(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) सरसों की बंपर खेती के चलते इस साल गेहूं की पैदावार कम हुई। समर्थन मूल्य की तुलना में बाजार में गेहूं के भाव ज्यादा रहे, इसीलिए किसानों ने अपना गेहूं सरकार की बजाय व्यापारियों को बेचा है।अब इसके असर सामने आने लगे हैं।गरीब व जरूरतमंद परिवारों को उचित मूल्य की दुकान (पीडीएस) से मिलने वाले गेहूं के स्टाक में कटौती कर दी है। बताया जाता है कि जिन जिलों में गेहूं की खेती अच्छी है वहां उचित मूल्य दुकान से गेहूं भी दिया जाएगा लेकिन अनूपपुर जिले में चावल लोग ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए चावल ही दिया जाएगा।पता चला है कि अनूपपुर जिला मुख्यालय में जहां खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का गृहग्राम भी है यहां की सोसाइटी में अब गरीब व जरूरतमंद को गेहूं नहीं मिलेगा बल्कि चावल दिया जाएगा। जबकि काफी लोग गेहूं पसंद करते हैं लेकिन उसके बाद भी मंत्री के गृह ग्राम में गेहूं का वितरण बंद कर केवल चावल देने की बात की जा रही है जो उचित नहीं है।पता चला है कि गेहूं की उपलब्धता कम होने के कारण बीते दिनों ही नए आदेश जारी हुए हैं जिसमें अनूपपुर जिला मुख्यालय में केवल चावल का वितरण किया जाएगा।बताया जाता है कि गेहूं की जगह चावल का स्टाक बढ़ा दिया गया है।पीडीएस दुकान संचालक गेहूं बंद किए जाने को सही नहीं मान रहे और इसको विवाद की जड़ बता रहे हैं। उनका तर्क है कि कुछ लोग चावल बहुत कम पसंद करते हजारों परिवार ऐसे है जो एक किलो चावल का भी उपयोग महीने में नहीं करते ऐसे में उन्हें गेहूं नहीं दिए जाने का फैसला सही नहीं है।
0 Comments