(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग,महिला बाल विकास,जनजातीय कार्य, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न हुई।कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय,जिला शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.बी.चौधरी,महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते,जिला शिक्षा अधिकारी टी.आर.आर्मो,सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक हेमन्त खैरवाल सहित खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने भारत सरकार के निर्देशानुसार निश्चित दिन की रणनीति के तहत वर्ष 2022-23 में मास डिवार्मिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रदेश में 13 सितम्बर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस तथा 16 सितम्बर को मॉक अप दिवस का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत शासकीय तथा अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं,आदिवासी आश्रम शालाओं,निजी अनुदान प्राप्त शालाओं,केन्द्र शासित स्कूलों,मदरसों,स्थानीय निकाय के शालाओं,आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाईल्ड केयर इंस्टीट्यूट में 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों का कृमि नाशन किया जाएगा,ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो।
उन्होंने कार्यशाला में बताया कि अनूपपुर जिले में भी 13 सितम्बर 2022 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में एलबेन्डा जॉल 400 एमजी गोली का सेवन बच्चों में कृमि संक्रमण व्यक्तिगत अस्वच्छता तथा संक्रमित दूषित मिट्टी के सम्पर्क से संभावित होता है।कृमि संक्रमण से बच्चों का जहां एक ओर शारीरिक और बौद्धिक विकास बाधित होता है वही दूसरी ओर उनमें खून की कमी और पोषण स्तर पर दुष्प्रभाव परिलक्षित होता है।अतःउन्होंने अंतर्विभागीय अधिकारियों से समन्वय के साथ 1 से 19 वर्ष के बच्चों का कृमि नाशन करने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित एक साक्ष्य आधारित सकारात्मक रणनीति के तहत कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की अपील की है।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने भारत सरकार के निर्देशानुसार निश्चित दिन की रणनीति के तहत वर्ष 2022-23 में मास डिवार्मिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रदेश में 13 सितम्बर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस तथा 16 सितम्बर को मॉक अप दिवस का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत शासकीय तथा अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं,आदिवासी आश्रम शालाओं,निजी अनुदान प्राप्त शालाओं,केन्द्र शासित स्कूलों,मदरसों,स्थानीय निकाय के शालाओं,आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाईल्ड केयर इंस्टीट्यूट में 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों का कृमि नाशन किया जाएगा,ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो।
उन्होंने कार्यशाला में बताया कि अनूपपुर जिले में भी 13 सितम्बर 2022 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में एलबेन्डा जॉल 400 एमजी गोली का सेवन बच्चों में कृमि संक्रमण व्यक्तिगत अस्वच्छता तथा संक्रमित दूषित मिट्टी के सम्पर्क से संभावित होता है।कृमि संक्रमण से बच्चों का जहां एक ओर शारीरिक और बौद्धिक विकास बाधित होता है वही दूसरी ओर उनमें खून की कमी और पोषण स्तर पर दुष्प्रभाव परिलक्षित होता है।अतःउन्होंने अंतर्विभागीय अधिकारियों से समन्वय के साथ 1 से 19 वर्ष के बच्चों का कृमि नाशन करने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित एक साक्ष्य आधारित सकारात्मक रणनीति के तहत कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की अपील की है।
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