(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) सुरवंदिता लेखक मंच द्वारा आयोजित मार्च माह की होली उत्सव,काव्य फुहार काव्य गोष्ठी ऑनलाइन गूगल मीट पर आयोजित की गयी।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय अजय सिंह परिहार जी सतना मध्यप्रदेशके द्वारा की गयी।वरिष्ठ कवि शिक्षक के पद पर सुशोभित हैं।आप गद्य लेखन मे लेख कहानी और कविताएं का बघेली संग्रह खिचड़ी के लिए प्रमुख प्रसिद्ध प्राप्त हैं।आपके द्वारा बहुत सुंदर कहानी चटरू मटरू ज्ञानवर्धक सीख देती हुई सुनाई गई।
विशिष्ट अतिथि ख्याति प्राप्त परम आदरणीया श्रीमती मधु सिंह महक जी,भीलवाड़ा राजस्थान से है। आपकी रुचि बचपन से ही साहित्य लेखन की ओर से साहित्यिक माहौल ना मिलने के बावजूद भी आप अनवरत साहित्य लेखन का कार्य कर रही हैं।
आपकी सुंदर कविताओं का कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिसमें की चार कदम आगे नारी उत्थान के लिए एक सराहनीय प्रयास है। आपकी रचना ऐसी कोई जंजीर नहीं जो हमें कैद कर ले मुझसे तो सृष्टि सारी है कैसे कोई मुट्ठी भर ले। समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती है। मुख्य अतिथि के रूप में परम आदरणीय पंडित सुदामा शर्मा जी गुना मध्यप्रदेश,वरिष्ठ कवि और ज्योतिषाचार्य भी है। आपके द्वारा अनेको मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए हैं। आपकी उसमें प्रभावपूर्ण वाणी के द्वारा सुंदर काव्य पाठ किया गया आपके गीत श्याम भई फागुन की बेला भी बीत गई श्याम जी सूख गई केसर पिचकारी रंग भरी गगरी रीत गई श्याम जी मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी गई।
स्वागत वंदन श्रीमती मीना सिंह मीनानिल अनूपपुर
मध्यप्रदेश ने किया।सरस्वती वंदना-रागिनी मित्तल जी, जो कटनी मध्यप्रदेश से वरिष्ठ रचनाकार हैं। होली गीत और नवविवाहिता के मधुर पायल की झंकार रचना ने सबका मन मोह लिया।मंच संचालन गिरीश पटेल जी द्वारा एवं उनके द्वारा रचित रचनाएं का कोई जवाब नहीं,शानदार प्रस्तुतीकरण मेरे अनजाने में चुपचाप उसने कतर डाले मेरे पर सुनाई गई।कोतमा से कार्यक्रम में शिरकत कर मधुर कंठ से श्रीमती चैती प्रिया जी ने अपनी रचना कभी कभी तन्हा बैठने को जी चाहता है और धूल बुला लो की मदमस्त सुनाई।सबके हृदय को होली के रंग में सराबोर कर दिया। श्रीमती मीना सिंह मीणा नील अनूपपुर मध्यप्रदेश के द्वारा प्रेम रंग रंग दी पीने चुनरिया होली खेले मेरे संग मेरे सांवरिया लाजवाब गीत प्रस्तुत किया गया।आभार प्रदर्शन श्रीमती मीना सिंह मीनानिल अनूपपुर मध्यप्रदेश के द्वारा किया गया। सुरवंदिता लेखक मंच की संचालिका संस्थापिका श्रीमती मीना सिंह ने कहा सुरववंदिता लेखक मंच के द्वारा आगामी भी कार्यक्रम साहित्य उत्थान के लिए होते रहेंगे। सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्ण हुआ।
पंडित सुदामा शर्मा जी,श्रीमती मीना सिंह,श्रीमति रागिनी मित्तल जी,गिरीश पटेल जी,श्रीमती मधु सिंह महक भीलवाड़ा राजस्थान,अजय सिंह परिहार जी,चैती, प्रिया,महरा कोतमा सभी का स्वागत वंदन और अंत में आभार कार्यक्रम की संचालिका संस्थापिका श्रीमती मीना सिंह मीनानिल ( अनूपपुर मध्यप्रदेश)ने किया। ह्रदय से धन्यवाद देते हुए इसी प्रकार से साहित्य उत्थान के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। संदेश से होली मिलन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय अजय सिंह परिहार जी सतना मध्यप्रदेशके द्वारा की गयी।वरिष्ठ कवि शिक्षक के पद पर सुशोभित हैं।आप गद्य लेखन मे लेख कहानी और कविताएं का बघेली संग्रह खिचड़ी के लिए प्रमुख प्रसिद्ध प्राप्त हैं।आपके द्वारा बहुत सुंदर कहानी चटरू मटरू ज्ञानवर्धक सीख देती हुई सुनाई गई।
