(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा स्वयं प्रकाश दुबे के न्यायालय ने थाना रामनगर के अपराध क्रमांक 419/15 की धारा 302,201,34 भादवि में दिनांक 20/01/2023 को आरोपी पूजा केवट पिता स्व. बिहारीलाल उम्र 27 निवासी पिपराहा चौकी रामनगर थाना बिजुरी जिला अनूपपुर तथा जयंत कुमार जैन पिता इन्दरचंद उम्र 36 निवासी भगत सिंह चौक थाना रामनगर जिला अनूपपुर को धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं 201/34 में 5-5 वर्ष का कारावास एवं 5-5 हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया गया है। मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा की गयी है।
अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 29/08/15 की रात्रि 8.30 बजे से 10.00 बजे के मध्य मृतक बिहारीलाल केवट के बग्ला दफाई राजनगर स्थित कालरी क्वाटर की है जहॉ एक राय होकर पूजा केवट एवं जयंत कुमार जैन ने मृतक का गला दबाकर हत्या कर दी और हत्या के पश्चात साक्ष्य छुपाने के लिए घटना स्थल से मृतक के शव को झीमर के जंगल में मुक्तिधाम के पास मृतक के शव को मिट्टी का तेल डालकर माचिस से आग लगाकर उसकी खोपडी को जलाकर तथा मृतक के कपडे को जंगल में झाडियों के बीच छिपा दिया तथा दिनांक 31/08/15 को आरोपी पूजा द्वारा स्वयं अपने पिता के लापता हो जाने की सूचना देकर थाना रामनगर में गुम इंशान क्रमांक 25/15 कायम कराया। जिसकी जॉच के दौरान पुलिस ने मृतक की लाश को बरामद किया तथा लाश की पहचान करायी तथा अन्य कार्यवाही करायी गयी और मर्ग कायम कर जॉच की जिसमें यह खुलासा हुआ कि मृतक आरोपी पूजा केवट का विवाह आरोपी जयंत कुमार जैन से नहीं होने दे रहा था तब दोनों ने मिलकर षडयंत्र कर योजना के तहत की मृतक को मार देने से विवाह भी हो जायेगा और आरोपी पूजा को नौकरी व सम्पत्ती भी मिल जायेगी। यह सोचकर उसकी हत्या कर दी और लाश को झीमर के जंगल में मुक्तिधाम के पास मृतक के शव को मिट्टी का तेल डालकर माचिस से आग लगाकर उसकी खोपडी को जलाकर तथा मृतक के कपडे को जंगल में झाडियों के बीच छिपा दिया।अनुसंधान के दौरान मृतक की लाश की शिनाख्तगी के अलावा डीएनए का मिलान उसकी छोटी पुत्री से कराया गया जिसका नतीजा सकारात्मक आया जिससे यह पुष्टि हुई की जली हुई लाश आरोपी पूजा केवट के पिता बिहारी लाल की ही है।आरोपीगण का मेमोरंडम लिया गया तथा घटना में मोबाईल फोन और मृतक के कपडे और मोटरसाईकिल आदि बरामद किये गये व काल डिटेल सहित अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय में अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा साक्ष्य के दौरान 23 साक्षियों एवं 89 प्रदर्शो को चिन्हित कराया गया व तर्क प्रस्तुत किये गये तर्क के दौरान डीएनए द्वारा मृतक की पहचान की पुष्टि होने तथा अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कडिया जोडकर प्रस्तुत की गयी जिससे संतुष्ट होकर माननीय न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 29/08/15 की रात्रि 8.30 बजे से 10.00 बजे के मध्य मृतक बिहारीलाल केवट के बग्ला दफाई राजनगर स्थित कालरी क्वाटर की है जहॉ एक राय होकर पूजा केवट एवं जयंत कुमार जैन ने मृतक का गला दबाकर हत्या कर दी और हत्या के पश्चात साक्ष्य छुपाने के लिए घटना स्थल से मृतक के शव को झीमर के जंगल में मुक्तिधाम के पास मृतक के शव को मिट्टी का तेल डालकर माचिस से आग लगाकर उसकी खोपडी को जलाकर तथा मृतक के कपडे को जंगल में झाडियों के बीच छिपा दिया तथा दिनांक 31/08/15 को आरोपी पूजा द्वारा स्वयं अपने पिता के लापता हो जाने की सूचना देकर थाना रामनगर में गुम इंशान क्रमांक 25/15 कायम कराया। जिसकी जॉच के दौरान पुलिस ने मृतक की लाश को बरामद किया तथा लाश की पहचान करायी तथा अन्य कार्यवाही करायी गयी और मर्ग कायम कर जॉच की जिसमें यह खुलासा हुआ कि मृतक आरोपी पूजा केवट का विवाह आरोपी जयंत कुमार जैन से नहीं होने दे रहा था तब दोनों ने मिलकर षडयंत्र कर योजना के तहत की मृतक को मार देने से विवाह भी हो जायेगा और आरोपी पूजा को नौकरी व सम्पत्ती भी मिल जायेगी। यह सोचकर उसकी हत्या कर दी और लाश को झीमर के जंगल में मुक्तिधाम के पास मृतक के शव को मिट्टी का तेल डालकर माचिस से आग लगाकर उसकी खोपडी को जलाकर तथा मृतक के कपडे को जंगल में झाडियों के बीच छिपा दिया।अनुसंधान के दौरान मृतक की लाश की शिनाख्तगी के अलावा डीएनए का मिलान उसकी छोटी पुत्री से कराया गया जिसका नतीजा सकारात्मक आया जिससे यह पुष्टि हुई की जली हुई लाश आरोपी पूजा केवट के पिता बिहारी लाल की ही है।आरोपीगण का मेमोरंडम लिया गया तथा घटना में मोबाईल फोन और मृतक के कपडे और मोटरसाईकिल आदि बरामद किये गये व काल डिटेल सहित अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय में अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा साक्ष्य के दौरान 23 साक्षियों एवं 89 प्रदर्शो को चिन्हित कराया गया व तर्क प्रस्तुत किये गये तर्क के दौरान डीएनए द्वारा मृतक की पहचान की पुष्टि होने तथा अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कडिया जोडकर प्रस्तुत की गयी जिससे संतुष्ट होकर माननीय न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
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