(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर श्रीमान् राजेश कुमार अग्रवाल महोदय के न्यायालय द्वारा सत्र प्रकरण क्र. 09/21 के आरेपी संतोष सिंह गोंड पिता बजरंग सिंह गोंड उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम निगौरा, थाना जैतहरी जिला अनूपपुर को धारा 302 भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास से दण्डित किया है। राज्य की ओर से प्रकरण का सशक्त संचालन जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा किया गया।
अभियोजन सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने निर्णय का विवरण देते हुए बताया कि घटना दिनांक 05/07/2020 को ट्रेक्टर चालक दलबीर सिंह अपने साथी कमलेश कुमार व पुष्पेन्द्र सिंह के साथ लेबर (मजदूर) छोडने ग्राम निगौरा गया था, लेबर छोडकर वापस ग्राम बहुटाडाड होकर ग्राम बलबहरा जा रहे थे, बलबहरा जाते समय करीब 08.00 बजे रात जैसे ही ट्रेक्टर संतोष सिंह गोंड के घर के सामने पहुंचा तो आरोपी संतोष सिंह गोंड ने मॉ बहन की बुरी-बुरी गालिंया देते हुए ट्रेक्टर को रोक लिया, जब मृतक दलवीर सिंह ने गाली देने से मना किया तो आरोपी एक लकडी का मोटा गेंढा लेकर आया और उस मोटे गेढे से चालक दलबीर सिंह को जान से मारने की नियत से मारा, जो उसके सिर व जबडे में लगा। चोट लगने के कारण दलवीर सिंह गिर गया और खून से लथ-पथ हो गया, जब कमलेश एवं पुष्पेन्द्र सिंह ने बीच-बचाव किया तो आरोपी उन्हें भी लकडी के गेढे से मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। तत्पश्चात पुलिस के 100 नम्बर वाहन से आहत दलवीर सिंह कमलेश सिह एवं पुष्पेन्द्र सिंह को जैतहरी अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचते पहुंचते आहत दलवीर सिंह खत्म हो गया। अस्पताल जैतहरी की लिखित तहरीर से मर्ग इन्टीमेशन कायम किया गया। दौरान मर्ग जांच जैतहरी पहुंचकर मृत्यु जांच पंचायत नामा में उपस्थिति हेतु नोटिस तैयार किया, पंचों के समक्ष लाश नक्शा पंचायतनामा तैयार किया, तत्पश्चात घटना स्थल से खून आलूदा मिटटी जब्त की मृतक दलबीर सिंह का फोटोग्राफ कराकर उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया, आहत पुष्पेन्द्र की निशादेही पर घटना स्थल का मौका नक्शा तैयार किया गया, मर्ग जांच के दौरान घटना के चक्षूदर्शी साक्षी आहत कमलेश कुमार टांडिया एवं पुष्पेन्द्र सिंह गोंड दोनों के कथनों पर से प्रथम दृष्टया आरोपी संतोष सिंह गोंड के द्वारा अपराध घटित करना पाते हुए धारा 302, 294, 323, 341, 506 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियेाग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण मे राज्य की ओर से पैरवीकर्ता अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा माननीय न्यायलय के समक्ष आवश्यक साक्ष्य एवं दस्तावेजों को संदेह से परे प्रमाणित किया माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने निर्णय का विवरण देते हुए बताया कि घटना दिनांक 05/07/2020 को ट्रेक्टर चालक दलबीर सिंह अपने साथी कमलेश कुमार व पुष्पेन्द्र सिंह के साथ लेबर (मजदूर) छोडने ग्राम निगौरा गया था, लेबर छोडकर वापस ग्राम बहुटाडाड होकर ग्राम बलबहरा जा रहे थे, बलबहरा जाते समय करीब 08.00 बजे रात जैसे ही ट्रेक्टर संतोष सिंह गोंड के घर के सामने पहुंचा तो आरोपी संतोष सिंह गोंड ने मॉ बहन की बुरी-बुरी गालिंया देते हुए ट्रेक्टर को रोक लिया, जब मृतक दलवीर सिंह ने गाली देने से मना किया तो आरोपी एक लकडी का मोटा गेंढा लेकर आया और उस मोटे गेढे से चालक दलबीर सिंह को जान से मारने की नियत से मारा, जो उसके सिर व जबडे में लगा। चोट लगने के कारण दलवीर सिंह गिर गया और खून से लथ-पथ हो गया, जब कमलेश एवं पुष्पेन्द्र सिंह ने बीच-बचाव किया तो आरोपी उन्हें भी लकडी के गेढे से मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। तत्पश्चात पुलिस के 100 नम्बर वाहन से आहत दलवीर सिंह कमलेश सिह एवं पुष्पेन्द्र सिंह को जैतहरी अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचते पहुंचते आहत दलवीर सिंह खत्म हो गया। अस्पताल जैतहरी की लिखित तहरीर से मर्ग इन्टीमेशन कायम किया गया। दौरान मर्ग जांच जैतहरी पहुंचकर मृत्यु जांच पंचायत नामा में उपस्थिति हेतु नोटिस तैयार किया, पंचों के समक्ष लाश नक्शा पंचायतनामा तैयार किया, तत्पश्चात घटना स्थल से खून आलूदा मिटटी जब्त की मृतक दलबीर सिंह का फोटोग्राफ कराकर उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया, आहत पुष्पेन्द्र की निशादेही पर घटना स्थल का मौका नक्शा तैयार किया गया, मर्ग जांच के दौरान घटना के चक्षूदर्शी साक्षी आहत कमलेश कुमार टांडिया एवं पुष्पेन्द्र सिंह गोंड दोनों के कथनों पर से प्रथम दृष्टया आरोपी संतोष सिंह गोंड के द्वारा अपराध घटित करना पाते हुए धारा 302, 294, 323, 341, 506 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियेाग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण मे राज्य की ओर से पैरवीकर्ता अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा माननीय न्यायलय के समक्ष आवश्यक साक्ष्य एवं दस्तावेजों को संदेह से परे प्रमाणित किया माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
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