(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अनूपपुर जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के विशेष प्रकरण क्र. 13/2019 थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्र. 490/18 धारा 363, 366ए, 376, 376(2)(सी) भादवि एवं 3, 4, 5(जे)(II) पॉक्सों एक्ट के आरोपी नीरज पटेल पिता प्रकाश पटेल उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम छिल्पा थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर (म.प्र.) को धारा 363 भादवि में 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड, धारा 342 भादवि में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 376 (2)(झ) भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड, एवं धारा 5एल/6 पॉक्सों अधिनियम में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। जेल की सभी सजाएं एक साथ चलने के कारण कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 5500 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई हैं,प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक(पॉक्सो) जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा की गयी।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए रामनरेश गिरि ने बताया कि वर्ष 2018 की फरवरी माह में ग्राम फुनगा में हो रही भागवत में पहुंची पीडिता से अभियुक्त की मुलाकात होने पर दोनों के मध्य बात-चीत शुरू हुई,उसी दौरान अभियुक्त ने पीडिता से कहा कि वह उससे प्यार मोहब्बत करता है और शादी करना चाहता है,परन्तु पीडिता के द्वारा मना कर दिया गया,उसके बाद भी अभियुक्त ने उसी माह में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा था,तब पीडिता ने मना कर दिया।जब पीडिता मार्च माह में अपने हायर सेकेण्डरी परीक्षा का पेपर देकर स्कूल से बाहर निकली तो अभियुक्त उसे मिला और अपनी मोटर साइकिल में बैठा कर एकांत जंगल की ओर ले जाकर खेत के सुनसान स्थान पर उसके साथ गलत काम करते हुए उसे मोटर साइकिल से वापस लाकर फुनगा चौक पर छोड दिया।जब पीडिता पुन: 01 अप्रैल को स्कूल खुलने पर स्कूल जाने लगी तो अभियुक्त उसे रास्ते में मिला और उसे पुन: अपनी मोटर साइकिल में बैठाकर जंगल की ओर ले जाकर गलत काम करता था,उसके बाद भी उसके साथ जब भी अभियुक्त उससे मिलता था शारीरिक संबंध बनाता था,जब पीडिता को अपने गर्भवती होने पर उसे दर्द का एहसास हुआ तो उसने अपनी मां को बतायी और आस्पताल आयी,जहां पर उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया, जिसके संबंध में अस्पतालीय तहरीर प्राप्त होने पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया।पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर पीडिता का परीक्षण एवं उसके नवजात शिशु का पंचनामा बनाते हुए पीडिता तथा उसके परिजन के कथन लेखबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया,सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया,जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी रामनरेश गिरि द्वारा की गई जिसमें उन्होंने मामले को साबित करने के लिए 20 गवाहों का परीक्षण एवं 32 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 31 अक्टूबर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए रामनरेश गिरि ने बताया कि वर्ष 2018 की फरवरी माह में ग्राम फुनगा में हो रही भागवत में पहुंची पीडिता से अभियुक्त की मुलाकात होने पर दोनों के मध्य बात-चीत शुरू हुई,उसी दौरान अभियुक्त ने पीडिता से कहा कि वह उससे प्यार मोहब्बत करता है और शादी करना चाहता है,परन्तु पीडिता के द्वारा मना कर दिया गया,उसके बाद भी अभियुक्त ने उसी माह में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा था,तब पीडिता ने मना कर दिया।जब पीडिता मार्च माह में अपने हायर सेकेण्डरी परीक्षा का पेपर देकर स्कूल से बाहर निकली तो अभियुक्त उसे मिला और अपनी मोटर साइकिल में बैठा कर एकांत जंगल की ओर ले जाकर खेत के सुनसान स्थान पर उसके साथ गलत काम करते हुए उसे मोटर साइकिल से वापस लाकर फुनगा चौक पर छोड दिया।जब पीडिता पुन: 01 अप्रैल को स्कूल खुलने पर स्कूल जाने लगी तो अभियुक्त उसे रास्ते में मिला और उसे पुन: अपनी मोटर साइकिल में बैठाकर जंगल की ओर ले जाकर गलत काम करता था,उसके बाद भी उसके साथ जब भी अभियुक्त उससे मिलता था शारीरिक संबंध बनाता था,जब पीडिता को अपने गर्भवती होने पर उसे दर्द का एहसास हुआ तो उसने अपनी मां को बतायी और आस्पताल आयी,जहां पर उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया, जिसके संबंध में अस्पतालीय तहरीर प्राप्त होने पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया।पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर पीडिता का परीक्षण एवं उसके नवजात शिशु का पंचनामा बनाते हुए पीडिता तथा उसके परिजन के कथन लेखबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया,सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया,जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी रामनरेश गिरि द्वारा की गई जिसमें उन्होंने मामले को साबित करने के लिए 20 गवाहों का परीक्षण एवं 32 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 31 अक्टूबर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
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