(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) गुड्स ट्रेन के चलते काफी लंबे समय से यात्री ट्रेन पूरी तरह से प्रभावित है ही वही गुड्स ट्रेनों के सिंहपुर स्टेशन पर हादसे के बाद से बिलासपुर-कटनी- बिलासपुर रेल मार्ग लगभग पूरी तरह से बंद हो गया था। केवल शहडोल से कटनी एवं अनूपपुर से बिलासपुर के मध्य मेमो ट्रेन संचालित थी।यात्रियों को अनूपपुर से शहडोल के मध्य यात्रा करने में एवं अन्य स्थानों की यात्रा करने में सड़क मार्ग से यात्रा करने में काफी राशि देकर सड़क मार्ग से यात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा था।लेकिन रेलवे के अधिकारी इतने बड़े हादसे के बाद भी गुड्स ट्रेनों को बंद नहीं किए। एक लाइन चालू होते ही उनका आवागमन प्रारंभ करा दिया और यात्री ट्रेनों को रेक की कमी बताकर धीरे-धीरे प्रारंभ करना चालू किया।लेकिन यात्रियों की लगभग चार-पांच दिन बुरी तरह से फजीहत हो गई और रेलवे को भी भारी राजस्व का नुकसान हुआ।पूर्व से तय यात्राओं के रिजर्वेशन निरस्त कराने पड़े एवं सड़क मार्ग से काफी ज्यादा राशि देकर प्राइवेट वाहनों के माध्यम से गंतव्य की ओर जाना पड़ा। रेलवे अपनी कमाई के आगे यात्री ट्रेनों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा जिसके कारण यात्रियों की बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन में बुरी फजीहत हो रही है। पूर्व से चलती ट्रेनों के स्टॉपेज कोरोना के बाद बंद कर दिए गए।अब वाहवाही लूटने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रेलवे कार्यक्रम आयोजित कर ट्रेनों के स्टॉपेज घोषित करता है और ट्रेनों को रवाना करता है। यह रेलवे का चुनाव के समय एक नया शिगूफा है। जिसे आम जनता अच्छी तरह से समझती है।रेलवे अपनी मनमानी के आगे आम जनता की आवाज को सुनती नहीं।आंदोलन करने पर एफआईआर करा देती है और आम नागरिकों को कानूनी अड़चनों में फंसा कर परेशान करने का काम करती है।आज तक उड़ीसा में मिनिमम टिकट दर लोकल ट्रेनों की 10 रुपए मात्र है।चक्रधरपुर डीआरएम ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी एवं एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया कम से कम 30 रुपए है। लेकिन बिलासपुर रेल मंडल अपने यहां किराया कम करने का नाम नहीं ले रहा।आजतक छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बहाल नहीं कर रहा।तमाम तरह के नियम कानून बताकर रेलवे ट्रेनों के स्टॉपेज बंद कर रखा है और जब दमदार वकालत हो जाती है तो वही स्टॉपेज बहाल कर दिए जाते हैं।छोटे-छोटे स्टेशनों के मार्फत शहरों के व्यापार चलते हैं। लेकिन रेलवे को गुड्स ट्रेनों के आय के आगे यात्री ट्रेनों के स्टॉपेज से कोई लेना-देना नहीं।आम नागरिक 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने का मन बना चुकी है यदि अभी भी समय रहते भारतीय जनता पार्टी के लोग सचेत नहीं हुए तो 2023 के विधानसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की फजीहत अपनी आंखों के सामने होते देखेंगे।आम जनता का दर्द भाजपा के लोगों को अभी तक समझ में नहीं आ रहा।शहडोल संसदीय क्षेत्र की भाजपा की सांसद कभी भी रेलवे के दुख दर्द को समझने की कोशिश नहीं की।जिसका परिणाम है प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद भी उनकी कोई मांग आज दिनांक तक पूरी नहीं हुई।आज वह हंसी की पात्र बन चुकी है।बल्कि पड़ोसी राज्य की सांसद रेणुका सिंह के प्रयासों से लोगों को रेल सुविधाएं मिली और वह जगजाहिर भी है।अब चुनाव काफी नजदीक है,अब देखना है कि आने वाले दिनों में रेलवे यात्रियों को सुविधाएं देता है या फिर इन्हीं यात्रियों से भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना पसंद करता है।
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