अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा स्वयं प्रकाश दुबे जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के द्वारा थाना भालूमाडा अप.क्र. 461/18, धारा 307, 302 भादवि के आरोपी कुबेर महरा पिता दिलहरण महरा उम्र 26 वर्ष निवासी वार्ड नं. 15 लाईन दफाई भालूमाडा थाना भालूमाडा तहसील कोतमा जिला-अनूपपुर (म.प्र.) को धारा 302 भादवि के आरोप मे आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किया गया है। राज्य की ओर से पैरवीकर्ता सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अपर लोक अभियोजक हेंमत अग्रवाल के द्वारा की गई है।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि फरियादी श्रीमती नूरजहां ने थाना भालूमाडा में दिनांक 08/11/2018 को रिपोर्ट लिखाई कि आज दिनांक को करीब 01.30 बजे दिन गंगू कोल के घर के पास रोड के किनारे कोमल गोंड और कुबेर महरा निवासी वार्ड नं. 15 लाईन दफाई भालूमाडा थाना भालूमाडा किसी बात को लेकर आपस में लडाई-झगडा कर रहे थे दोनों को रोकने के लिए राकेश कुमार कोल आ गया तब उसी समय एक 10 चक्का डम्फर आमाडांड तरफ से कोयला लोडकर गोंविदा तरफ जा रहा था रोड पर लडाई झगडा होने से डम्फर वाला गाडी रोक दिया जब वे तीनो किनारे हो गये तब डम्फर वाला धीरे-धीरे गाडी बढाने लगा तभी कुबेर महरा ने राकेश कुमार कोल को उठाकर डम्फर के नीचे फेंक दिया तब आसपास के लोगो ने हल्ला किया जिससे डम्फार वाले ने डम्फर रोक दी राकेश डम्फर के नीचे चका में दब गया, डम्फर वाले के बैक करने पर राकेश को लोगों ने निकाला राकेश के कूल्हे एवं पेंट चका से दबने से चोंट आई थी राकेश कोल उल्टी कर बेहोश हो गया था जिसे कोमल गोंड एवं अन्य लोगो ने अस्पताल कोतमा में ले गये जहां से उसे अनूपपुर रैफर कर दिया।फरियादी नूरजहां की रिपोर्ट पर थाना भालूमाडा में अप. क्र. 461/18 धारा 307 भादवि पंजीबद्व किया गया गया। बाद में आहत की मृत्यु होने पर धारा 302 भादवि का इजाफा आरोपी के विरूद्व किया गया मामले की विवेचना तत्कालीन भालूमाडा थाना प्रभारी मनोज दीक्षित द्वारा की गई। जिला स्तरीय कमेटी द्वारा एवं श्रीमान् पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर मामले को गंभीर मानते हुए चिहिंत एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिहिंत किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र कोतमा न्यांयालय में पेश किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन एंव जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के विशेष निगरानी में अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक हेमंत अग्रवाल द्वारा किया गया। उन्होने माननीय न्यायालय में क्रमबद्व तरीके से अभियोजन साक्षियों के बयान अंकित कराये, तथा मामले के वैज्ञानिक दस्तावेजी साक्ष्य के विधि पूर्ण तरीके से न्यायालय में आरोपी के विरूद्व साबित किया, जिससे न्यायालय आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त् दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है। प्रकरण में प्रारंभिक पैरवी सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी राजगौरव तिवारी के द्वारा भी की गई ।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि फरियादी श्रीमती नूरजहां ने थाना भालूमाडा में दिनांक 08/11/2018 को रिपोर्ट लिखाई कि आज दिनांक को करीब 01.30 बजे दिन गंगू कोल के घर के पास रोड के किनारे कोमल गोंड और कुबेर महरा निवासी वार्ड नं. 15 लाईन दफाई भालूमाडा थाना भालूमाडा किसी बात को लेकर आपस में लडाई-झगडा कर रहे थे दोनों को रोकने के लिए राकेश कुमार कोल आ गया तब उसी समय एक 10 चक्का डम्फर आमाडांड तरफ से कोयला लोडकर गोंविदा तरफ जा रहा था रोड पर लडाई झगडा होने से डम्फर वाला गाडी रोक दिया जब वे तीनो किनारे हो गये तब डम्फर वाला धीरे-धीरे गाडी बढाने लगा तभी कुबेर महरा ने राकेश कुमार कोल को उठाकर डम्फर के नीचे फेंक दिया तब आसपास के लोगो ने हल्ला किया जिससे डम्फार वाले ने डम्फर रोक दी राकेश डम्फर के नीचे चका में दब गया, डम्फर वाले के बैक करने पर राकेश को लोगों ने निकाला राकेश के कूल्हे एवं पेंट चका से दबने से चोंट आई थी राकेश कोल उल्टी कर बेहोश हो गया था जिसे कोमल गोंड एवं अन्य लोगो ने अस्पताल कोतमा में ले गये जहां से उसे अनूपपुर रैफर कर दिया।फरियादी नूरजहां की रिपोर्ट पर थाना भालूमाडा में अप. क्र. 461/18 धारा 307 भादवि पंजीबद्व किया गया गया। बाद में आहत की मृत्यु होने पर धारा 302 भादवि का इजाफा आरोपी के विरूद्व किया गया मामले की विवेचना तत्कालीन भालूमाडा थाना प्रभारी मनोज दीक्षित द्वारा की गई। जिला स्तरीय कमेटी द्वारा एवं श्रीमान् पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर मामले को गंभीर मानते हुए चिहिंत एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिहिंत किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र कोतमा न्यांयालय में पेश किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन एंव जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के विशेष निगरानी में अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक हेमंत अग्रवाल द्वारा किया गया। उन्होने माननीय न्यायालय में क्रमबद्व तरीके से अभियोजन साक्षियों के बयान अंकित कराये, तथा मामले के वैज्ञानिक दस्तावेजी साक्ष्य के विधि पूर्ण तरीके से न्यायालय में आरोपी के विरूद्व साबित किया, जिससे न्यायालय आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त् दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है। प्रकरण में प्रारंभिक पैरवी सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी राजगौरव तिवारी के द्वारा भी की गई ।
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