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जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक में कलेक्टर ने कहा निःसहाय लोगों को समर्पित सेवा भावना से लाभान्वित करें

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) समेकित बाल संरक्षण वात्सल्य योजनांतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित की गई। बैठक में सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक के.के. सोनी, उप पुलिस अधीक्षक मान सिंह टेकाम, ए.जे.के. डीएसपी राहुल सैयाम, होमगार्ड के जिला कमाण्डेंट जे.पी. उईके, पीआरओ अमित श्रीवास्तव, श्रम निरीक्षक सुश्री स्‍नेहा जायसवाल, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य शेफाली सिंह, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कुमार ध्रुव, सदस्य ललित दुबे, मोहनलाल पटेल, विद्यानंद शुक्ला, सीमा यादव, पुलिस अधिकारी, ममता बालगृह, चाईल्ड लाईन के पदाधिकारी, महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनोद परस्ते, सहायक संचालक मंजूषा शर्मा आदि उपस्थित थे।          
        बैठक में किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं आदर्श नियम 2016 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समेकित बाल संरक्षण योजना का जिला स्तर पर निगरानी, मूल्यांकन एवं समीक्षा की गई। बैठक में समेकित बाल संरक्षण योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि सभी बच्चों विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के समग्र कल्याण एवं पुर्नवास हेतु बाल संरक्षण की अन्य योजनाओं को केन्द्रीय रूप में सम्मिलित कर प्रारंभ की गई है। योजना बच्चों के बाल अधिकार, संरक्षण और सर्वोत्तम बाल हित के दिशानिर्देशक सिद्धांतों पर आधारित है, जिसके तहत किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 का क्रियान्वयन भी मुख्य घटक है। इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के विधि विरोधी कार्यों में संलिप्त बालकों तथा देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालकों को संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षण-प्रशिक्षण तथा व्यावसायिक एवं पारिवारिक पुर्नवास मुख्य उद्देश्‍य है। बैठक में बाल कल्याण समिति के कार्य, जिला किशोर न्याय बोर्ड के कार्य के साथ ही बाल कल्याण समिति में वर्ष 2021-22 में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की गई। 
             बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय तथा समर्पित सेवा भावना के साथ निःसहाय लोग जिनके साथ अपराध घटित होता है, उन्हें शासन की जनकल्याणकारी योजना से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने सभी लोगों से एलर्ट रहकर व स्वयं आगे आकर कार्य कर गरीब निःसहाय लोगों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि गरीब निःसहाय लोगों के प्रति समर्पण भाव से कार्य किया जाए, जिससे शासकीय सेवा के उद्देश्‍य की पूर्ति हो सके। उन्होंने प्रकरणों को गंभीरता से लेने तथा सूचना तंत्र को मजबूत कर बाल अधिकारों के संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने की अपेक्षा व्यक्त की। बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के लाभ प्रदान करने के संबंध में योजनावार समीक्षा की। बैठक में पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से स्ट्रीट चिल्ड्रन सर्वे, भिक्षावृत्ति सर्वे, बाल मजदूरी, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के संबंध में प्रस्तुतिकरण किया गया। कलेक्टर ने समेकित बाल संरक्षण अंतर्गत पुलिस, श्रम, शिक्षा, चाईल्ड लाईन, एजीओज के साथ समन्वय स्थापित कर योजना की अवधारणा को फलीभूत किए जाने हेतु अधिकारियों को प्रतिबद्धता से कार्य करने का आव्हान किया गया।

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