विशिष्ट अतिथि ख्याति प्राप्त परम आदरणीया श्रीमती मधु सिंह महक जी,भीलवाड़ा राजस्थान से है। आपकी रुचि बचपन से ही साहित्य लेखन की ओर से साहित्यिक माहौल ना मिलने के बावजूद भी आप अनवरत साहित्य लेखन का कार्य कर रही हैं।
आपकी सुंदर कविताओं का कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिसमें की चार कदम आगे नारी उत्थान के लिए एक सराहनीय प्रयास है। आपकी रचना ऐसी कोई जंजीर नहीं जो हमें कैद कर ले मुझसे तो सृष्टि सारी है कैसे कोई मुट्ठी भर ले। समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती है। मुख्य अतिथि के रूप में परम आदरणीय पंडित सुदामा शर्मा जी गुना मध्यप्रदेश,वरिष्ठ कवि और ज्योतिषाचार्य भी है। आपके द्वारा अनेको मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए हैं। आपकी उसमें प्रभावपूर्ण वाणी के द्वारा सुंदर काव्य पाठ किया गया आपके गीत श्याम भई फागुन की बेला भी बीत गई श्याम जी सूख गई केसर पिचकारी रंग भरी गगरी रीत गई श्याम जी मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी गई।
स्वागत वंदन श्रीमती मीना सिंह मीनानिल अनूपपुर
मध्यप्रदेश ने किया।सरस्वती वंदना-रागिनी मित्तल जी, जो कटनी मध्यप्रदेश से वरिष्ठ रचनाकार हैं। होली गीत और नवविवाहिता के मधुर पायल की झंकार रचना ने सबका मन मोह लिया।मंच संचालन गिरीश पटेल जी द्वारा एवं उनके द्वारा रचित रचनाएं का कोई जवाब नहीं,शानदार प्रस्तुतीकरण मेरे अनजाने में चुपचाप उसने कतर डाले मेरे पर सुनाई गई।कोतमा से कार्यक्रम में शिरकत कर मधुर कंठ से श्रीमती चैती प्रिया जी ने अपनी रचना कभी कभी तन्हा बैठने को जी चाहता है और धूल बुला लो की मदमस्त सुनाई।सबके हृदय को होली के रंग में सराबोर कर दिया। श्रीमती मीना सिंह मीणा नील अनूपपुर मध्यप्रदेश के द्वारा प्रेम रंग रंग दी पीने चुनरिया होली खेले मेरे संग मेरे सांवरिया लाजवाब गीत प्रस्तुत किया गया।आभार प्रदर्शन श्रीमती मीना सिंह मीनानिल अनूपपुर मध्यप्रदेश के द्वारा किया गया। सुरवंदिता लेखक मंच की संचालिका संस्थापिका श्रीमती मीना सिंह ने कहा सुरववंदिता लेखक मंच के द्वारा आगामी भी कार्यक्रम साहित्य उत्थान के लिए होते रहेंगे। सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्ण हुआ।
पंडित सुदामा शर्मा जी,श्रीमती मीना सिंह,श्रीमति रागिनी मित्तल जी,गिरीश पटेल जी,श्रीमती मधु सिंह महक भीलवाड़ा राजस्थान,अजय सिंह परिहार जी,चैती, प्रिया,महरा कोतमा सभी का स्वागत वंदन और अंत में आभार कार्यक्रम की संचालिका संस्थापिका श्रीमती मीना सिंह मीनानिल ( अनूपपुर मध्यप्रदेश)ने किया। ह्रदय से धन्यवाद देते हुए इसी प्रकार से साहित्य उत्थान के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। संदेश से होली मिलन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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