(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला अंतर्गत कोतमा वन परिक्षेत्र के मटोलिया बीट अंतर्गत तेंदुए के शिकार मामले में वन विभाग ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में शामिल लगभग आधा दर्जन शिकारी अभी फरार चल रहे है।शिकारियों के ठिकानों पर वन अमला लगातार दबिश दे रहा है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा परवेश सिंह भदौरिया ने बताया कि 2 दिनों तक लगातार जांच कार्रवाई कर परसवार,देवरी,राजबांध,मौहरी सहित अन्य ठिकानों में दबिश देते हुए दो शिकारियों दशरथ सिंह निवासी देवरी (32) और दीपक बैगा निवासी सेमरवार ( 34 ) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए शिकारियों के कब्जे से शिकार में प्रयोग की गई सामग्री सीसी, लकड़ी की खूंटी, सब्बल और जीआई तार को जब्त किया गया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी परवेश सिंह भदौरिया ने कहा कि इनमें से एक आरोपी आदतन शिकारी है।जिस पर पूर्व में मामला दर्ज है। फरार शिकारी अलग-अलग जिलों के बताए जा रहे हैं।जो सुनियोजित तरीके से शिकार की योजना बना कर घटना को अंजाम देते हैं।तेंदुए के शव से कुछ दूरी पर स्टोन क्रेशर हैं,जो कई माह से बंद पड़ा हैं।
बताया गया कि इस क्रेशर के लिए बिजली विभाग की ओर से डाली गई 11 केवी क्षमता की लाइन से शिकारियों ने करंट की जाल बिछाकर शिकार किया था।चीतल और जंगली सूअर का शिकार करने के लिए करंट बिछाए गया था। लेकिन तेंदुए के फंस जाने के कारण वह मर गया। जिसके बाद उसे पास के जंगल की झाड़ियों में फेंक आए।
वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा परवेश सिंह भदौरिया ने बताया कि 2 दिनों तक लगातार जांच कार्रवाई कर परसवार,देवरी,राजबांध,मौहरी सहित अन्य ठिकानों में दबिश देते हुए दो शिकारियों दशरथ सिंह निवासी देवरी (32) और दीपक बैगा निवासी सेमरवार ( 34 ) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए शिकारियों के कब्जे से शिकार में प्रयोग की गई सामग्री सीसी, लकड़ी की खूंटी, सब्बल और जीआई तार को जब्त किया गया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी परवेश सिंह भदौरिया ने कहा कि इनमें से एक आरोपी आदतन शिकारी है।जिस पर पूर्व में मामला दर्ज है। फरार शिकारी अलग-अलग जिलों के बताए जा रहे हैं।जो सुनियोजित तरीके से शिकार की योजना बना कर घटना को अंजाम देते हैं।तेंदुए के शव से कुछ दूरी पर स्टोन क्रेशर हैं,जो कई माह से बंद पड़ा हैं।
बताया गया कि इस क्रेशर के लिए बिजली विभाग की ओर से डाली गई 11 केवी क्षमता की लाइन से शिकारियों ने करंट की जाल बिछाकर शिकार किया था।चीतल और जंगली सूअर का शिकार करने के लिए करंट बिछाए गया था। लेकिन तेंदुए के फंस जाने के कारण वह मर गया। जिसके बाद उसे पास के जंगल की झाड़ियों में फेंक आए।

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