Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

अमृत काल का बजट देश को नई दिशा देगा-कुलपति

 

अर्थशास्त्र एवं 
वंणिज्य विभाग द्वारा बजट पर चर्चा
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) बजट पर चर्चा आभासी मंच पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं वंणिज्य विभाग द्वारा बजट पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "अमृत काल का बजट देश को नई दिशा देगा क्योंकि ये बजट आजादी के 75 वे वर्ष में प्रस्तुत किया गया है। इस बजट में कोविड 19 से उपजी समस्याओं को ध्यान में रखा गया, ये समस्याएं स्वास्थ से लेकर आर्थिक गतिविधियों की हैं, जिन्हें आने वाले समय में दूर किया जाएगा। जीडीपी का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये भारत केंदित बजट है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार क्रांति और कृषि विकास पर विशेष जोर दिया गया है"। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि "यह अद्वितीय बजट है जिसमें पैसो के सही उपयोग की व्यवस्था की गई है। हमारे यहाँ कर दायरे में आने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है क्योंकि कर चुकाने वालों की संख्या देश में बहुत कम है। ये एक क्रांतिकारी बजट है। जिसमें रक्षा के उत्पाद भारत में बनेंगे। सरकार ने वित्तिय घाटे को स्थिर रखा है और आने वाले समय में यह और कम होगा"। कार्यक्रम में बीज वक्ता के रूप में बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के सेवानिवृत्त डॉ. चन्द्रकांत प्रसाद शाही द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि "चुनाव काल में लोक लुभावन बजट पेश न करके सरकार ने इस बजट के माध्यम से भविष्य के भारत या नए भारत के नीव रखी है। इस बजट में सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह बजट शिक्षा और रोजगार पर केंद्रीय है जिसका आधार प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र है। डिजिटल मुद्रा नए भारत का चेहरा है"। कर्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के प्रबंधशास्त्री प्रो. मानस पाण्डेय द्वारा अपने उद्बोधन में "बजट के सभी पहलुओं को छूते हुए किसान, महिला, रक्षा, शिक्षा, एम.एस.एम.ई. पर केंद्रित करते हुए देश के आर्थिक विकास, आर्थिक स्वावलंबन और पी.एम. गति शक्ति योजना व पर्यटन को इंगित किया। जिनके माध्यम से देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव, अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीति जैन द्वारा 'बजट पर चर्चा' विषय की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि "यह ग्रोथ -ओरिएंटेड बजट है, जिसमें चार पिलर हैं - प्रोडक्टिविटी, क्लाइमेट एक्शन, फाइनेंसिंग इन्वेस्टमेंट और पीएम गति शक्ति योजना"। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. बिमलेश सिंह, डॉ. राजकुमार नागवंशी, डॉ. विनोद सेन द्वारा क्रमशः मुख्य अतिथि, बीज वक्ता और विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया और अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. आनंद सुगंधें द्वारा  आभाषीय मंच पर सभी आगन्तुकों को धन्यवाद दिया गया। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव द्वितीय, वांणिज्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार दीक्षित द्वारा किया गया।

Post a Comment

0 Comments