(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) जनजातीय बाहुल्य अनूपपुर में चावल की एक वैरायटी कोदो अब नये आयाम स्थापित कर रही है। कोदो पौष्टिकता और गुणवत्ता के कारण काफी प्रसिद्ध है। कोदो में मिलने वाले औषधि गुणों के कारण इसकी उपलब्धि और अधिक प्रचलित हो चुकी है। कोदो की इन्हीं विशेषताओं को मद्देनजर रखते हुए जनजातीय लोगों के द्वारा उत्पादित कोदो की कृषि को बढ़ाने और बिचौलियों से मुक्त एक स्वतंत्र व्यापारिक उद्यम स्थापित करने के लिए ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग का विस्तार किया जा रहा है। जिला प्रशासन अनूपपुर के मार्गदर्शन में कृषि विभाग ने कोदो की असंगठित खेती को संगठित करते हुए इसे अमरकंटक कोदो ब्राण्ड के साथ बड़े बाजारों तक पहुंचाने का मार्ग सुलभ किया है। इस कार्य में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) अमरकंटक ने ब्रांडिंग और मार्केटिंग का बीड़ा उठाया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अमरकंटक कोदो ब्राण्ड को मृगनयनी एम्पोरियम भोपाल के माध्यम से प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी प्रचारित किया, जहां लोगों ने अमरकंटक कोदो उत्पाद को हाथों-हाथ लिया और जनजातीय क्षेत्र के ब्रांडिंग व प्रोडेक्ट ने सुर्खियां हासिल की। जनजातीय बाहुल्य जिले के पुष्पराजगढ विकासखण्ड के ग्राम बहपुरी की जनजातीय महिलाओं के लक्ष्मी एवं सदगुरु महिला स्वसहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाकर कृषि विभाग द्वारा ग्राम राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत कोदो मिलिंग मशीन का जीर्णोद्धार कर इस नवाचार की पहल की गई है। कोदो मिलिंग मशीन के संचालन एवं रखरखाव के संबंध में समूह की जनजातीय महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
उद्देश्य एवं लाभ कोदो की क्षेत्र में सुलभ उपलब्धता और यहां के मूल निवासियों की परम्परागत खेती होने के कारण इसकी ब्रांडिंग क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान होगी। स्वदेशी व विदेशी मार्केट में कोदो अनाज अपनी औषधीय गुणों के कारण बेहद लाभप्रद फसल के रूप में साबित हो सकता है। कोदो को मधुमेह, मोटापा नियंत्रण, कोलेस्ट्राल नियंत्रण एवं एक डाईट फूड के रूप में बेहद फायदेमंद माना गया है। जिले में इसकी उत्पादकता और उपलब्धता को सही दिशा मे ब्राडिंग व व्यवसायिकरण से जोड़कर जनजातीय संवर्ग के किसानों के आर्थिक हालात को बेहतर किया जा सकता है।
अनूपपुर (अंचलधारा) जनजातीय बाहुल्य अनूपपुर में चावल की एक वैरायटी कोदो अब नये आयाम स्थापित कर रही है। कोदो पौष्टिकता और गुणवत्ता के कारण काफी प्रसिद्ध है। कोदो में मिलने वाले औषधि गुणों के कारण इसकी उपलब्धि और अधिक प्रचलित हो चुकी है। कोदो की इन्हीं विशेषताओं को मद्देनजर रखते हुए जनजातीय लोगों के द्वारा उत्पादित कोदो की कृषि को बढ़ाने और बिचौलियों से मुक्त एक स्वतंत्र व्यापारिक उद्यम स्थापित करने के लिए ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग का विस्तार किया जा रहा है। जिला प्रशासन अनूपपुर के मार्गदर्शन में कृषि विभाग ने कोदो की असंगठित खेती को संगठित करते हुए इसे अमरकंटक कोदो ब्राण्ड के साथ बड़े बाजारों तक पहुंचाने का मार्ग सुलभ किया है। इस कार्य में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) अमरकंटक ने ब्रांडिंग और मार्केटिंग का बीड़ा उठाया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अमरकंटक कोदो ब्राण्ड को मृगनयनी एम्पोरियम भोपाल के माध्यम से प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी प्रचारित किया, जहां लोगों ने अमरकंटक कोदो उत्पाद को हाथों-हाथ लिया और जनजातीय क्षेत्र के ब्रांडिंग व प्रोडेक्ट ने सुर्खियां हासिल की। जनजातीय बाहुल्य जिले के पुष्पराजगढ विकासखण्ड के ग्राम बहपुरी की जनजातीय महिलाओं के लक्ष्मी एवं सदगुरु महिला स्वसहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाकर कृषि विभाग द्वारा ग्राम राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत कोदो मिलिंग मशीन का जीर्णोद्धार कर इस नवाचार की पहल की गई है। कोदो मिलिंग मशीन के संचालन एवं रखरखाव के संबंध में समूह की जनजातीय महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
उद्देश्य एवं लाभ कोदो की क्षेत्र में सुलभ उपलब्धता और यहां के मूल निवासियों की परम्परागत खेती होने के कारण इसकी ब्रांडिंग क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान होगी। स्वदेशी व विदेशी मार्केट में कोदो अनाज अपनी औषधीय गुणों के कारण बेहद लाभप्रद फसल के रूप में साबित हो सकता है। कोदो को मधुमेह, मोटापा नियंत्रण, कोलेस्ट्राल नियंत्रण एवं एक डाईट फूड के रूप में बेहद फायदेमंद माना गया है। जिले में इसकी उत्पादकता और उपलब्धता को सही दिशा मे ब्राडिंग व व्यवसायिकरण से जोड़कर जनजातीय संवर्ग के किसानों के आर्थिक हालात को बेहतर किया जा सकता है।
