यात्री ट्रेनों के बंद होने से
हजारों यात्रियों में हाहाकार
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)अनूपपुर (अंंचलधारा) अंततः अनूपपुर जिले के बिजुरी रेल संघर्ष समिति ने रेल रोको आन्दोलन की घोषणा करते हुए इसकी सूचना रेलवे के बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर मंडल एवं पश्चिम मध्य रेलवे जोन एवं मंडल के अधिकारियों सहित रेल मंत्रालय रेलवे बोर्ड को को दे ही दी। सीआईसी रेल सेक्शन के अंबिकापुर-जबलपुर, अंबिकापुर-बिलासपुर लाईन एवं चिरमिरी-बिलासपुर चिरमिरी-रीवा की सभी यात्री ट्रेनों को मनमाने तरीके से बंद कर दिया गया है पूर्व की ट्रेनें चालू नहीं की गई है। प्रतिदिन इलाज, शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय के लिये यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को इससे बेवजह भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों के बंद होने से मजबूरी में लोगों को अधिक पैसे व्यय करके ,ज्यादा समय ,शक्ति बर्बाद करके सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिये बाध्य होना पड़ रहा है। महीनों से ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग कोतमा, बिजुरी, अनूपपुर के लोग कर रहे हैं। समाचारपत्रों , न्यूज चैनलों , सोशल मीडिया के माध्यम से तमाम ध्यानाकर्षण किये गये। शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव, चेयरमैन, जीएम से मिल कर इस बावत एक से अधिक बार चर्चा की। बिजुरी रेल संघर्ष समिति, कोतमा विकास मंच के सदस्यों ने सांसद श्रीमती सिंह से भेंट करके उन्हे पत्र सौंपकर ट्रेनों को शीघ्र चलवाने की मांग की । जिस पर उन्होंने मौके पर ही डीआरएम बिलासपुर से बात करके इस हेतु विभाग को अवगत कराने को कहा था। लेकिन इसके बावजूद ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया। इससे नाराज जनता ने रेल रोको आन्दोलन की घोषणा कर दी है।
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना लाक डाउन के बाद क्षेत्र में रेल सेवाओं के बंद होने के बाद सेआज तक अंबिकापुर - बिजुरी- कोतमा-अनूपपुर- जबलपुर एवं बिलासपुर रेल खंड के यात्रियों के लिये ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया है। कुछ समय के लिये सेवाएं बहाल की गयी थीं लेकिन फिर इंटरलाकिंग कार्य को लेकर ट्रेनों को रोक दिया गया है।कोयलांचल और शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग रेल सेवा बहाल कराने के लिये निरंतर प्रयास रत हैं। बंद ट्रेनों को पुन: शुरु करना तो दूर , विगत कुछ सप्ताह से इंटरलाकिंग कार्य के बहाने अन्य ट्रेनों को भी बंद कर देने से इस क्षेत्र के हजारों यात्रियों को समय, शक्ति, धन का अपव्यय करना पड़ रहा है। गरीब व्यक्ति, ट्रेनों पर आश्रित लोग मजबूरी में बसों, टैक्सियों या अन्य गाड़ियों की मंहगी यात्रा करने को बाध्य हैं। इसके कारण लोगों मे जन प्रतिनिधियों, सरकार के प्रति आक्रोश बढता ही जा रहा है। ऐसे ही नाराज लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार, 19 अप्रैल को शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह से भेंट करने उनके निवास राजेन्द्रग्राम पहुंचा और ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग की। कोतमा विकास मंच एवं बिजुरी रेल संघर्ष समिति के सदस्यों ने सांसद को ज्ञापनपत्र सौंप कर अंबिकापुर-चिरिमिरी अनुपपूर रेल खंड में विगत दो वर्षों से बंद रेल परिचालन को पुनः प्रारंभ करने की मांग की थी। सांसद से मांग की गयी कि उक्त रेलगाड़ियों का परिचालन पुन : यथा शीघ्र प्रारंभ किया जाए जिससे क्षेत्र की आम जनता को होने वाली समस्या से निजात मिल सके।