अवैध रूप से किए जा रहे वन्यप्राणियों के शिकार एवं जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाने हेतु सतत निगरानी रखने ग्रामीणों के बीच जन जागरूकता हेतु समय-समय पर बैठकर करने,गोपनीय सूचना तंत्र मजबूत करने एवं निचले स्तर के वन कर्मचारियों को सतर्कता से निगरानी रखते हुए वन क्षेत्रों का भ्रमण करने की अपेक्षा की गई है।
इस संबंध में वन परीक्षेत्र अधिकारी जैतहरी अश्वनी कुमार सोनी ने बताया कि वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को किसी ने सूचना दी कि वन परीक्षेत्र जैतहरी के भेलमा बीट में अवैध शिकार किया जा रहा है जिस सूचना पर वन विभाग के अमले द्वारा क्षेत्र में आरोपियों की तलाश की गई।इस दौरान डॉग स्कॉट शहडोल की मदद से परीक्षण दौरान बीट भेलमा के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 257 के नजदीक राजस्व भूमि में घर के पास खेत में झोपड़ी नुमा घर बनाकर रह रहे मैकूलाल पिता रामू अगरिया 63 वर्ष के यहां परीक्षण दौरान शाकाहारी वन्यप्राणी सेही के लगभग आधा किलो बजन के पुराने कांटे,एक भरमार बंदूक,दो भरमार बनाने के लिए रखे गए भरमार के वट, टागी, तार का जाला,खरगोश व अन्य छोटे जानवरों के शिकार के लिए रखे गये जाल को जप्त किया गया है।घेराबंदी कर देर रात आरोपी मैकूलाल अगरिया के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9, 39,50,51 एवं 52 कथा भारतीय दंड संहिता की धारा 25(1)(AA) के तहत वन अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने बाद न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल किया गया है।अवैध शिकार के प्रकरण में अन्य शिकारियों की विभाग की टीम बनाकर तलाश की जा रही है।इस कार्यवाही दौरान परिक्षेत्र सहायक गोरसी शिवचरण पुरी,परिक्षेत्र सहायक वेंकटनगर आर.एस.शर्मा,परिक्षेत्र सहायक जैतहरी आर.एस. सिकरवार, वनरक्षक मनीष कोर्राम,बिहारी लाल रजक,मेवालाल रौतेल, सतीश बैगा,ओंकार सिंह के साथ क्षेत्र के सुरक्षा श्रमिक सम्मलित रहे हैं।आरोपी मैकू लाल अगरिया के पास से जप्त किए गए भरमार एवं भरमार बनाने के अन्य सामग्रियों से ऐसा लगता है कि वह अवैध हथियार बनाने का कई वर्षों से काम कर रहा है।
ज्ञातव्य हो कि अनूपपुर वन मंडल के जैतहरी,राजेंद्रग्राम एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यप्राणी चीतल,जंगली,सुअर,मोर,सेही जैसे अनेकों शाकाहारी वन्यप्राणी अधिकांश संख्या में होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा समूह बनाकर अक्सर शिकार करने की हरकतें करते हैं।जिससे क्षेत्र में वन्य प्राणियों को खतरा महसूस होता है।क्षेत्र के जागरूक जनप्रतिनिधियों द्वारा नवागत वन मंडल अधिकारी से वन क्षेत्रों में अवैध रूप से किए जा रहे वन्यप्राणियों के शिकार एवं जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाने हेतु सतत निगरानी रखने ग्रामीणों के बीच जन जागरूकता हेतु समय-समय पर बैठकर करने,गोपनीय सूचना तंत्र मजबूत करने एवं निचले स्तर के वन कर्मचारियों को सतर्कता से निगरानी रखते हुए वन क्षेत्रों का भ्रमण करने की अपेक्षा की गई है।
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