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मत्स्य स्पान बिक्री से प्राप्त राजस्व में शहडोल संभाग में अनूपपुर जिला अव्वल

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) अच्छे नस्ल के मत्स्य बीज सही समय और सही संख्या में तालाब के संचयन करना अच्छे और सफल मत्स्य उत्पादन की सबसे महत्वपूर्ण आवश्‍यकता है।जिले का मत्स्योद्योग विभाग द्वारा पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के राजेन्द्रग्राम में सरकुलर हैचरी वर्ष 2014-15 से संचालित है। जिसमें जीरा स्पान (अण्डा से बाहर निकले 3 दिनों का मछली का बच्चा) मत्स्यपालकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मत्स्योद्योग सहायक संचालक एस.एस.मिश्रा ने बताया कि जिले के 3 संवर्धन प्रक्षेत्रों राजेन्द्रग्राम, कोहका एवं सामतपुर में स्पान संवर्धन कर मत्स्य पालकों को फ्राई,फिंगरलिंग मत्स्य बीज उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। 
                वर्ष 2022-23 में सरकुलर हैचरी से 375 लाख स्पान का उत्पादन किया गया, जिसमें से 245 लाख का जिले में संवर्धन किया गया है तथा 110 लाख शहडोल जिले को विभागीय संवर्धन हेतु प्रदान किया गया व 20 लाख स्पान निजी क्षेत्र में विक्रय किया गया।उन्होंने विभाग की उपलब्धि बताते हुए कहा है कि जिले में संवर्धित 245 लाख स्पान से 51.39 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई का उत्पादन कर मत्स्य पालकों को विक्रय किया गया।जिससे विभाग को 8.53 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है,जो शहडोल संभाग में सर्वाधिक है।

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