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06 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया 20 वर्ष का सश्रम कारावास

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्याययालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के दाण्डिक प्रकरण क्र. 30/2019 थाना चचाई के अपराध क्र. 165/19 धारा 376(ए,बी), 450, 449, 342 भादवि एवं 5/6 पॉक्सों एक्ट के आरोपी आकाश सिंह गोंड ऊर्फ गोविंद सिंह उर्फ अक्की पिता कालिका सिंह गोंड उम्र 22 वर्ष निवासी बसंतपुर दफाई अमलाई,थाना चचाई जिला अनूपपुर (म.प्र.) को धारा 342 भादवि में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपयें के अर्थदण्ड,धारा 450 भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड  धारा 376(ए,बी) में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 5(एम)/6 पॉक्सों अधिनियम की धारा में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये अर्थदण्डअ से दण्डित किया है।जेल की सभी सजाएं एक साथ चलने के कारण कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई हैं।प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक रामनरेश गिरि द्वारा की गयी है।  
          अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 06/07/2019 को दोपहर करीब 12.30 बजे 06 वर्षीय पीडिता अपने घर के सामने एक बच्चे के साथ खेल रही थी उसी समय अभियुक्त वहां आया और पीडिता का हाथ पकडकर उसके घर में ले जाकर दरवाजा बंद करते हुए घर के अंदर रखे तखत जिसके ऊपर कथरी बिछी हुई थी उस पर लेटाकर उसके साथ बलात्संग की घटना कारित की।पीडिता की दादी के घर आने पर जब उसने दरवाजा खटखटाया तो पीडिता बोली कि गोंविद चाचा अंदर से सांकल बंद कर दिए है और मैं नही खोल पा रही हूं।तब आरोपी कमरे के अंदर कपडे पहनकर सांकल खोलकर वही घर के अंदर छिप गया और जाला साफ करने का बहाना बताकर और मछली पकडने जाने की बात कहकर वहा से चला गया।पीडिता के दादी पीडिता ने उसे अभियुक्त द्वारा कारित की गई घटना की जानकारी दी।जिसे उसने उसकी मां को घटना की बात बताते हुए पीडिता के साथ आकर थाने शिकायत की।प्रकरण को राज्य शासन के द्वारा जिला स्तरीय कमेटी के माध्याम से जघन्य एवं सनसनीखेज की सूची में शामिल किया गया,प्रकरण की विवेचना श्रीमान् कलेक्टर महोदय सुश्री सोनिया मीना एवं पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के निर्देशन में पूरा करते हुए जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के समक्ष समीक्षा हेतु प्रस्तुत की गई।समीक्षा उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया,जहां विचारण उपरान्त माननीय न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।विशेष लोक अभियोजक ने अभियोजन की ओर से प्रकरण में मामले को साबित करने के लिए 19 गवाहों का परीक्षण एवं 33 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया जिस पर माननीय न्यायालय ने दिनांक 18/10/2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया हैं।प्रकरण में राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक की हैसियत से रामनरेश गिरि के अलावा राजगौरव तिवारी भी उपस्थित हुए।माननीय न्यायालय ने पीडिता के मानसिक एवं शैक्षणिक विकास की आवश्यकताओं को देखते हुए पॉक्सों अधिनियम 2020 के तहत 4 लाख रूपये प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने का भी आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दिया है।

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