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जंगली सुअर का शिकार करने वाले 02 व्यक्तियों को तीन-तीन वर्ष का कारावास न्यायालय ने सुनाया फैसला

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुशील कुमार अग्रवाल, राजेन्द्रग्राम जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के द्वारा वन परिक्षेत्र अहिरगंवा का बीट करपा का पीओेआर क्र. 4253/21 आपराधिक प्रकरण क्र. 102/16 वन्य् जीव संरक्षण अन्तर्गत धारा 9/39 में पारित निर्णय दिनांक 22/03/2022 आरोपीगण चेतन सिंह पिता दुर्जन सिंह गोंड आयु 35 वर्ष, गंगा सिंह पिता छोटू सिंह आयु 50 वर्ष दोनों निवासी ग्राम घाटा थाना करनपठार जिला अनूपपुर (म.प्र.) को वन्य  जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51 के अन्त र्गत तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य  की ओर से प्रकरण में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा के द्वारा पैरवी की गई। 
            मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि घटना दिनांक 26/01/2016 की सुबह 07.00 बजे सुरक्षा श्रमिक नारायण, हरिचंन्द्र  के साथ जंगल में गश्ती के लिए गया था जहां कक्ष क्र. पी-83 में जंगली सुअर का शिकार होने की सूचना देकर वन कर्मचारियों के साथ लगभग 11.00 बजे ग्राम घाटा निवासी चेतन सिंह से मृत जंगली सुअर के शव के बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह गंगासिंह के साथ मिलकर लाठी एवं ईंटा से मारकर छोटेसिंह के घर में रखे हैं तब आरोपी चेतन सिंह की निशानदेही पर छोटे सिंह के घर से लगभग 40 मीटर दूरी पर एक गढ्ढे में मृत जंगली सुअर का शव के साथ एक ईंट, एक नग डंडा खून लगा हुआ पाया गया जिन्हें जब्त कर जप्ती पत्रक तैयार किया एवं मृत जंगली सुअर की पैमाईश करने पर लंबाई 90 सेमी. ऊंचाई 55 सेमी.थी। उक्त कार्यवाही का मौका पंचनामा तैयार कर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना कर विवेचना पश्चामत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय ने अपराध को प्रमाणित पाते हुए उपरोक्ता दण्ड से दण्डित किया है। 
          अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने उक्त निर्णय के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा है कि वन मामलों में अभियोजन के लिए आरोपीगण को दोषसिद्ध कराना बडा दुष्कर कार्य होता है, परन्तु जब से मुख्य वन मण्डलाधिकारी डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी महोदय  ने अनूपपुर डी.एफ.ओ. का पद सम्हाला है तब से वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही में न्यायालय द्वारा आरोपीगण को पर्याप्त रूप से दण्डित किया जा रहा है, श्रीमान के प्रभावी पर्यवेक्षण से वन अपराधी खौफ में हैं।

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