कोदो का ब्राण्ड
अमरकंटक
अमरकंटक
मध्यप्रदेश के जनजातीय बाहुल्य अनूपपुर जिले की पहचान विष्व पटल पर जीवन दायिनी नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से की जाती हैं। अमरकंटक एक ऐसा नाम है जिसकी अपनी पहचान है और इसी नाम को अमरकंटक कोदो ब्राण्ड नाम देकर जनजातीय लोगों को सफल उद्यम से जोड़ने के लिए प्रयास किया गया है।
कोदो के स्वास्थ्य लाभ से
जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
एंटी डायबिटिक कोदो अनाज के सेवन से ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं कोदो शरीर में इंसुलीन के स्तर को बढ़ाता है। कोदो में एंटी-डायबिटिक लवण क्वेरसेटिन, फेरूलिक एसिड, पी -हाइड्रॉक्सीबेंजिक एसिड, वैनिलिक एसिड और सीरिंजिक एसिड हैं। इन गुणों के कारण कोदो को मधुमेह रोगियों के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
कोदो में पॉलीफेनॉल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। पॉलीफेनॉल्स एक ऐसा लवण है जोकि रोगाणुरोधी होता है।
कोदो में फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस कारण कोदो वजन कम करने या मोटापे के नियंत्रण के लिए उपयोगी है।कोदो में वसा की मात्रा कम होती है और इसके विपरीत फाइबर काफी अधिक मात्रा में होती है। इस कारण इसे एक संयुक्त पोषक आहार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह परफेक्ट डाइट है जोकि मोटापे के नियंत्रण के लिए लाभप्रद है।
हृदय रोग के लक्षण जैसे उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी कोदो बेहद उपयोगी है। रजोनिवृत्त से पीड़ित महिलाओं के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। कोदो के नियमित सेवन से हृदय रोगियों को काफी फायदा होगा।
कोदो का नियमित सेवन कर ट्राइग्लिसराइड्स और सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रल को कम करते हुए हृदय के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक है।
हाई ब्लड प्रेशर और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर जैसे हृदय रोग के लक्षणों से पीड़ित पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं के लिए कोदो का नियमित सेवन बहुत फायदेमंद होता है। कोदो पाचनतंत्र को नियमित रखने और कब्ज होने से बचाने में मदद करता है।
कोदो रसायनों में समृद्ध है, जो कि कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
कोदो में पॉलीफेनॉल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। पॉलीफेनॉल्स एक ऐसा लवण है जोकि रोगाणुरोधी होता है।
कोदो में फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस कारण कोदो वजन कम करने या मोटापे के नियंत्रण के लिए उपयोगी है।कोदो में वसा की मात्रा कम होती है और इसके विपरीत फाइबर काफी अधिक मात्रा में होती है। इस कारण इसे एक संयुक्त पोषक आहार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह परफेक्ट डाइट है जोकि मोटापे के नियंत्रण के लिए लाभप्रद है।
हृदय रोग के लक्षण जैसे उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी कोदो बेहद उपयोगी है। रजोनिवृत्त से पीड़ित महिलाओं के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। कोदो के नियमित सेवन से हृदय रोगियों को काफी फायदा होगा।
कोदो का नियमित सेवन कर ट्राइग्लिसराइड्स और सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रल को कम करते हुए हृदय के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक है।
हाई ब्लड प्रेशर और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर जैसे हृदय रोग के लक्षणों से पीड़ित पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं के लिए कोदो का नियमित सेवन बहुत फायदेमंद होता है। कोदो पाचनतंत्र को नियमित रखने और कब्ज होने से बचाने में मदद करता है।
कोदो रसायनों में समृद्ध है, जो कि कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
कोदो की उपज
का बढ़ रहा रकबा
का बढ़ रहा रकबा
जनजातीय बाहुल्य अनूपपुर जिले के चारों विकासखण्डों में लगभग 15 हजार हेक्टेयर में कोदो की खेती वर्तमान में की जा रही है। कोदो के प्रचार-प्रसार से बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए कृषक अब अपनी पड़त जमीन में नियमित खेती के अलावा कोदो की फसल लेकर आर्थिक स्वावलम्बी बनने की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। अमरकंटक कोदो ब्रान्ड के नाम से पुष्पराजगढ विकासखण्ड के ग्राम बहपुरी में प्रतिमाह 3 से 4 क्विंटल कोदो की प्रोसेसिंग की जा रही है। पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड क्षेत्र में साढ़े 10 हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा में कोदो की खेती कर जनजातीय कृषक खुशहाल हैं। अमरकंटक कोदो के नाम से अब तक 60 से 65 क्विंटल कोदो की बिक्री की जा चुकी है।
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