(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा रविन्द्र कुमार शर्मा जिला-अनूपपुर (म.प्र.) न्यायालय के द्वारा थाना बिजुरी के दर्ज अप. की धारा 354 भादवि 9, 10 पॉक्सो के प्रकरण में आरोपी नारायणदास गुप्ता पिता नत्थूलाल गुप्ता उम्र 40 वर्ष,ट्यूशन पढाने के बहाने नाबालिग से छेड छाड करने वाले आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 10 में 05 वर्ष का सश्रम कारावास 3 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 354 भादवि में 03 वर्ष एवं 2000 रू. का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।राज्य की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि उक्त प्रकरण बिजुरी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत है जिसमें अभियुक्त पीडिता को 02 वर्ष से ट्यूशन पढा रहा था, एक दिन जब दिनांक 08/08/2017 को शाम 04.30 बजे के लगभग अभियुक्त के यहां ट्यूशन पढने गयी तो उस समय कोई बच्चे नहीं आये थे तब पीडिता ने अभियुक्त से पूछा तो उसने कुछ देर में अन्य बच्चों को आने की बात कही और पीडिता से उसे कमरे में आने को कहा, पीडिता कमरे में गई ही थी कि अभियुक्त ने पीडिता से छेड छाड करने लगा तब पीडिता ने स्टीकर लाने के बहाने भागकर अपने घर गई तथा घटना की जानकारी अपने मां तथा भाई को दिया जिसके उपरान्त पीडिता ने थाना बिजुरी में अभियुक्त के विरूद्ध अपराध दर्ज करवारा जिसे पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।प्रकरण में शासन की ओर से पक्ष रखते हुए पैरवीकर्ता राजगौरव तिवारी कोतमा द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेजों को प्रस्तुत कर प्रकरण को संदेह से परे साबित किया। माननीय न्यायालय द्वारा राजगौरव तिवारी के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को भादवि की धारा 354 में 03 वर्ष एवं 2 हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 10 में 05 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 3 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि उक्त प्रकरण बिजुरी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत है जिसमें अभियुक्त पीडिता को 02 वर्ष से ट्यूशन पढा रहा था, एक दिन जब दिनांक 08/08/2017 को शाम 04.30 बजे के लगभग अभियुक्त के यहां ट्यूशन पढने गयी तो उस समय कोई बच्चे नहीं आये थे तब पीडिता ने अभियुक्त से पूछा तो उसने कुछ देर में अन्य बच्चों को आने की बात कही और पीडिता से उसे कमरे में आने को कहा, पीडिता कमरे में गई ही थी कि अभियुक्त ने पीडिता से छेड छाड करने लगा तब पीडिता ने स्टीकर लाने के बहाने भागकर अपने घर गई तथा घटना की जानकारी अपने मां तथा भाई को दिया जिसके उपरान्त पीडिता ने थाना बिजुरी में अभियुक्त के विरूद्ध अपराध दर्ज करवारा जिसे पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।प्रकरण में शासन की ओर से पक्ष रखते हुए पैरवीकर्ता राजगौरव तिवारी कोतमा द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेजों को प्रस्तुत कर प्रकरण को संदेह से परे साबित किया। माननीय न्यायालय द्वारा राजगौरव तिवारी के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को भादवि की धारा 354 में 03 वर्ष एवं 2 हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 10 में 05 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 3 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।
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