(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चर्म रोग से ग्रसित संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाकर स्वास्थ्य संस्था पर उपचार प्रदान किए जाने के संबंध में 12 से 30 सितम्बर 2022 तक अभियान चलाया जाएगा।
उक्त आशय की जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में 5 सितम्बर सोमवार को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, जनजातीय कार्य विभाग, षिक्षा विभाग के अधिकारियों की डीटीएफ कार्यशाला में दी। इस अवसर पर इन विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने कहा कि समाज को कुष्ठ एवं कुष्ठ से होने वाली विकृति से बचाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय से कार्य किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है। जिसकी पहचान करके रोगी का ईलाज कर विकृति से बचाया जा सकता है।
जिसके लिए आशा एवं पुरुष कार्यकर्ता गठित दल द्वारा प्रत्येक घर में गृह आधारित भेंट करेंगे व अभियान के दौरान प्रत्येक घर में समस्त व्यक्तियों पुरुषों, महिलाओं व बच्चों का परीक्षण करेंगे।उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से छोटे बच्चों का परीक्षण नही किया जाएगा।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग के कारण स्किन (त्वचा) म्यूकोसा (अंगों का अंदरूनी भाग) और नसें प्रभावित होती हैं। यदि समय पर इसका ईलाज नही किया जाए तो एक व्यक्ति से यह दूसरे व्यक्ति में फैलता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगी की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सकता है। जिससे उपचार उपरांत कुष्ठ रोगी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। सीएमएचओ डॉ. राय ने अंतर्विभागीय अधिकारियों से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की अपेक्षा व्यक्त की है।
उक्त आशय की जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में 5 सितम्बर सोमवार को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, जनजातीय कार्य विभाग, षिक्षा विभाग के अधिकारियों की डीटीएफ कार्यशाला में दी। इस अवसर पर इन विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने कहा कि समाज को कुष्ठ एवं कुष्ठ से होने वाली विकृति से बचाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय से कार्य किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है। जिसकी पहचान करके रोगी का ईलाज कर विकृति से बचाया जा सकता है।
जिसके लिए आशा एवं पुरुष कार्यकर्ता गठित दल द्वारा प्रत्येक घर में गृह आधारित भेंट करेंगे व अभियान के दौरान प्रत्येक घर में समस्त व्यक्तियों पुरुषों, महिलाओं व बच्चों का परीक्षण करेंगे।उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से छोटे बच्चों का परीक्षण नही किया जाएगा।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग के कारण स्किन (त्वचा) म्यूकोसा (अंगों का अंदरूनी भाग) और नसें प्रभावित होती हैं। यदि समय पर इसका ईलाज नही किया जाए तो एक व्यक्ति से यह दूसरे व्यक्ति में फैलता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगी की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सकता है। जिससे उपचार उपरांत कुष्ठ रोगी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। सीएमएचओ डॉ. राय ने अंतर्विभागीय अधिकारियों से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की अपेक्षा व्यक्त की है।
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