(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (ब्यूरो) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों/बालक भूपेन्द्र नकवाल महोदय के न्यायालय द्वारा अपचारी बालक रामू (परिवर्तित नाम) उम्र 17 वर्ष और कुछ माह को पीडित बालक (लडका) के साथ अप्राकृतिक कृत्य (दुष्कर्म) का दोषी पाते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। राज्य की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि अपचारी बालक ने 07 साल से कम उम्र के पीडित बालक का व्यपहरण किया था पीडित बालक दिनांक 13/07/2016 को बडे भाई के साथ रोड के किनारे खेल रहा था तभी करीब रात 08.00 बजे जननी वाहन चलाने वाला अपचारी बालक आया और पहले उसके बडे भाई को पकडने को दौडा उसके भागने पर पीडित बालक को उठाकर एम्बूलेंस में जबरजस्ती बैठाकर हॉस्ट्रल के पीछे के कमरे में ले गया और उसे चाकू दिखाकर मार डालने की धमकी देते हुए उसके साथ गलत काम किया पीडित बालक दर्द होने पर चिल्लाता रहा अपचारी बालक गलत काम करता रहा। पीडित देखता रहा पीडित बालक के बडे भाई ने जाकर मां को बताया उसकी मां ने घटना की बात अपने पति को बताई। अपचारी बालक कुछ समय पश्चात् पीडित बालक को हॉस्ट्रल के पास छोडकर भाग गया पीडित बालक के पिता ने घटना की रिपोर्ट थाना कोतमा में की। थाना कोतमा द्वारा आरोपी के विरूद्व विवेचना पश्चात् धारा 363, 377, 506 भादवि एवं 5/6 पॉक्सों एक्ट के तहत अभियेाग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया न्यायालय में राज्य की ओर से प्रस्तुत किये गये अभियोजन साक्ष्य दस्तावेज एवं अंतिम तर्क से न्यायालय ने अपचारी बालक के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है। मामले में अपचारी किशोर की आयु 16 वर्ष से 18 वर्ष के बीच में होने के कारण किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत उसका विचारण न्यायालय में वयस्क आरोपियों के समान किया गया।
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