आए दिन हो रही ट्रेनें कैंसिल यात्री हो रहे परेशान
चल रही ट्रेनों में बोगी जोड़ कर यात्रियों को दी जाए सुविधा
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर रेलवे कटनी सेक्शन में तीसरी लाइन कनेक्टिविटी के चक्कर में आए दिन यात्री ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।वही देखा जा रहा है कि गुड्स ट्रेन धड़धड़ाते हुए चल रही है इस ट्रेन को चलाने में रेलवे को कोई दिक्कत नहीं आ रही है।तीसरी लाइन कनेक्टिविटी के चक्कर में कोई अंतर नहीं पड़ रहा है तो फिर यात्री ट्रेनों से क्या अंतर पड़ रहा है...?काफी समय से पूरी तरह से यात्री ट्रेनों को अभी तक नहीं चलाया गया और ना ही पहली की तरह ट्रेनें चल रही है अधिकांश ट्रेनों में बिना रिजर्वेशन के जाने की अनुमति नहीं है।इन सब कारणों से यात्रियों पर आर्थिक बोझ ज्यादा पड़ रहा है लेकिन रेलवे के आला अफसर इस और कोई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे परेशानी यात्रियों की काफी ज्यादा है।बसों एवं टैक्सियों से यात्रा काफी महंगी पड़ रही है लेकिन मजबूरी में आदमी को यात्रा करना पड़ रहा है।कोरोना का नाम लेकर रेलवे यात्रियों के साथ खिलवाड़ कर रही है कई ऐसे भी स्टेशन है जो अपने आप में महत्वपूर्ण है लेकिन वहां ट्रेनें नहीं रुक रही हैं।यह रेलवे की भेदभाव पूर्ण नीति है रेलवे को पहले की तरह सभी ट्रेनें चालू कर देना चाहिए और पहले कि तरह ही टिकट खिड़की से टिकट की सुविधा दी जानी चाहिए।इसके साथ ही देखा जा रहा है कि ट्रेनें कैंसिल होने से जो भी ट्रेनें चलती हैं उस पर यात्रियों का दबाव ज्यादा होता है काफी लोगों ने अपना रिजर्वेशन आने-जाने के लिए कराया लेकिन उन ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया और जो ट्रेनें उस लाइन पर चल रही है उन ट्रेनों में बोगी बढ़ाकर यात्रियों को सुविधा दी जानी चाहिए लेकिन रेलवे इस और तनिक भी ध्यान नहीं दे रहा है जिससे यात्रियों में काफी निराशा है।रेलवे के वरिष्ठ अफसरों को चाहिए कि इस ओर ध्यान दें जो भी ट्रेनें चल रही हैं बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन में उनमें कम से कम दो से तीन बोगी बढ़ा कर यात्रियों को सुविधा दी जा सकती है लेकिन रेलवे आज तक इस ओर भी ध्यान नहीं दे रहा है।कोरोना काल में काफी समय तक ट्रेनें बंद रही उस समय रेलवे को तीसरी लाइन कनेक्टिविटी एवं अन्य कार्य करके यात्रियों को सुविधा पूर्ण रेल यात्रा करानी चाहिए थी लेकिन रेलवे ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद की चुप्पी के चलते भी यात्री काफी परेशान हैं।कई बार निवेदन किया गया लेकिन उनके कान में जूं तक नहीं रेंगी उनके सभी पत्र रद्दी की टोकरी में डाल दिए जाते हैं किसी पत्र पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।उमरिया जोकि नेशनल पार्क बांधवगढ़ के नाम से प्रसिद्ध है इसके साथ ही जैतहरी आदि अन्य और स्टेशनों पर कई ट्रेनों के स्टॉपेज आज दिनांक तक सांसद नहीं दिला पाई।जबकि अन्य रेलवे में वही ट्रेनें छोटे-छोटे स्टेशनों पर बराबर रुक रही हैं क्योंकि वहां के सांसद दमदार हैं जिसके कारण ट्रेनों के स्टॉपेज यथावत मिले हुए हैं।लेकिन हमारे शहडोल जिले की सांसद केवल फोटो छपवाने तक ही सीमित है लड़ने की ताकत उनमें नहीं है।स्वर्गीय दलवीर सिंह जी, स्वर्गीय श्रीमती राजेश नंदनी सिंह जी दमदारी के साथ काम करती थी उनकी बातों में वजन होता था और कार्य होते थे लेकिन बड़ा दुर्भाग्य है कि उनकी पुत्री उनके जैसा कार्य करने में सक्षम नहीं है।जिसके कारण भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।लोगों ने भारी बहुमत से इसलिए उन्हें जिताया था कि वह स्वर्गीय दलवीर सिंह जी,स्वर्गीय श्रीमती राजेश नंदनी सिंह जी की पुत्री है उनके मार्ग पर वह चलकर शहडोल संसदीय क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखेंगी लेकिन वह इतिहास लिखने में सक्षम नहीं दिखी।आने वाले चुनाव में उनकी विदाई अभी से सुनिश्चित हो चुकी है।रेलवे के मंडल एवं जोनल के काफी सदस्य भी शहडोल संसदीय क्षेत्र में है लेकिन उनकी बातों पर भी उनकी मांगों पर भी बिलासपुर रेल मंडल एवं बिलासपुर जोनल कार्यालय आज तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाया क्योंकि शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोग शांतिप्रिय हैं जिसका नाजायज फायदा रेलवे ले रहा है। अगर शहडोल संसदीय क्षेत्र एक बार रेलवे लाइन पर बैठ गया और चल रही माल गाड़ियों को रोक दिया तो बिलासपुर से दिल्ली तक हलचल मच जाएगी और रेलवे के आला अफसरों की नींद उड़ जाएगी और आम जनता की मांगों पर तत्काल कार्यवाही हो जाएगी।लेकिन धन्य है शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता जो बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं जिसके कारण भी रेलवे की मनमानी चरम सीमा पर है। देखना है आने वाले समय में रेलवे क्या फैसला लेता है और शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता भी क्या फैसला लेती है। आवश्यकता है कि रेलवे तत्काल यात्री सुविधाओं पर ध्यान दें और जो भी सुविधा यात्रियों को उपलब्ध कराई जा सकती हैं उसे उपलब्ध कराएं जिससे यात्रियों को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो।इसके साथ ही जो भी ट्रेनें बंद है उन्हें तत्काल चालू किया जाए एवं सभी स्टेशनों पर पूर्व की तरह स्टॉपेज यथावत करते हुए टिकट खिड़की से टिकट की सुविधा प्रारंभ की जाए। एवं जो भी ट्रेन अभी चल रही हैं उनमें बोगी बढ़ाकर यात्रियों को सुविधा दी जाए।
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