(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जैसे-जैसे नगर पालिका चुनाव के दिन करीब आते जा रहे हैं चुनावी बुखार तेजी से गति पकड़ने लगा है।मतदाताओं के घर में उम्मीदवारों की झड़ी लगी हुई है एक गया कि दूसरा आया और सभी इतने लुभावने वादे कर रहे हैं कि मतदाता भी पशोपश में है की कौन लुभावने वादे पूरे कर पाएगा।देखा जा रहा है कि नगर पालिका चुनाव में अच्छे क्वालिफाइड लोग चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं वही कुछ कम पढ़े लिखे लोग भी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।इतना तो निश्चित है कि जो भी अध्यक्ष पद की दावेदार महिला है वह पूरी तरह से क्वालिफाइड है वह रबड़ स्टांप बनकर नगर पालिका की कुर्सी पर विराजमान नहीं होगी अपनी स्वयं की क्षमता विवेक से नगर विकास के लिए कार्य योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी और आवश्यकता भी है की ऐसी महिलाएं चुनकर नगरपालिका की सीट पर विराजमान हो जिससे वास्तव में नगरपालिका का वास्तविक विकास हो सके।हर वार्डों में विकास की किरने पहुंच सकें शासन की तमाम योजनाओं का जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।नगर पालिका से जो लोगों की अपेक्षाएं हैं वह मूलभूत सुविधाएं उन्हें मिल सके ऐसे अध्यक्ष ऐसे पार्षद की अनूपपुर नगर पालिका को आवश्यकता है जो दमदारी से अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके और लोगों को उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप सुविधाएं व्यवस्थाएं दिला सके।अनूपपुर नगर पालिका क्षेत्र में देखा जा रहा है कि अधिकांश निर्दलीय कांग्रेस एवं भाजपा के लोग ही हैं और इस बार सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पार्षदों की अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी जिसके कारण भाजपा एवं कांग्रेस के जिम्मेदार लोग बगावत कर चुनाव लड़ रहे लोगों का पार्टी से निष्कासन नहीं कर रहे।क्योंकि उन्हें मालूम है कि अध्यक्ष बनाने में पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।कोई भी दल अगर अपने बगावत कर रहे लोगों को पार्टी से निष्कासित कर देता है तो अध्यक्ष बनने में मुसीबत खड़ी हो जाएगी।नगर पालिका में अभी तक के हुए चुनावों से हटकर नए तरीके के परिणाम 18 जुलाई को जनता के पटल पर आने वाले हैं।टिकट वितरण के बाद प्रमुख राजनीतिक दल चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस हाशिए पर चले गए हैं और निर्दलीय उम्मीदवार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका इस चुनाव में निभाएंगे।
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