(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के अंतर्गत विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के संरक्षक महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर विक्रम सिंह बघेल ने स्वागत वक्तव्य के साथ ही वेबीनार के उद्देश्य के संदर्भ में प्रकाश डाला।
सतत विकास लक्ष्य एवं भूख मुक्त विश्व तथा विश्व खाद्य दिवस 2022 पर प्रकाश डालते हुए देवनागरी महाविद्यालय गुलावठी के भवनीत सिंह बत्रा ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों में दूसरा लक्ष्य 2030 तक भूख का पूरी तरह से उन्मूलन करना है,परंतु आंकड़े बताते हैं कि 2015 से भूख से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ने लगी है। यदि यही स्थिति रही तो 2030 तक भूख मुक्त विश्व का यह लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकेगा।भूख का सबसे ज्यादा शिकार निम्न आय वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण और बेहतर पर्यावरण को लक्षित करके खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
पीयूष त्रिपाठी ने जनसंख्या खाद्य एवं पर्यावरण पर संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनसंख्या वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि इसे मानव संसाधन में विकसित करके तथा खाद्य उत्पादन को जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाकर आर्थिक विकास की तरफ बढ़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा की उत्पादन को पर्यावरण मित्र तकनीकी के अनुरूप बढ़ाया जाना चाहिए।
डॉ.पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने समकालीन विश्व में खाद्य सुरक्षा के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां युद्ध एवं महामारी के विशेष संदर्भ में कहा युद्ध एवं महामारी खाद्यान्न उत्पादन तथा उसके वितरण को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।उन्होंने यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार मक्का तथा सूरजमुखी के तेल आदि खाद्य पदार्थों की कीमतों में वैश्विक स्तर पर वृद्धि हुई है। इसका सबसे ज्यादा शिकार अफ्रीका के गरीब देश तथा जनसंख्या की हुई है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शासकीय महाविद्यालय वेंकटनगर के प्राचार्य प्रोफेसर आर.के.सोनी ने कहा कि हमें विश्व को भूख मुक्त बनाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देना होगा।
इसके पूर्व कार्यक्रम के संयोजक अमित भूषण द्विवेदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि भूख तथा पोषण कैसे पूरे विश्व के समक्ष एक नैतिक विषय हैं। कार्यक्रम का संचालन ज्ञान प्रकाश पाण्डेय ने किया तथा आभार ज्ञापन प्रीति वैश्य ने किया।इस अवसर पर डॉ. जे.के.संत, शहबाज़ खान,विनोद कुमार कोल, डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार(गौतम बुद्ध नगर), डॉ.साफिया जेहरा(पंचमढ़ी), रश्मि चौहान(दतिया),कमलेश चावले,शीतल द्विवेदी, बृजेन्द्र सिंह, डॉ. तरन्नुम सरबत,रामबाबू तिवारी,नरेंद्र गुप्ता के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहें।
सतत विकास लक्ष्य एवं भूख मुक्त विश्व तथा विश्व खाद्य दिवस 2022 पर प्रकाश डालते हुए देवनागरी महाविद्यालय गुलावठी के भवनीत सिंह बत्रा ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों में दूसरा लक्ष्य 2030 तक भूख का पूरी तरह से उन्मूलन करना है,परंतु आंकड़े बताते हैं कि 2015 से भूख से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ने लगी है। यदि यही स्थिति रही तो 2030 तक भूख मुक्त विश्व का यह लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकेगा।भूख का सबसे ज्यादा शिकार निम्न आय वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण और बेहतर पर्यावरण को लक्षित करके खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
पीयूष त्रिपाठी ने जनसंख्या खाद्य एवं पर्यावरण पर संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनसंख्या वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि इसे मानव संसाधन में विकसित करके तथा खाद्य उत्पादन को जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाकर आर्थिक विकास की तरफ बढ़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा की उत्पादन को पर्यावरण मित्र तकनीकी के अनुरूप बढ़ाया जाना चाहिए।
डॉ.पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने समकालीन विश्व में खाद्य सुरक्षा के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां युद्ध एवं महामारी के विशेष संदर्भ में कहा युद्ध एवं महामारी खाद्यान्न उत्पादन तथा उसके वितरण को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।उन्होंने यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार मक्का तथा सूरजमुखी के तेल आदि खाद्य पदार्थों की कीमतों में वैश्विक स्तर पर वृद्धि हुई है। इसका सबसे ज्यादा शिकार अफ्रीका के गरीब देश तथा जनसंख्या की हुई है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शासकीय महाविद्यालय वेंकटनगर के प्राचार्य प्रोफेसर आर.के.सोनी ने कहा कि हमें विश्व को भूख मुक्त बनाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देना होगा।
इसके पूर्व कार्यक्रम के संयोजक अमित भूषण द्विवेदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि भूख तथा पोषण कैसे पूरे विश्व के समक्ष एक नैतिक विषय हैं। कार्यक्रम का संचालन ज्ञान प्रकाश पाण्डेय ने किया तथा आभार ज्ञापन प्रीति वैश्य ने किया।इस अवसर पर डॉ. जे.के.संत, शहबाज़ खान,विनोद कुमार कोल, डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार(गौतम बुद्ध नगर), डॉ.साफिया जेहरा(पंचमढ़ी), रश्मि चौहान(दतिया),कमलेश चावले,शीतल द्विवेदी, बृजेन्द्र सिंह, डॉ. तरन्नुम सरबत,रामबाबू तिवारी,नरेंद्र गुप्ता के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहें।
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