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अपीलीय न्‍यायालय से भी नहीं बचे आरोपीगण तीन व्‍यक्तियों को छह-छह माह के कारावास की सुनाई सजा

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) माननीय न्‍यायालय अपर सत्र न्‍यायाधीश  अविनाश शर्मा के न्‍यायालय ने थाना राजेन्‍द्रग्राम के अप. क्र. 154/11 के आरोपीगण लखन सिंह पिता जगमोहन सिंह मरावी उम्र 37 वर्ष, राम सिंह पिता भरिया सिंह उम्र 30 वर्ष एवं रामकुमार पिता मोहन सिंह सभी निवासी ग्राम मानपुर थाना राजेन्‍द्रग्राम को उनके द्वारा न्‍यायिक मजिर्स्‍टेट प्रथम श्रेणी सुशील कुमार अग्रवाल के न्‍यायालय द्वारा दिए गए सजा की पुष्टि करते हुए एवं सही पाते हुए तीनों आरोपीगण को भादवि की धारा 353, 332, 294,506,34 के अपराध के लिए छह-छह माह का कारावास एवं 150-150 रुपए के अर्थदण्‍ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है। राज्‍य की ओर से अपर लोक अभियोजक, (रैग्‍यूलर कैडर)  नारेन्‍द्रदास महरा द्वारा की गई है।  
                    अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 24/11/2011 को फरियादी गंगा सिंह‍ म.प्र. विद्युत बोर्ड वितरण केन्‍द्र राजेन्‍द्रग्राम में लाईनमैन के पद पर पदस्‍थ होकर सहायक यंत्री के आदेश के पालन में अपने सहायक लाईनमैन बांकेलाल, हैल्‍पर लाल बहादुर, सहायक लाईनमैन रामबिहारी एवं ड्रायवर भूरा के साथ वाहन 407 में पेट्रोलिंग हेतु मानपुर गया था और जैसे ही शाम लगभग 04.30 बजे मानपुर में ट्रांसफार्मर के पास पहुंचे, उसी समय अभियुक्‍त लखन सिंह व अन्‍य तीन लडके और उसे मां-बहन की गाली देते हुए कहने लगे कि तुम लोग गांव के अंदर कैसे आ गये, जिन्‍दा गाड देंगे और लात घूंसे से उनको मारपीट करने लगे। अभियुक्‍त लखन ने बांकेलाल को पटककर मारपीट की थी तथा लालबहादुर व रा‍मबिहारी के साथ भी मारपीट की। किसी तरह से फरियादी व उसके साथी जान बचाकर भागे। लखन सिंह व अन्‍य साथियों ने उनके साथ मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई, मारपीट से फरियादी के सिर में, दाहिने आंख के पास, सीना, दाहिने कोहनी एवं दायें पैर में तथा बांकेलाल के पखौरा एवं अन्‍य जगहों पर चोट आयी थी, जिसकी रिपोर्ट फरियादी द्वारा थाना राजेन्‍द्रग्राम में किया था राजेन्‍द्रग्राम थाना द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना कर विवेचना पश्‍चात अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय में पेश किया गया था, माननीय न्‍यायालय न्‍यायिक मजिर्स्‍टेट प्रथम श्रेणी के न्‍यायालय ने अपराध को प्रमाणित पा‍ते हुए उपरोक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया था, जिसके विरूद्ध आरोपीगण ने अपर सत्र न्‍यायालय में अपील की थी, अपीलीय न्‍यायालय ने आरोपी द्वारा प्रस्‍तुत अपील को खारिज करते हुए निचली न्‍यायालय के निर्णय की पुष्टि की है और आरोपीगण को उपरोक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया है।    

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