(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) विगत दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक वर्ग विशेष पर टिप्पणी करते हुए विवादित बयान दिया था कि समाज में जाति व्यवस्था पंडितों ने बनाई है। संघ प्रमुख का यह बयान समूचे भारतवर्ष में पंडित समुदाय के ऊपर सामाजिक व्यवस्था के दोषारोपण के समान साबित हुआ और पंडितों पर की गई इस टिप्पणी पर एक ओर पंडितो में आक्रोश व्याप्त है तो दूसरी ओर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने इस बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत आख़िर क्या साबित करना चाहते हैं? यदि वास्तव में वर्ण व्यवस्था पंडितों ने बनाई है तो आज समाज में जाति व्यवस्था को लेकर सबसे अधिक प्रताड़ित ब्राह्मण समुदाय ही क्यों है? हालांकि इस बयान के बाद संघ प्रमुख ने सफाई देते हुए कहा था कि पंडितो से मेरा अभिप्राय विद्वानों से है, उनके इस कथन से भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि विद्वानों ने ऐसी व्यवस्था बनाई है तो अवश्य ही वह समाज के हित में होगी।
संघ प्रमुख के द्वारा दिया गया बयान पूरे देश में एक अलग ही राजनीतिक उथल पुथल मचा रखा है और आन्तरिक समीकरण सक्रिय हो गए हैं। इस बयान पर मां नर्मदा के आशीर्वाद से अभिसिंचित परमधर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने कड़े शब्दों मे कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक ओर हिंदुओं के लिए हितैषी होने का ढोंग करते हैं तो दूसरी ओर संघ प्रमुख के द्वारा पंडितो के लिए दिया गया बयान पंडितों को दोषी करार देता है। हिन्दुत्व के नाम पर राजनीति कर समूचे भारतवर्ष में नाम बनाने के बाद आज ब्राह्मणों पर ऐसी टिप्पणी करना संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा पंडितों के अपमान के अतिरिक्त कुछ और नहीं हो सकता है। संघ प्रमुख ने हिंदुत्व और हिंदुओं को ढाल बनाकर भारत भूमि पर एक मजबूत संगठन बनाने में कामयाबी हासिल की और आज उन्हीं पर प्रश्न चिन्ह लगाकर आख़िर क्या साबित करना चाहते हैं संघ प्रमुख? श्रीधर शर्मा ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत एक बड़े वोटबैंक को एक पार्टी विशेष के लिए खुश करने के उद्देश्य से चुनाव की महक आते ही यह बयान राजनीतिक बयान दिया है,जिससे कि एक बड़ा वोट बैंक खुश हो सके। श्रीधर शर्मा ने समस्त ब्राह्मण समुदाय को एकजुट होकर ऐसे स्वयंसेवी लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा है कि देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाने वाले ऐसे स्वयं हितैषी संगठनों के चंगुल से बाहर निकल कर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए एकजुट हों। श्री शर्मा ने कहा कि क्या ऐसे ही हिन्दुत्व की रक्षा करेंगे संघ प्रमुख मोहन भागवत? क्या इसी तर्ज पर अखण्ड भारत का निर्माण करेंगे और हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे संघ प्रमुख?
संघ प्रमुख के द्वारा दिया गया बयान पूरे देश में एक अलग ही राजनीतिक उथल पुथल मचा रखा है और आन्तरिक समीकरण सक्रिय हो गए हैं। इस बयान पर मां नर्मदा के आशीर्वाद से अभिसिंचित परमधर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने कड़े शब्दों मे कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक ओर हिंदुओं के लिए हितैषी होने का ढोंग करते हैं तो दूसरी ओर संघ प्रमुख के द्वारा पंडितो के लिए दिया गया बयान पंडितों को दोषी करार देता है। हिन्दुत्व के नाम पर राजनीति कर समूचे भारतवर्ष में नाम बनाने के बाद आज ब्राह्मणों पर ऐसी टिप्पणी करना संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा पंडितों के अपमान के अतिरिक्त कुछ और नहीं हो सकता है। संघ प्रमुख ने हिंदुत्व और हिंदुओं को ढाल बनाकर भारत भूमि पर एक मजबूत संगठन बनाने में कामयाबी हासिल की और आज उन्हीं पर प्रश्न चिन्ह लगाकर आख़िर क्या साबित करना चाहते हैं संघ प्रमुख? श्रीधर शर्मा ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत एक बड़े वोटबैंक को एक पार्टी विशेष के लिए खुश करने के उद्देश्य से चुनाव की महक आते ही यह बयान राजनीतिक बयान दिया है,जिससे कि एक बड़ा वोट बैंक खुश हो सके। श्रीधर शर्मा ने समस्त ब्राह्मण समुदाय को एकजुट होकर ऐसे स्वयंसेवी लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा है कि देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाने वाले ऐसे स्वयं हितैषी संगठनों के चंगुल से बाहर निकल कर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए एकजुट हों। श्री शर्मा ने कहा कि क्या ऐसे ही हिन्दुत्व की रक्षा करेंगे संघ प्रमुख मोहन भागवत? क्या इसी तर्ज पर अखण्ड भारत का निर्माण करेंगे और हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे संघ प्रमुख?
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