(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) किस खेत में कौन सी फसल बोई गई है, सरकारी रिकॉर्ड में इसे दर्ज करने होने वाली फसल गिरदावरी अब किसान खुद ही कर सकेंगे। इसके लिए किसान खेत पर खड़े होकर मोबाइल एप के माध्यम से फसल दर्ज कर सकेगा। इससे जहां कम समय में ही फसल गिरदावरी हो जाएगी तो वहीं शासन तक फसलों के स्पष्ट आंकड़े पहुंचेंगे।
भू-अभिलेख के अधीक्षक शिवशंकर मिश्रा के मुताबिक 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच किसान फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए मोबाइल में एमपी किसान एप डाउनलोड करना होगा।इसमें फसल स्वघोषणा, दावा आपत्ति ऑप्शन पर क्लिक करके अपने खाते को जोड़ना पड़ेगा। फसल ऑप्शन पर क्लिक करके जिला, तहसील, ग्राम व खसरा चयन करना होगा।खसरे पर क्लिक करते ही संभावित फसल की सेटेलाइट से जानकारी मिलेगी, सहमत होने पर खेत में खड़े होकर जानकारी दर्ज हो जाएगी। यदि सेटेलाइट से दिखाई गई फसल से असहमत होने पर किसान लाइव फोटो दर्ज कर सकेगा।
भू-अभिलेख के अधीक्षक शिवशंकर मिश्रा के मुताबिक 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच किसान फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए मोबाइल में एमपी किसान एप डाउनलोड करना होगा।इसमें फसल स्वघोषणा, दावा आपत्ति ऑप्शन पर क्लिक करके अपने खाते को जोड़ना पड़ेगा। फसल ऑप्शन पर क्लिक करके जिला, तहसील, ग्राम व खसरा चयन करना होगा।खसरे पर क्लिक करते ही संभावित फसल की सेटेलाइट से जानकारी मिलेगी, सहमत होने पर खेत में खड़े होकर जानकारी दर्ज हो जाएगी। यदि सेटेलाइट से दिखाई गई फसल से असहमत होने पर किसान लाइव फोटो दर्ज कर सकेगा।
यह होगा लाभ
जब किसान खुद अपनी फसल दर्ज करेगा तो इससे शासन के पास स्पष्ट आंकड़ा पहुंचेगा कि जिले में कितनी जमीन पर कौन सी फसल है। भू-अभिलेख अधीक्षक के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, केसीसी व फसल ऋण, समर्थन मूल्य पर उपज उपार्जन, फसल हानि के आंकलन व विभिन्न योजनाओं के लिए गिरदावरी की उपयोगिता होती है।
जब किसान खुद अपनी फसल दर्ज करेगा तो इससे शासन के पास स्पष्ट आंकड़ा पहुंचेगा कि जिले में कितनी जमीन पर कौन सी फसल है। भू-अभिलेख अधीक्षक के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, केसीसी व फसल ऋण, समर्थन मूल्य पर उपज उपार्जन, फसल हानि के आंकलन व विभिन्न योजनाओं के लिए गिरदावरी की उपयोगिता होती है।
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