सांसद श्रीमती सिंह ने डी आर एम से भी मोबाईल फोन पर इस विषय पर चर्चा करते हुए ट्रेनों के शीघ्र संचालन बावत आवश्यक कार्यवाही करने को कहा था। इसके बाद भी कोई ठोस कार्यवाही ना होने से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र के लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है। लोग टिप्पणी कर रहे हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे रेल विभाग स्वयं आम जनता को आन्दोलित करने की योजना बनाए बैठा है। डीआरएम बिलासपुर से स्थानीय युवाओं की झड़प और उनकी नाराजगी का वीडियो सभी ने देखा है। अधिकारियों की मनमानी और स्वेच्छाचारी रवैया के कारण हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेल रोको आन्दोलन की लिखित सूचना तक दी जा चुकी है। अच्छा होगा कि अतिशीघ्र ट्रेनों का संचालन समय रहते प्रारंभ कर दिया जाए।
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना लाक डाउन के बाद क्षेत्र में रेल सेवाओं के बंद होने के बाद सेआज तक अंबिकापुर - बिजुरी- कोतमा-अनूपपुर- जबलपुर एवं बिलासपुर रेल खंड के यात्रियों के लिये ट्रेनों का संचालन शुरु नहीं किया गया है। कुछ समय के लिये सेवाएं बहाल की गयी थीं लेकिन फिर इंटरलाकिंग कार्य को लेकर ट्रेनों को रोक दिया गया है।कोयलांचल और शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग रेल सेवा बहाल कराने के लिये निरंतर प्रयास रत हैं। बंद ट्रेनों को पुन: शुरु करना तो दूर , विगत कुछ सप्ताह से इंटरलाकिंग कार्य के बहाने अन्य ट्रेनों को भी बंद कर देने से इस क्षेत्र के हजारों यात्रियों को समय, शक्ति, धन का अपव्यय करना पड़ रहा है। गरीब व्यक्ति, ट्रेनों पर आश्रित लोग मजबूरी में बसों, टैक्सियों या अन्य गाड़ियों की मंहगी यात्रा करने को बाध्य हैं। इसके कारण लोगों मे जन प्रतिनिधियों, सरकार के प्रति आक्रोश बढता ही जा रहा है। ऐसे ही नाराज लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार, 19 अप्रैल को शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह से भेंट करने उनके निवास राजेन्द्रग्राम पहुंचा और ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग की। कोतमा विकास मंच एवं बिजुरी रेल संघर्ष समिति के सदस्यों ने सांसद को ज्ञापनपत्र सौंप कर अंबिकापुर-चिरिमिरी अनुपपूर रेल खंड में विगत दो वर्षों से बंद रेल परिचालन को पुनः प्रारंभ करने की मांग की थी। सांसद से मांग की गयी कि उक्त रेलगाड़ियों का परिचालन पुन : यथा शीघ्र प्रारंभ किया जाए जिससे क्षेत्र की आम जनता को होने वाली समस्या से निजात मिल सके।सांसद श्रीमती सिंह ने डी आर एम से भी मोबाईल फोन पर इस विषय पर चर्चा करते हुए ट्रेनों के शीघ्र संचालन बावत आवश्यक कार्यवाही करने को कहा था। इसके बाद भी कोई ठोस कार्यवाही ना होने से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र के लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है। लोग टिप्पणी कर रहे हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे रेल विभाग स्वयं आम जनता को आन्दोलित करने की योजना बनाए बैठा है। डीआरएम बिलासपुर से स्थानीय युवाओं की झड़प और उनकी नाराजगी का वीडियो सभी ने देखा है। अधिकारियों की मनमानी और स्वेच्छाचारी रवैया के कारण हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेल रोको आन्दोलन की लिखित सूचना तक दी जा चुकी है। अच्छा होगा कि अतिशीघ्र ट्रेनों का संचालन समय रहते प्रारंभ कर दिया जाए।
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