Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

अदम्य साहस और संघर्ष की मिसाल हैं जिले के लोकतंत्र सेनानी मूलचंद जी ,घनश्याम जी-रामलाल रौतेल

 

मुख्यमंत्री द्वारा प्रदत्त ताम्रपत्र,साल,
श्रीफल से किया नागरिक अभिनन्दन
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 
अनूपपुर (अंचलधारा) नगर के लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल और घनश्याम गुप्ता अदम्य साहस और संघर्ष की जीती जागती मिसाल हैं। उनका संपूर्ण जीवन देश ,समाज, पार्टी के लिये समर्पित रहा है। मीसाबंदियों का नागरिक अभिनन्दन करते हुए उपरोक्त विचार अनूपपुर के पूर्व विधायक ,भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामलाल रौतेल ने व्यक्त किये।उन्होने कहा कि नई पीढी को लोकतंत्र सेनानियों की जीवन शैली से बहुत कुछ सीखने की जरुरत है‌।भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री श्री चौहान का मानना है कि मीसाबंदियों का सम्मान करना सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानी का सम्मान करते हुए निश्चित रूप से हम स्वयं गौरवान्वित हैं कि आज हम दो ऐसी शख्सियत का सम्मान कर रहे हैं जिस वक्त हमारी उम्र 15-16 वर्ष की थी जब इन लोगों ने जेल में अपना जीवन बिताया यातनाएं सही।जेल में एक विचारधारा को लेकर संघर्ष करते रहे उसका प्रतिफल था ना रूके ना टूटे आज भी वह संघर्ष के साथ आगे हम सब के मध्य हैं।परिवार वालों ने भी उस वक्त मानसिक रूप से आर्थिक रूप से उनको सहयोग किया।  मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी चौहान ने हमें बुलाकर कहा कि लोकतंत्र सेनानी की प्रतिष्ठा बनी रहे उनका सम्मान आप स्वयं जाकर मेरी तरफ से करें उन्हें ताम्रपत्र, साल, श्रीफल देकर सम्मानित करें।शुक्रवार, 3 सितंबर की शाम नगर के मुख्य बाजार क्षेत्र में भाजपा नेता सत्येन्द्र सिंह परिहार,मनोज द्विवेदी,प्रेमनाथ पटेल, उमेश पटेल, कृष्णानंद द्विवेदी,अरुण सिंह,जनार्दन मिश्रा,मोहित पटेल, वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द बियाणी, राजेश शिवहरे, राजेश शुक्ला,अजीत मिश्रा, चैतन्य मिश्रा, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, सुधाकर मिश्रा, हिमांशु बियाणी, मोहन यादव, रामनारायण पाण्डेय,उमेश सिंह, हरिशंकर वर्मा,राकेश गुप्ता, राकेश अग्रवाल, महादेव अग्रवाल, प्रभात श्रीवास्तव, मनोज सोनी के साथ नगर के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मीसाबंदी मूलचंद अग्रवाल एवं मीसाबंदी घनश्याम दास गुप्ता का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदत्त ताम्रपत्र प्रदान करके सार्वजनिक अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सम्मान पत्र का वाचन करते हुए श्री रौतेल ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के अदम्य साहस एवं संकल्प प्रदर्शन के कारण 21 मार्च 1977 को आपातकाल समाप्त हुआ।लोकतंत्र की रक्षा के लिए महानुभावों ने अनुकरणीय त्याग और बलिदान किए है।आपके साहसपूर्ण कार्य के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी ने ताम्रपत्र भी प्रदान किए हैं, उस ताम्रपत्र को लोकतंत्र सेनानियों को सौपते हुए, हम सभी लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

मीसाबंदी ने सुनाई आप 
बीती बिक गयी थी जमीन
 
आपातकाल के संघर्ष को याद करते हुए मीसाबंदी मूलचंद जी ने  बहुत सॆ गोपनीय रहस्यों और कडे  संघर्षों पर रोशनी डाली। उस वक्त के कठिन समय को याद करते हुए वो भावुक हो उठे और कहा कि  जेल से बाहर आने के लिये कानूनी लडाई में उनकी 14 एकड़ जमीन तक बिक गयी। लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने कहा कि 25 जून की तारीख देश के इतिहास के पन्नों में एक काले अध्याय की तरह है।25 जून 1975 में आपातकाल की घोषणा हुई थी जो 21 मार्च 1977 तक कुल 21 महीने की अवधि तक चली।देश के लोग आपातकाल की तारीख 25 जून कभी नहीं भूल सकते आज भी इस तारीख को याद करके लोग सिहर उठते हैं।तत्कालीन राष्ट्रपति फख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा- 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी।स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये सबसे विवादित और अलोकतांत्रिक काल था इस समय सारे चुनाव स्थगित हो गए और नागरिकों के अधिकारों को खत्म कर दिया गया।इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया देश के चौथे स्तंभ प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया गया।प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया।जय प्रकाश नारायण ने इस अवधि को भारतीय इतिहास का सर्वाधिक काला समय बताया है।इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लगाया था तो उनके खिलाफ लोगों ने सत्याग्रह किया था ये लोग 21 मार्च 1977 तक यानि 21 महीने तक जेल में रहे उनको लोकतंत्र सेनानी कहा गया।इन लोगों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध किया था जिसकी वजह से इन्हें जेल में कैद कर दिया गया था।इसमें अनूपपुर के मूलचंद अग्रवाल एवं घनश्याम दास गुप्ता भी शामिल रहे।जिन्होंने 21 माह जेल में गुजारे यातनाएं सही।लेकिन आज सरकार उन्हें 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के पूर्व सम्मानित करने का सिलसिला प्रारंभ किया है कोरोनावायरस के चलते घरों में जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचकर सम्मानित करने का कार्य कर रहे हैं।पूर्व में सार्वजनिक मंच में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित किया जाता था।नगर के लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने अपना सम्मान घर के सामने कराते हुए शहर वालों को एवं आज की पीढ़ी को लोकतंत्र सेनानी कहलाने का उद्देश्य समझाया।21 माह जेल की कालकोठरी का इतिहास लोगों के सामने रखा जिसके कारण आज उन्हें सम्मानित किया जाता है।इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री देवी अग्रवाल को नारियल भेंट कर सम्मानित किया गया।

इन्होंने भी 
किया संबोधित


लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में भाजपा नेता मनोज द्विवेदी, प्रेमनाथ पटेल, सत्येन्द्र सिंह परिहार, उमेश पटेल, अरुण सिंह, अजीत मिश्रा, मोहित पटेल सहित अन्य लोगों ने अपने खट्टे - मीठे अनुभवों को बांटते हुए मंच को संबोधित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कृष्णा नंद द्विवेदी ने किया।

कालकवलित हुए लोगों 
को दी गई श्रद्धांजलि


कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ व्यवसायी हीरालाल गुप्ता की धर्मपत्नी पार्वती देवी एवं कोरोना काल में कालकवलित हुए जिले के पांच पत्रकारों को दो मिनट मौन रह कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

Post a Comment

0 Comments