Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

तीन दन्तैल हाथियों का दल वापस पहुंचा छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश के वन अमले को मिली राहत की सांस

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) विगत एक माह के लगभग समय से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परीक्षेत्र से आए तीन दन्तैल हाथियों का समूह 28 दिन बाद पुनःअनूपपुर जिले के वन परीक्षेत्र जैतहरी के जरियारी गांव से लगे गुजरनाला को पार करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के वन परीक्षेत्र मरवाही अंतर्गत परासी बीट (पसान) के जंगल में पहुंच गए हैं।विदित हो कि विगत 1 अप्रैल को छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी वन परिक्षेत्र में आकर यह दल जैतहरी, राजेंद्रग्राम,अहिरगवा में विचरण करने वाद शहडोल जिले के बुढार वन परिक्षेत्र में एक सप्ताह निरंतर विचरण करने के बाद पुन: राजेंद्रग्राम, अहिरगवा से लौट कर राजेंद्रगाम से 26 अप्रैल की सुबह जैतहरी के गुझी,बैहार के जंगल से गुजरता हुआ यह दल बुधवार की सुबह छातापटपर के नर्सरी मे पूरे दिन आराम करने बाद देर शाम ग्राम जरियारी पहुंच कर गुजरनाला पार करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा के वन परीक्षेत्र मरवाही में प्रवेश कर पसान के जंगल में पहुंच चुका है।हाथियों के समूह पर बुधवार की रात वन विभाग तथा पुलिस विभाग जैतहरी द्वारा नजर बनाए रखते हुए ग्रामीणों को हाथियों के विचरण क्षेत्र से दूर रखा।देर रात जंगल के किनारे स्थित कुछ लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर भी रखा गया रहा जिससे किसी भी तरह की घटना घटित नहीं हुई। मध्यप्रदेश के अनूपपुर एवं शहडोल जिले में विगत एक माह से तीन दन्तैल हाथियों के निरंतर विचरण करने से ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ रहा है।वही हाथियों द्वारा अनेकों गांव में ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर तथा खेत-बाड़ियों में लगे विभिन्न तरह के सामग्रियों को अपना आहार बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया।हाथियों के छत्तीसगढ़ वापस चले जाने से जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है।

Post a Comment

0 Comments