(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों भूपेन्द्र नकवाल महोदय के न्यायालय द्वारा थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्र. 598/21 धारा 376, 376(2)एन भादवि 3, 4, 5एल, 6 पॉक्सों एक्ट में आरोपी कृष्णा कोल पिता मैकू कोल उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम बैरहनी, ताराडाड थाना अनूपपुर जिला अनूपपुर की ओर से प्रस्तुत प्रथम जमानत आवेदन निरस्त किया है। आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए मामले में जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा शासन की ओर से अपना पक्ष रखा।
सहायक अभियोजन मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने बताया कि जब पीडिता के कक्षा 07 वीं में पढने के दौरान आरोपी कृष्णा कोल पीडिता को बहला-फुसला कर एवं शादी करने का झासा देकर उसके साथ माह जुलाई 2021 से लगातार अक्टूबर 2021 तक गलत काम किया जिससे पीडिता गर्भवती हो गई जब पीडिता ने आरोपी से शादी करने को कहा तो आरोपी ने शादी करने से मना कर दिया उसके बाद पीडिता अपनी मां के साथ थाना कोतवाली में आकर अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, प्रार्थी अपने परिवार का जिम्मेदार व्यक्ति है एवं उसका परिवार उसी की आय से पलता है वह इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि अपराध गभीर प्रकृति का है आरोपी साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है अत: जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
सहायक अभियोजन मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने बताया कि जब पीडिता के कक्षा 07 वीं में पढने के दौरान आरोपी कृष्णा कोल पीडिता को बहला-फुसला कर एवं शादी करने का झासा देकर उसके साथ माह जुलाई 2021 से लगातार अक्टूबर 2021 तक गलत काम किया जिससे पीडिता गर्भवती हो गई जब पीडिता ने आरोपी से शादी करने को कहा तो आरोपी ने शादी करने से मना कर दिया उसके बाद पीडिता अपनी मां के साथ थाना कोतवाली में आकर अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोपी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, प्रार्थी अपने परिवार का जिम्मेदार व्यक्ति है एवं उसका परिवार उसी की आय से पलता है वह इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि अपराध गभीर प्रकृति का है आरोपी साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है अत: जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
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