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नाबालिग को डरा-धमकाकर दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी का द्वितीय जमानत आवेदन न्‍यायालय ने किया निरस्‍त

 

 (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सों भूपेन्‍द्र नकवाल महोदय के न्‍यायालय द्वारा थाना कोतमा के अपराध क्र. 487/18 धारा 363, 366, 376, 506 भादवि 3, 4  पॉक्‍सों एक्‍ट एवं 3(2)5 एससी/एसटी एक्‍ट में आरोपी रामवली केवट पिता श्‍याम केवट निवासी कदमटोला थाना कोतमा जिला अनूपपुर की ओर से प्रस्‍तुत द्वितीय जमानत आवेदन निरस्‍त किया है। आरोपी द्वारा प्रस्‍तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए मामले में जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा शासन की ओर से अपना पक्ष रखा।
                       अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्‍डेय ने बताया कि पीडिता शाम करीब 07.00 बजे अपने घर कें पीछे बाडी में बने लेट्रिन रूम में शौच के लिये जा रही थी तभी आरोपी रामबली केवट पीछे से आकर पीडिता का मुंह अपने हाथों से दबा दिया पीडिता ने मोबाइल में टॉर्च में देख लिया और पहचान गई कि वह रामबली केवट था। आरोपी पीडिता को खीचकर बाडी के पीछे नर्सरी तरफ ले गया पीडिता का मोबाइल अपने जेब में रखकर उसे कुंजीलाल के बगीचे में ले जाकर पीडिता साथ गलत काम किया और धमकी दिया कि अगर घटना के बारे में किसी को बताओगी तो तुम्‍हे जान से खत्‍म कर दूंगा।यह कहकर पीडिता के बाये गाल पर 02-03 झापड मारा जिससे पीडिता बेहोश हो गई। रात के लगभग 10.00 बजे होश आने पर घर गई एवं डर के कारण किसी को घटना नही बताई।अगले दिन पीडिता के पडोस मे रहने वाली उसकी मौसी के पूछने पर कि तुम क्‍यों रो रही हो घटना की बात बताई इसके बाद पीडिता अपनी मां एवं चाचा-चाची के साथ थाने आकर रिेपोर्ट दर्ज करवाई।
आरोपी द्वारा न्‍यायालय में अपना पक्ष रखने के दौरान कहा कि वह निर्दोष है, उसे झूठा फसाया गया है, प्रार्थी अपने परिवार का जिम्‍मेदार व्‍यक्ति है एवं उसका परिवार उसी की आय से पलता है वह इसी जिले का निवासी है जहां पर उसकी चल-अचल संपत्ति है।
अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि अपराध गभीर प्रकृति का है आरोपी साक्ष्‍य को प्रभावित कर सकता है, प्रकरण में पीडिता एवं माता-पिता द्वारा घटना का पूर्णत: समर्थन किया है अत: जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है। 
            उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्‍चात् माननीय न्‍यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहम‍त होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्‍त कर दी।

       

         

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