(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) स्व सहायता समूहों से समस्त पात्र परिवारों को जोड़े जाने हेतु मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत सघन प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि प्रत्येक पात्र परिवार समूह से जुड़कर समूह से मिलने वाले लाभ प्राप्त कर अपनी आजीविका में संवहनीयता ला सकें।
स्व सहायता समूह निर्माण हेतु अनूपपुर जिले की प्रशिक्षित सीआरपी (सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति) द्वारा विदिशा जिले में अपना योगदान दिया जा रहा है। सीआरपी ड्राइव के माध्यम से स्व सहायता समूह निर्माण अभियान में जिले की 27 सीआरपी दीदियों द्वारा विदिशा जिले में गांव-गांव, घर- घर संपर्क कर समूह से जोड़े जाने हेतु पात्र परिवारों को एसईसीसी सूची के आधार पर चिन्हित कर स्व सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। इस संपूर्ण अभियान में स्व सहायता समूह हेतु पात्र परिवारों का चिन्हांकन, उनका समूह में समावेशीकरण, स्व सहायता समूह से जोड़े जाने उपरांत समूह सदस्यों का परीक्षण तथा स्व नव गठित समूहों के बचत खाते खोले जाने हेतु सीआरपी दीदियों को प्रति समूह एक हजार रुपये का अधिकतम कार्य आधारित मानदेय निर्धारित है, जो कि सम्बन्धित जिले द्वारा प्रदान किया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए जिला परियोजना प्रबंधक , आजीविका मिशन शशांक प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हर्षल पंचोली के नेतृत्व व मार्गदर्शन में जिले के स्व सहायता समूहों में से विभिन्न विषयों के समुदाय स्त्रोत व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि वो न सिर्फ अपने जिले में बल्कि अन्य जिलों में भी आवश्यकतानुसार अपनी सेवाएं प्रदान कर सकें, जिसके बदले में उन्हें शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जाता है। पूर्व में भी जिले की प्रशिक्षित समूह सदस्यों सीआरपी द्वारा पूर्व में भी जिलों व प्रदेशों में स्व सहायता समूह निर्माण, जैविक कृषि एवं कम लागत कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण हेतु अपनी सेवाएं प्रदान की जाती रही हैं जो कि उनकी अतिरिक्त आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत बनकर समूह सदस्यों की आजीविका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
स्व सहायता समूह निर्माण हेतु अनूपपुर जिले की प्रशिक्षित सीआरपी (सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति) द्वारा विदिशा जिले में अपना योगदान दिया जा रहा है। सीआरपी ड्राइव के माध्यम से स्व सहायता समूह निर्माण अभियान में जिले की 27 सीआरपी दीदियों द्वारा विदिशा जिले में गांव-गांव, घर- घर संपर्क कर समूह से जोड़े जाने हेतु पात्र परिवारों को एसईसीसी सूची के आधार पर चिन्हित कर स्व सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। इस संपूर्ण अभियान में स्व सहायता समूह हेतु पात्र परिवारों का चिन्हांकन, उनका समूह में समावेशीकरण, स्व सहायता समूह से जोड़े जाने उपरांत समूह सदस्यों का परीक्षण तथा स्व नव गठित समूहों के बचत खाते खोले जाने हेतु सीआरपी दीदियों को प्रति समूह एक हजार रुपये का अधिकतम कार्य आधारित मानदेय निर्धारित है, जो कि सम्बन्धित जिले द्वारा प्रदान किया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए जिला परियोजना प्रबंधक , आजीविका मिशन शशांक प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हर्षल पंचोली के नेतृत्व व मार्गदर्शन में जिले के स्व सहायता समूहों में से विभिन्न विषयों के समुदाय स्त्रोत व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि वो न सिर्फ अपने जिले में बल्कि अन्य जिलों में भी आवश्यकतानुसार अपनी सेवाएं प्रदान कर सकें, जिसके बदले में उन्हें शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जाता है। पूर्व में भी जिले की प्रशिक्षित समूह सदस्यों सीआरपी द्वारा पूर्व में भी जिलों व प्रदेशों में स्व सहायता समूह निर्माण, जैविक कृषि एवं कम लागत कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण हेतु अपनी सेवाएं प्रदान की जाती रही हैं जो कि उनकी अतिरिक्त आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत बनकर समूह सदस्यों की आजीविका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
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