(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों भूपेन्द्र नकवाल महोदय के न्यायालय द्वारा थाना चचाई के अपराध क्र. 324/18 धारा 376, 376(2)N, 342,368, 323,506 भादवि 5, 6 पॉक्सों एक्ट एवं 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट में आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू पिता ओमप्रकाश साहू निवासी ग्राम बरगवां थाना चचाई जिला अनूपपुर की ओर से प्रस्तुत तृतीय जमानत आवेदन निरस्त किया है। आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए मामले में जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा शासन की ओर से अपना पक्ष रखा।
सहायक अभियोजन मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने बताया कि दिनांक 24/11/2018 को शाम करीब 06 बजे पीडिता अपने घर के पास स्थित किराना दुकान किराने का सामान खरीदने गई थी वही पर रास्ते में आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू आकर पीडिता का दाहिना हाथ पकडकर जंगल तरफ ले गया तथा पीडिता के चिल्लाने पर उसका मुंह हाथ से पकड लिया उसके बाद आरोपी पीडिता को एक अन्य सहआरोपी के घर ले गया तथा दोनों पीडिता को घर से बाहर नही जाने देते थे इसके बाद सहआरोपी के घर से बाहर चले जाने पर आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू ने पीडिता के साथ गलत काम किया पीडिता के मना करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी उसके बाद आरोपी पीडिता को अपने साथ अपने घर ले गया जहा पर आरोपी की बहन ने आरोपी एवं पीडिता को अपने घर के एक कमरे में अंदर कर बाहर से ताला लगा दिया जहां पर आरोपी ने आरोपी ने पीडिता के साथ फिर से गलत काम किया पीडिता की जानकारी मिलने पर पीडिता की मां, चाची अन्य लोगों के साथ आकर पीडिता वहां से छुडाकर ले गयी एवं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नही किया है, प्रार्थी इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है। जमानत का लाभ दिये जाने पर वह जमानत की समस्त शर्तो का पालन करेगा।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि अपराध गभीर प्रकृति का है प्रकरण में आरोपी की मां, चाची एवं अन्य समस्त साक्षियों के घटना का समर्थन किया है जमानत का लाभ दिये जाने पर आरोपी फरार हो सकता है, पीडिता एवं उसके माता-पिता तथा अन्य व्यक्त्यिों ने न्यायालय में उसके विरोध में कथन किया है जिसके कारण वह उनके साथ अन्य कोई आपराधिक कृत्य कर सकता है, जिससे न्यायालय का आवश्यक समय बाधित हो सकता है अत: जमानत का लाभ दिया जाना न्यायहित में उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय द्वाराआरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।
सहायक अभियोजन मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने बताया कि दिनांक 24/11/2018 को शाम करीब 06 बजे पीडिता अपने घर के पास स्थित किराना दुकान किराने का सामान खरीदने गई थी वही पर रास्ते में आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू आकर पीडिता का दाहिना हाथ पकडकर जंगल तरफ ले गया तथा पीडिता के चिल्लाने पर उसका मुंह हाथ से पकड लिया उसके बाद आरोपी पीडिता को एक अन्य सहआरोपी के घर ले गया तथा दोनों पीडिता को घर से बाहर नही जाने देते थे इसके बाद सहआरोपी के घर से बाहर चले जाने पर आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू ने पीडिता के साथ गलत काम किया पीडिता के मना करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी उसके बाद आरोपी पीडिता को अपने साथ अपने घर ले गया जहा पर आरोपी की बहन ने आरोपी एवं पीडिता को अपने घर के एक कमरे में अंदर कर बाहर से ताला लगा दिया जहां पर आरोपी ने आरोपी ने पीडिता के साथ फिर से गलत काम किया पीडिता की जानकारी मिलने पर पीडिता की मां, चाची अन्य लोगों के साथ आकर पीडिता वहां से छुडाकर ले गयी एवं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नही किया है, प्रार्थी इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है। जमानत का लाभ दिये जाने पर वह जमानत की समस्त शर्तो का पालन करेगा।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि अपराध गभीर प्रकृति का है प्रकरण में आरोपी की मां, चाची एवं अन्य समस्त साक्षियों के घटना का समर्थन किया है जमानत का लाभ दिये जाने पर आरोपी फरार हो सकता है, पीडिता एवं उसके माता-पिता तथा अन्य व्यक्त्यिों ने न्यायालय में उसके विरोध में कथन किया है जिसके कारण वह उनके साथ अन्य कोई आपराधिक कृत्य कर सकता है, जिससे न्यायालय का आवश्यक समय बाधित हो सकता है अत: जमानत का लाभ दिया जाना न्यायहित में उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय द्वाराआरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।
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