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राष्ट्रीय लोक अदालत जिले की 15 खण्ड पीठ में 247 प्रकरण प्रीलिटिगेशन के 47 प्रकरण का हुआ निराकरण

 

दो दंपतियों के बीच राजीनामा 
एक साथ रहने चले गए
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित कोतमा व राजेन्द्रग्राम तहसील स्तरीय न्यायालय में 12 मार्च को 15 खंडपीठों में 247 प्रकरणों का निराकरण सम्भव हो सका। वहीं 1 करोड़ 9 लाख से अधिक राशि का अवार्ड हुआ। इसके पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर रत्नेश चन्द्र सिंह बिसेन एवं पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर न्यायाधीश भू-भास्कर यादव, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान मोटर दुर्घटना दावा, विद्युत चोरी के मामले, पारिवारिक विवाद, आपराधिक प्रकरण, धारा 138 चेक से संबंधित प्रकरण का निपटारा किया गया। पति पत्नी के बीच विवाद के मामलों में 2 दंपतियों के बीच राजीनामा हुआ और वह मुकदमों को वापस लेकर एक साथ रहने चले गए।

इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि आपसी विवाद को राजीनामे से निपटाने मे राष्ट्रीय लोक अदालत अपनी महती भूमिका अदा करता है। लोक अदालत से प्रकरणों के निपटने से जहां एक ओर पक्षकारो का समय बचता है, वहीं दूसरी ओर पैसे की भी बचत होती है। लोक अदालत में किसी हार एवं जीत नही होती हैं। आपसी मन मुटाव को भूलकर कई परिवार इसकी वजह से संवर जाते है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण के निराकरण होने पर किसी व्यक्ति को हारने का गम नहीं होता और जीतने का अहंकार नहीं होता। दोनों पक्षों के बीच आपसी सौहार्द्र और प्रेम बना रहता है,इससे मुकदमेबाजी का अंत जरूर होता है। आपसी शत्रुता समाप्त होती है। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित कोतमा व राजेन्द्रग्राम तहसील स्तरीय न्यायालय में 12 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में जिले के तीनों न्यायालय के लिए कुल 15 खंडपीठों का गठन किया गया था, जिसमे जिला न्यायालय अनूपपुर में 7 खण्डपीठ, व्यवहार न्यायालय तहसील राजेन्द्रग्राम में 3 खण्डपीठ एवं व्यवहार न्यायालय तहसील कोतमा में 5 खण्डपीठ रहीं। प्रत्येक खण्डपीठ में दो सदस्यों की नियुक्ति की गई थी। जहां दाण्डिक, शमनीय प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मे से 2432 प्रकरणों को लोक अदालत में रेफर किया गया था, जिनमें कुल 247 प्रकरणों का निराकरण सम्भव हो सका। जबकि प्रीलिटिगेशन के 770 प्रकरण में से 47 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। वहीं पुराने प्रकरणों में आपराधिक 160 में 34 प्रकरण निपटे, प्रकाम्य अधिनियम 391 में 22, विद्युत्त 269 में 76, क्लेम प्रकरण 215 में 9, वैवाहिक प्रकरण 187 में 21, अन्य सिविल प्रकरण 506 में 29 एवं अन्य प्रकरण 658 में 53 का निराकरण हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल 1 करोड़ 9 लाख 8 हजार का अवार्ड पारित हुआ।

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