(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में और अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों की जांच की अपनी मांग पर जोर देने के लिए कांग्रेस जय भारत सत्याग्रह शुरू करेगी।इसी को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे जिसमें प्रमुख रुप से पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर अध्यक्ष फुंदेलाल सिंह मार्को,मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रेम कुमार त्रिपाठी,प्रदेश उपाध्यक्ष नगेंद्र नाथ सिंह,जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अनूपपुर रमेश कुमार सिंह,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रामखेलावन राठौर, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष जीवेन्द्र जनपद पंचायत जैतहरी के अध्यक्ष राजीव कमलनाथ फोरम के जिला अध्यक्ष सतेंद्र स्वरूप दुबे आदि उपस्थित रहे।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनूपपुर प्रेम कुमार त्रिपाठी, ने बताया कि अपने "परम मित्र" अडानी को बचाने के लिए पीएम मोदी लोकतंत्र का गला घोंट रहें हैं।
राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में अडानी महा घोटाले पर 2 सीधे सवाल पूछे-क्या अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपए या 3 बिलियन डॉलर हैं..?अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है।यह पैसा कहां से आया...? किसका काला धन है...? ये किसकी शेल कंपनियां हैं...? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही है।कोई क्यों नहीं जानता...?यह किसका पैसा है...? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है।कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है...? वह पहला सवाल था।प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है...? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में हवाई अड्डों के बारे में,श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और श्री अडानी की तस्वीरें,जिन्होंने कथित तौर पर 51 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था के बारे में दस्तावेज दिए।यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था।अडानी के घोटाले पर संसद में राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला फिरसे शुरू हो गया।राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से ) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। क्यों... ?
संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में,भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कररही है और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है।जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर जेपीसी(संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है।राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया।लोक सभा अध्यक्ष को राहुल जी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें।इस के बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष जी ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया।इससे साफ़ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो।बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है।सबसे पहले उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने "विदेशी ताकतों" से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा।ये एक सफेद झूठ है, अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें,तो उन्होंने कहा कि ये "भारत का अंदरूनी मामला है,हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।"दूसरा भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया,क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए "भारतजोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है,वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है...? तीसरा सूरत,गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए "बिजली की गति से काम किया,भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है... ? भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है।सबसे पहले राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि "सारे मोदी चोर हैं"।उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया।दूसरा न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है और उनकी जाति जो भी हो क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की,भाजपा धोखेबाजोंऔर भगोड़ों को क्यों बचा रही है...? तीसरा कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है। राहुल गांधी और कांग्रेस नहीं डरेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हम सीधे लोगों के पास गए और उनकी चिंताओं को सुना महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और संस्थानों पर कब्जा, इन सब मुद्दों को उठाया।हम लोगों के इन मुद्दों को उठाते रहेंगे और अपना संदेश सीधे लोगों तक पहुंचाते रहेंगे।आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है।दूसरी और भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं।उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद आर.के. सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था लेकिनउन्हें केवल 1 साल महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौला या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेज़ों ने सजा दी।अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की।अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए सीधा निशाना साध रही है।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनूपपुर प्रेम कुमार त्रिपाठी, ने बताया कि अपने "परम मित्र" अडानी को बचाने के लिए पीएम मोदी लोकतंत्र का गला घोंट रहें हैं।
राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में अडानी महा घोटाले पर 2 सीधे सवाल पूछे-क्या अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपए या 3 बिलियन डॉलर हैं..?अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है।यह पैसा कहां से आया...? किसका काला धन है...? ये किसकी शेल कंपनियां हैं...? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही है।कोई क्यों नहीं जानता...?यह किसका पैसा है...? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है।कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है...? वह पहला सवाल था।प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है...? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में हवाई अड्डों के बारे में,श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और श्री अडानी की तस्वीरें,जिन्होंने कथित तौर पर 51 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था के बारे में दस्तावेज दिए।यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था।अडानी के घोटाले पर संसद में राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला फिरसे शुरू हो गया।राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से ) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। क्यों... ?
संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में,भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कररही है और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है।जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर जेपीसी(संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है।राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया।लोक सभा अध्यक्ष को राहुल जी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें।इस के बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष जी ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया।इससे साफ़ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो।बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है।सबसे पहले उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने "विदेशी ताकतों" से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा।ये एक सफेद झूठ है, अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें,तो उन्होंने कहा कि ये "भारत का अंदरूनी मामला है,हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।"दूसरा भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया,क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए "भारतजोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है,वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है...? तीसरा सूरत,गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए "बिजली की गति से काम किया,भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है... ? भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है।सबसे पहले राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि "सारे मोदी चोर हैं"।उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया।दूसरा न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है और उनकी जाति जो भी हो क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की,भाजपा धोखेबाजोंऔर भगोड़ों को क्यों बचा रही है...? तीसरा कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है। राहुल गांधी और कांग्रेस नहीं डरेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हम सीधे लोगों के पास गए और उनकी चिंताओं को सुना महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और संस्थानों पर कब्जा, इन सब मुद्दों को उठाया।हम लोगों के इन मुद्दों को उठाते रहेंगे और अपना संदेश सीधे लोगों तक पहुंचाते रहेंगे।आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है।दूसरी और भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं।उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद आर.के. सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था लेकिनउन्हें केवल 1 साल महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौला या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेज़ों ने सजा दी।अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की।अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए सीधा निशाना साध रही है।
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