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मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वन नेशन,वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से खाद्यान्न की व्यवस्था की गई-बिसाहूलाल सिंह

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से खाद्यान्न की व्यवस्था की गई,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी की "ग़रीब की थाली, कभी न रहे खाली" मंशानुसार प्रदेश में यह कार्य किया गया।
                    उक्त आशय के सारगर्भित विचार 7वे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के “लॉजिस्टिक्स एंड वेयर हाउसिंग सत्र" के संबोधन में मध्यप्रदेश के खाद्य,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री

बिसाहूलाल सिंह द्वारा व्यक्त किए गए।उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में विगत 4 वर्षों में 73 लाख 29 हजार किसानों से 535.28 लाख मीट्रिक टन गेहूँ एवं धान की खरीदी की गई है।वर्ष 2020-21 में 15 लाख 94 हजार किसानों से 129.42 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित कर मध्यप्रदेश ने देश में सर्वोच्च गेहूँ उपार्जन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।मध्यप्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है।उक्त विभाग द्वारा ग़रीब एवं ग़रीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों एवं पात्र परिवारों को खाद्यान्न प्रदान किया जाता है।कोरोना महामारी के दौरान विशेषतः ग्रामीण, जो मजदूरी पर नहीं जा पा रहे थे,उनको तक़रीबन 5 माह निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया गया था।खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान जी की "ग़रीब की थाली, कभी न रहे खाली" मंशानुसार अब प्रदेश में प्रत्येक जिले के मज़दूर,जो अन्य प्रांतों में काम करते हैं, उनको भी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से खाद्यान्न की व्यवस्था भी की गई है।
            खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश हिन्दुस्तान के दिल में है।हमारे मध्यप्रदेश में पानी, बिजली, सड़क और अधोसंरचना की कोई कमी नहीं है। देश के मध्य में होने से यहाँ एयरपोर्ट और रेल सुविधा आसानी से उपलब्ध हैं। निवेशक पूरे मन से और बिना किसी संकोच के मध्यप्रदेश में निवेश करें। मध्यप्रदेश में आधुनिक तकनीक से भी भंडारण किया जा रहा है।हमारे पास चिन्हित 100-200 एकड़ ज़मीन उपलब्ध है।
            मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव द्वारा मध्यप्रदेश में क्यों निवेश? पर विस्तार से जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश देश के केंद्र में होने के साथ ही पाँच अन्य राज्यों से भी जुड़ा है। मध्यप्रदेश केंद्र में स्थित और सभी प्रमुख भारतीय शहरों और बंदरगाहों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वितरण के लिए इंटर और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी के साथ मध्यप्रदेश को भारत का केंद्र होने का विशेष लाभ है। मजबूत सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, 3 लाख कि.मी. से अधिक का मजबूत सड़क नेटवर्क, 40 से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग, 5 परिचालन हवाई अड्डे और 550 से अधिक रेल प्रदेश भर में अपना रास्ता बना रही हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ प्राकृतिक संपदा भरपूर है। मध्यप्रदेश में देश की लगभग 40 प्रतिशत सीमेंट का उत्पादन होता है। मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक उपार्जन करने वाला राज्य है।
           इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सत्र के पैनालिस्ट में प्रवीण हीरेमठ,संचालक, के.पी.एम.जी., आलोक बड़कुल, कार्यपालक संचालक, ईस्ट कॉन्कौर, अरुण पांडे, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. व राज्य सूचना अयुक्त, सौरभ वंदोपाध्याय, डिविजनल रेलवे मैनेजर,विक्रम जयसिंघानी, सीईओ, अडानी लॉजिस्टिक्स,चन्द्रकांता डे, प्रमुख,जेएलएल,डॉ. रामनाथ सुब्रमण्यम, सीईओ, टीवीएस इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स एवं अन्य शुक्ला,चीफ कस्टम ऑफिसर,वेलस्पन भी उपस्थित हुए।सभी पैनलिस्ट द्वारा अपने सुझावों को साझा करते हुए कहा गया कि मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया, कुशल कार्यबल की उपलब्धता, आधारभूत संरचना, सड़कों और रेल यातायात की सुविधा, अन्य राज्यों से समिता और भूमि की उपलब्धता मध्यप्रदेश में निवेश के लिए उपयुक्त है।यहाँ पर लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ है।मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बिसाहूलाल सिंह जी, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव एवं दीपक सक्सेना जी, प्रबंध संचालक, वेयरहाउस द्वारा सेक्टोरल प्रजेंटेशन के दौरान विभिन्न राज्यों से आये उद्यमियों के अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर एवं उन्हें उपयुक्त जानकारी दी गई।

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