शास.तुलसी महावि.में शिक्षक पर्व
का हुआ आयोजन
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) अनूपपुर (अंंचलधारा) 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में शिक्षक पर्व का आयोजन किया गया,जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विक्रम सिंह बघेल, विशिष्ट अतिथि डॉ.जे.के. संत सहित महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. गीतेश्वरी पाण्डे,प्रीति वैश्य,प्रो.संगीता बासरानी, डॉ.देवेन्द्र सिंह बागरी, प्रो.विनोद कोल,प्रो. कमलेश चावले, प्रो.पूनम धाण्डे तथा डॉ.बृजेन्द्र सिंह,डॉ. शैली अग्रवाल, प्रो.दिवाकर, प्रो.संजीव द्विवेदी, प्रो.गंगेश कुमार,छाया श्याम,तरन्नुम सरबत उपस्थित थे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विक्रम सिंह बघेल ने विद्यार्थियों के समक्ष अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें जीवन में विनम्रतापूर्वक व्यवहार, दृढ़ इच्छाशक्ति,अनुशासन एवं अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होकर कार्य करने जैसे सफलता के सूत्र बताए।डॉ.जे.के. संत ने डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है,उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा सुकरात का उदाहरण देते हुए समझाया कि हमें अपने रूप को नहीं अपने गुणों को बढ़ाना चाहिए।उन्होंने एकलव्य का उदाहरण देकर कहा कि विद्यार्थियों का गुरु के प्रति समर्पण एवं अभ्यास उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचाता है।कार्यक्रम में गोमती सिंह, सेजल गुप्ता,विजयलक्ष्मी सिंह,इच्छा गौतम,सरस्वती चौधरी,सपना चर्मकार,विकास सिंह, कुसुम केवट,श्यामवती बंजारा सहित कई छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र के विकास में शिक्षक का योगदान विषय पर भाषण एवं अल्पी गुप्ता ने कविता व डीलन सिंह ने गीत के साथ ही,अपने शिक्षकों के साथ उनके अनुभवों को भी प्रस्तुत किया।साथ ही संगीता बासरानी, डॉ.श्वेत श्रीवास्तव व कमलेश चावले ने अपने शिक्षकों को याद कर अपने अनुभवों द्वारा विद्यार्थियों को जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.श्वेता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। प्रीति वैश्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया।अंत में समस्त विद्यार्थियों को मिष्ठान्न वितरण किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विक्रम सिंह बघेल ने विद्यार्थियों के समक्ष अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें जीवन में विनम्रतापूर्वक व्यवहार, दृढ़ इच्छाशक्ति,अनुशासन एवं अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होकर कार्य करने जैसे सफलता के सूत्र बताए।डॉ.जे.के. संत ने डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है,उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा सुकरात का उदाहरण देते हुए समझाया कि हमें अपने रूप को नहीं अपने गुणों को बढ़ाना चाहिए।उन्होंने एकलव्य का उदाहरण देकर कहा कि विद्यार्थियों का गुरु के प्रति समर्पण एवं अभ्यास उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचाता है।कार्यक्रम में गोमती सिंह, सेजल गुप्ता,विजयलक्ष्मी सिंह,इच्छा गौतम,सरस्वती चौधरी,सपना चर्मकार,विकास सिंह, कुसुम केवट,श्यामवती बंजारा सहित कई छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र के विकास में शिक्षक का योगदान विषय पर भाषण एवं अल्पी गुप्ता ने कविता व डीलन सिंह ने गीत के साथ ही,अपने शिक्षकों के साथ उनके अनुभवों को भी प्रस्तुत किया।साथ ही संगीता बासरानी, डॉ.श्वेत श्रीवास्तव व कमलेश चावले ने अपने शिक्षकों को याद कर अपने अनुभवों द्वारा विद्यार्थियों को जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.श्वेता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। प्रीति वैश्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया।अंत में समस्त विद्यार्थियों को मिष्ठान्न वितरण किया गया।
0 Comments