(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) लिटिल स्टेप्स स्कूल में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।जिसमें सभी प्री प्राइमरी के बच्चे कृष्ण भगवान की वेशभूषा एवं राधा रानी की वेशभूषा में कार्यक्रम में भाग लिया। स्कूल की सभी शिक्षिका यशोदा बनी एवं बच्चों के साथ नृत्य किया एवं भगवान कृष्ण को अपनी गोद में बिठाकर यशोदा का प्यार दिया।प्राइमरी के बच्चों ने भगवत गीता के श्लोक याद किए एवं उनका मतलब भी समझाया तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया।शिक्षिका रेनुका गोस्वामी बताती है कि बच्चों को गोद में बिठाना एक प्रयोग है जिससे शिक्षक और बच्चे के मन में मां बेटे की भावना जागृत हो और बच्चा अपने मन की बात शिक्षिका से बहुत आसानी से कह सकें एवं शिक्षिका के अंदर मातृत्व की भावना जागृत हो जिससे बिना क्रोध में आए शिक्षिका बच्चों के छोटे-छोटे सवालों के जवाब बहुत ही धैर्य पूर्वक दे सके।शिक्षिका दीक्षा पांडे बताती है कि बच्चों ने भगवत गीता के श्लोक कंठस्थ कर उनका मतलब समझाया है जिससे बच्चों के अंदर व्यवहारिक ज्ञान और कर्म के प्रति निष्ठा बढ़ें। प्रधानाध्यापिका अंजली मिश्रा ने बताया की लिटिल स्टेप्स स्कूल मे हर पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि हर पर्व अपने साथ विशेषताएं लेकर आता है।जैसे की जन्माष्टमी और कृष्ण के जन्म से हम भगवान कृष्ण के व्यक्तित्व के बारे में जान सकते हैं।
कृष्ण का अपनी मां के प्रति प्रेम, कृष्ण की सुदामा एक गरीब ब्राह्मण था उसके लिए दोस्ती, सदैव मुस्कुराना, जरूरत पड़ी तब अपना विराट रूप दिखाना, जरूरत के समय सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करना , हमेशा सच के साथ खड़े रहना हम सीख सकते हैं।जन्माष्टमी का कार्यक्रम के संतोषी यादव के नेतृत्व में संपन्न हुआ।शिक्षिका के संतोषी यादव ने सभी शिक्षकों का सरिता पांडे, दुर्गेश्वरी राठौर, रजनी सिंह, अजीता केसरवानी, रानी राठौर, किरण राठौड़, प्रतिमा पांडे, अंकिता पांडे, रेनुका गोस्वामी, अर्चना द्विवेदी, रूपाली पांडे, जागृति रैकवार, सोनम सिंह, अर्चना पटेल, नेहा चौहान, कविता केवट, गीतांजलि विश्वकर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कृष्ण का अपनी मां के प्रति प्रेम, कृष्ण की सुदामा एक गरीब ब्राह्मण था उसके लिए दोस्ती, सदैव मुस्कुराना, जरूरत पड़ी तब अपना विराट रूप दिखाना, जरूरत के समय सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करना , हमेशा सच के साथ खड़े रहना हम सीख सकते हैं।जन्माष्टमी का कार्यक्रम के संतोषी यादव के नेतृत्व में संपन्न हुआ।शिक्षिका के संतोषी यादव ने सभी शिक्षकों का सरिता पांडे, दुर्गेश्वरी राठौर, रजनी सिंह, अजीता केसरवानी, रानी राठौर, किरण राठौड़, प्रतिमा पांडे, अंकिता पांडे, रेनुका गोस्वामी, अर्चना द्विवेदी, रूपाली पांडे, जागृति रैकवार, सोनम सिंह, अर्चना पटेल, नेहा चौहान, कविता केवट, गीतांजलि विश्वकर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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