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हत्‍या के आरोपी को हुआ आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड के दण्ड से भी दण्डित

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश स्वयं प्रकाश दुबे की न्यायालय ने आरोपी शिवचरण उर्फ शियाशरण पिता रामविशाल केवट उम्र 30 निवासी ग्राम-चोडी पोडी, थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर म.प्र.को आजीवन कारावास सहित अर्थदण्ड से दण्डित किया।
          सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कोतमा राजगौरव तिवारी के हवाले से बताया कि उक्त प्रकरण भालूमाडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत है जिसमें आरोपी शिवचरण उर्फ शियाशरण के द्वारा फरियादी मृतक सत्तू केवट सुबह 06.00 बजे के करीब अपने खेत गोहतारू हल बैल एवं बिजहा लेकर जोतने बोने जा रहा था तब हिरदास केवट के घर के पास आरोपी ने फरियादी को रोका एवं बोला कि तुम गोहतारू खेत को नहीं जोतोंगें एवं मां-बहन की अश्लील गालिया देने लगा फरियादी के मना करने पर आरोपी शिवचरण के द्वारा टागी से फरियादी के सिर एवं पैर से वार किया गया जिससे फरियादी गिर गया एवं टांगी की मार से फरियादी के पैर से खून बहने लगा जब फरियादी के द्वारा हल्ला गोहार करने उसके दमाद काशीराम तथा संतराम साहू दौडे तब तक आरोपी भाग गया था। आरोपी ने जमीनी विवाद पर से मारपीट किया था जिसके बाद उक्त घटना के संबंध मे फरियादी ने दिनांक 09/04/16 को आरक्षी केंद्र थाना भालूमाडा में अपराध क्र 195/16 धारा 302,341,294 भादवि में आरोपी शिवचरण उर्फ शियाशरण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराया जिसे में विवेचना लिया गया तथा इसी दौरान फरियादी की इलाज के दौरन मृत्यु हो गयी जिस कारण से प्रकरण में 302 भादवि का इजाफा कर विवेचना में लिया गया था और दौरान विवेचक तत्कालीन थाना प्रभारी ओंकार तिवारी ने आरोपी कैलाश को गिरफ्तार कर, आवश्यक साक्ष्य का संकलन कर अभियोग पत्र माननीय कोतमा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। 
                  प्रकरण में शासन की ओर से पक्ष रखते हुए पैरवीकर्ता  शैलेन्द्र सिंह अपर लोक अभियोजक, कोतमा द्वारा की गयी श्री सिंह द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेजों को प्रस्तुत कर प्रकरण को संदेह से परे साबित किया। माननीय न्यायालय द्वारा श्री सिंह के तर्को से सहमत होते हुए दिनांक 12/01/22 को आरोपी को भादवि की धारा 341 के तहत 01 माह और भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास के कठोर कारावास के साथ 10 हजार रुपए अर्थदण्ड के दण्ड से भी दण्डित किया गया।

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