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छग. के दबंग कांग्रेस नेताओं ने चलवा ली ट्रेन शहडोल सांसद और सभी विधायक कब दिखाएंगे अपनी ताकत

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) केंद्र में सरकार किसी की हो नेता दबंग हो तो झुकना सभी को पड़ता है।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का दबदबा हैं एवं केंद्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार का दबदबा लेकिन दबंग है कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के सीएम के साथ उनके सभी लीडर जिन्होंने अपने ताकत से केंद्र को हिला दिया और एक से डेढ़ माह के लिए निरस्त की गई ट्रेन चंद दिनों में पटरी पर वापस लौट आई।लेकिन मध्यप्रदेश के शहडोल संभाग का दुर्भाग्य है उसे ऐसी सांसद मिली है जो किसी भी रूप में अपनी ताकत दिखा पाने में असमर्थ है। सांसद ही नहीं निर्वाचित विधायक भी चुप्पी साधे बैठे हैं किसी को आम जनता गरीब जनता से कोई लेना-देना नहीं। जिसके कारण कोरोना काल से बंद ट्रेनें आज तक पटरी पर नहीं आई और कोयले को प्राथमिकता देकर बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन में चल रही ट्रेनों को भी 3 मई तक के लिए बेवजह बंद कर दिया गया।लेकिन कोई सांसद कोई विधायक जनता के हित में आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया जनता पिसती चली गई लेकिन उसकी सुध लेने की किसी को फुर्सत नहीं मिली।सड़क मार्ग इतना महंगा मार्ग है कि गरीबों के वश में नहीं कि वह महंगी यात्रा कर सकें।मेमू ट्रेन चल रही है अभी फिलहाल बंद है उसमें भी स्पेशल का किराया लिया जा रहा है लेकिन सांसद विधायक की हिम्मत नहीं कि उसका विरोध कर सकें।जनता परेशानी में परेशानी झेलती चली जा रही है लेकिन उसकी सुध लेने की किसी को फुर्सत नहीं।आज रेलवे के बड़े अधिकारी, सांसद, विधायक वातानुकूलित अपनी गाड़ियों में चल रहे हैं उन्हें मई जून की गर्मी की तपन का एहसास कैसे होगा... ?तभी तो जुलाई से ट्रेने शुरू करने की कल्पित बात की जाती है। अप्रैल,मई,जून में व्यापक शादियाँ हैं जिन स्टेशनों में गाड़ियाँ नहीं रुकती वहाँ के लोग कैसे अपने परिजनों तक पहुँचेगें...?बसों में बेतहाशा भीड़ का एहसास उन्हें क्या होगा जो अपनी लग्जरी कारों से यात्रा करते हैं।यह तो मध्यम वर्गीय परिवार का सौभाग्य है जो प्रकृति को आत्मसात कर जी रहा है वर्ना शासन प्रसाशन ने तो उनके जीवन के साथ कोई कसर नही छोड़ी। शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद एवं सभी विधायक बेखबर हैं ट्रेनें सब बदहाल जनता खस्ता हाल है।लेकिन निर्वाचित सभी जन प्रतिनिधि खुशहाल हैं क्योंकि उनको ट्रेनों से क्या लेना देना उनके लिए वातानुकूलित चार चक्के का वाहन है ज्यादा जरूरत हुई तो रायपुर जबलपुर से प्लेन का साधन है उन्हें आम जनता से क्या लेना देना है।देखा जा रहा है कि दो वर्षों से बन्द पड़ी चिरमिरी कटनी शटल, चिरमिरी-रीवा, चिरमिरी-चंदिया, अम्बिकापुर- शहडोल, चिरमिरी-अनूपपुर ट्रेन जो छोटे-छोटे स्टेशनों के लिए आवश्यक है यह आज तक बंद पड़ी हुई है। ग्रामीण अंचल के लोग इन ट्रेनों के माध्यम से अपनी फसल शहरों में लाकर बेचते थे उससे अपना जीविकोपार्जन करते थे लेकिन वह सब 2 वर्ष बाद भी बंद पड़ा हुआ है।धन्य है शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद एवं सभी विधायक जिन्हें जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं इसी का नाजायज फायदा बिलासपुर जोन बिलासपुर रेल मंडल उठा रहा है। आवश्यकता है जनप्रतिनिधियों को जागने की बंद पड़ी ट्रेनों को शुरू कराने के लिए जनता-जनार्दन के साथ खड़े होकर बिलासपुर-जबलपुर रेलमंडल के अधिकारियों को चेतावनी देकर रेल पटरी पर उतरने का शंखनाद कर कोयला गाड़ी बाधित करने की तभी ट्रेनों का परिचालन संभव है अन्यथा जैसा चलता है चलता ही रहेगा।

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