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जंगल में मिली नवजात बालिका ईलाज के पश्‍चात हुई स्वस्थ कलेक्टर ने नवजात का नाम रखा अनन्या

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) जाको राखे साईंया, मार सके न कोई। उक्त उक्ति को जिला चिकित्सालय अनूपपुर में विगत 01 माह से रह रही नवजात मासूम बालिका अनन्या ने चरितार्थ किया है। ईश्‍वर जब किसी को जीवन देता है तो कोई भी ताकत उसे पुष्पित व पल्लवित होने से रोक नही सकती। वह अपना मुकाम पा ही जाता है। प्रकृति प्रदत्त इस सिद्धांत को बालिका अनन्या ने सार्थक किया है। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के मार्गदर्शन तथा महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते के निर्देशन में बाल अधिकार एवं बाल कल्याण के लिए कार्यरत बाल कल्याण समिति अनूपपुर द्वारा शिवालय शिशु गृह में नवजात बालिका अनन्या को सुरक्षित पहुंचाया गया है। समिति के सदस्य मोहनलाल पटेल, विद्यानन्द शुक्ला, सीमा यादव एवं ललित दुबे द्वारा विगत एक माह से अधिक समय से जिला चिकित्सालय अनूपपुर में ईलाजरत भर्ती नवजात बालिका को स्वस्थ होने के पश्‍चात् शिवालय शिशु गृह शहडोल में दाखिला करवाया गया। ज्ञात हो कि विगत माह जुलाई के अंतिम सप्ताह में अनूपपुर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी की दूरी पर लखनपुर गांव के आसपास के जंगल में एक नवजात बालिका के मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी। ग्रामीणों द्वारा उक्त बालिका को तत्परता के साथ जिला अस्पताल पहुंचाया गया था तथा पुलिस एवं प्रशासन को सूचित किया गया था। जहां जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.सी. राय के कुशल मार्गदर्शन में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र खेस व उनकी पैरामेडिकल टीम के सहयोग से बालिका को तत्काल उचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। जिससे बालिका पूर्ण स्वस्थ हो गई। उक्त नवजात मासूम बालिका का नामकरण नवरात्रि के पावन अवसर पर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना द्वारा किया गया। बालिका को मां पार्वती का नाम अनन्या दिया गया, जिसका अर्थ अद्वितीय तथा अतुलनीय होता है। देवी उपासना के दिनो में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना द्वारा मासूम नवजात बालिका का किया गया नामकरण उसे सचमुच अतुलनीय बनाएगा। मासूम बालिका अनन्या की परवरिश अब शिवालय शिशु गृह शहडोल में हो सकेगी। जिला चिकित्‍सालय अनूपपुर के स्‍टॉफ के बीच एक माह रहने से अनन्‍या उनकी पारिवारिक सदस्‍य जैसी हो गई थी। जब स्‍टॉफ को उसके शिवालय शिशु गृह शहडोल में दाखिला के संबंध में जानकारी दी गई तो उनके मन में जहां एक ओर संतोष का भाव था, वही उनकी मासूम अनन्‍या से लगाव का भाव तथा उससे बिछडने का गम भी उन्‍हें अनन्‍या को विदाई देते समय प्रगट हो रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे खुशी और गम के माहौल को मासूम अनन्‍या भी महसूस कर रही हो। बाल कल्याण समिति द्वारा लगातार बाल अधिकारों व सुरक्षा तथा पुनर्वास के उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। समिति द्वारा विगत वर्ष में लगभग 400 से अधिक बच्चों को पुनर्वासित किया गया है।

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