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लिटिल स्टेप्स स्कूल कि दोनों शाखाओं में किया गया वेलकम पार्टी का आयोजन

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) अनूपपुर स्थित शिक्षा के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाने वाले लिटिल स्टेप्स स्कूल के दोनों शाखाओं ( जैतहरी रोड अनूपपुर एवं चचाई रोड अनूपपुर)  में वेलकम पार्टी का आयोजन हुआ।
वेलकम पार्टी में जिन बच्चों के नए दाखिले हुए हैं उन सभी का वेलकम हुआ, टीका,चंदन और आरती करके वेलकम हुआ और बच्चों ने रंग से अपने हाथों के पंजे स्कूल की बाउंड्री की दीवार पर बनाया गया।
इस अवसर पर स्कूल की ओर से अलग-अलग तरह के खेल का आयोजन भी हुवे जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आकर बच्चों ने मेडल प्राप्त किए।इन सबके अलावा बच्चों को स्कूल की ओर से कस्टर्ड बनाकर टीचर्स ने उनको घर जैसा माहौल दिया।कार्यक्रम के इतने सुंदर और भव्य तरीके से संपन्न होने का सारा श्रेय शिक्षिका आंचल द्विवेदी एवं शिक्षिका गीतांजलि विश्वकर्मा को जाता है जिन्होंने पूरे कार्यक्रम का प्रतिनिधित्व किया।
प्रधानाध्यापिका अंजली मिश्रा ने इस कार्यक्रम को इतने अच्छे तरीके से संपन्न होने के लिए लिटिल स्टेप्स के सभी शिक्षकों मंजू लता सिंह, अर्चना द्विवेदी, जागृति रैकवार, रूपाली पांडे, प्रभात सिंह, आंचल द्विवेदी, गीतांजलि विश्वकर्मा, प्रिया शर्मा, नुसरत साहिन, अंकिता पांडे, रेणुका गोस्वामी, अपेक्षा शुक्ला, शिवानी गुप्ता, सुभाष सिंह, संतोषी यादव, कविता केवट आदि सभी का धन्यवाद किया और उन सब की मेहनत से ही कार्यक्रम इतना अच्छा संपन्न हुआ।प्रधानाध्यापिका अंजली मिश्रा बताती है कि बच्चों को वेलकम पार्टी देने का कारण यह है कि बच्चों की पढ़ाई बाद में आती है सबसे पहले बच्चों को स्कूल और शिक्षकों को अपनाना होता है जो बच्चा स्कूल को अपना दूसरा घर समझता है वह कभी भी हिचकीचाएगा नहीं और वह अपने आपको हमेशा खुला हुआ पाएगाआंचल द्विवेदी ने बताया कि किस तरह कार्यक्रम की चिंता के कारण उन्हें नींद नहीं आ रही थी और जिस दिन कार्यक्रम था उस दिन सुबह ही हम आ गए थे और सारे शिक्षकों के आने से पहले की सारी तैयारियां हो चुकी थी।लेकिन अगर कोई बच्चा स्कूल केवल और केवल दबाव में आता है उसके अंदर सकारात्मक परिवर्तन देखना बहुत मुश्किल है।मैनेजर रविंद्र सिंह( दूसरी शाखा चचाई रोड अनूपपुर) ने बताया कि किस तरह एक कार्यक्रम करके आप सभी बच्चों को जान सकते हैं और पढ़ाई से पहले बच्चा और बच्चे का आकलन करना बहुत ही जरूरी है।क्योंकि तभी आपको हर बच्चे की परेशानी का समाधान का पता होगा।

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