Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

प्रदेश के साथ नगर के स्वर्णिम विकास में साथ दें-सुनील

 

नगर परिषद डूमरकछार
 में 67वां स्थापना दिवस सम्पन्न 
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश का 67 वां स्थापना दिवस कार्यक्रम नगर परिषद डूमरकछार कार्यालय मे मुख्य नगरपालिका अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला की अध्यक्षता, नगर परिषद डूमरकछार के अध्यक्ष सुनील कुमार चौरसिया  के मुख्य अतिथि व उपाध्यक्ष कंचना मेहता के गरिमामय आतिथ्य में संपन्न हुआ।
                 कार्यक्रम मेें अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष ,सीएमओ सहित पार्षद सरिता यादव,चंदा देवी महरा,रवि सिंह,राकेश दीवान, रंजीत वर्मा ने मॉ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।  
                       इसके उपरांत नगर परिषद अध्यक्ष सुनील कुमार चौरसिया ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान (जन गण मन) का गायन किया।इस मौके पर पार्षद राकेश दीवान,रवि सिंह,रंजीत वर्मा, सरिता यादव,चंदा देवी महरा, जीतेंद्र चौहान,रंजीत वर्मा एवं सभी नगर परिषद कर्मचारी सहित विभिन्न विभागों के शासकीय सेवक व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
                       मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सीएमओ राकेश कुमार शुक्ला ने सभी नगर वासियो,पार्षदगण, व कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी।
                      स्थापना दिवस के अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष सुनील कुमार चौरसिया ने सभी नागरिक,पार्षदगण, कर्मचारियों को शुभकामना देते हुए भारत माता की जयकारों के सांथ अपना उद्बोधन प्रारंभ किया उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार नही थी तो इस तरह के कार्यक्रम बहुत कम हुआ करते थे। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार अपने कर्मचारियों के माध्यम से क्षेत्र के जनता को यह संदेश देती है की कार्यक्रम की विषयवस्तु से गरिमा को समझ सके।श्री चौरसिया ने राष्ट्रीयता के भाव को दिखाने के कई तरीके एवं अनुभवो को भी सांझा किया। हर व्यक्ति के अंदर राष्ट्र भक्ति और प्रेम का भाव होता है जिससे हमारा देश, समाज, हमारा मोहल्ला,हमारा नगर सदैव प्रगति के पथ पर आगे बढता रहता है।इसी भाव को समाज हित मे निरंतर बनाए रखने के लिए इस तरह के समाजिक कार्यक्रमो का आयोजन होता है।श्री चौरसिया ने बताया कि मध्यप्रदेश की स्थापना 01 नवंबर 1956 को हुई थी और इसे 01 नवंबर 2000 को एक नया छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए पुनर्गठित किया गया था।यह देश के मध्य मे स्थित होने से जो नक्शे पर भी दर्शाता है इस राज्य का नाम मध्यप्रदेश पड़ा।जिसे पूरे देश का हृदय भी कहा जाता है।मध्यप्रदेश की राजधानी पहले नागपुर थी जो अब भोपाल है।श्री चौरसिया ने स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी नागरिक,पार्षद,कर्मचारियों,समाज सेवियों से आग्रह करते हुए कहा कि समाज की उन्नति,तरक्की,उत्थान के विषय मे कोई भी व्यक्ति छोटे से छोटे जनप्रतिनिधि, कर्मचारी का वही महत्व है जो प्रदेश के बड़े पदों पर बैठे जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का है,कलेक्टर का है।
कर्मचारी हो या जनप्रतिनिधि वह जिस जगह पर है अगर वह अपने दायित्वों का निर्वहन नही करेंगे तो समृद्धि खुशहाली कैसे आएगी।श्री चौरसिया ने आगे कहा है कि अधिकारी कर्मचारी शासन के नियमो के अनुसार अपने कार्यो को करते है जिसका लाभ जनता को मिलता है।सभी को साथ मिलकर प्रदेश के साथ नगर के स्वर्णिम विकास में अपना योगदान देते हुए कंधे से कंधा मिलाकर सामाजिक मुद्दों,शासन की योजनाओं को आगे बढ़ाने का आग्रह भी श्री चौरसिया ने किया।

Post a Comment

0 Comments