(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् प्रथम अपर सत्र न्ययाधीश राजेश कुमार अग्रवाल महोदय के न्यायालय द्वारा विशेष प्रकरण क्र. 01/19, पुलिस थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्र. 381/16 धारा 420,467,468,471,120बी, 34 भादवि एवं धारा 6(1) म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में आरोपी त्रिवेणी प्रजापति पिता हरिलाल प्रजापति उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम पयारी नं. 1 थाना भालूमाडा तह. व जिला अनूपपुर की ओर से प्रस्तुत तृतीय जमानत आवेदन निरस्त किया है। आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए मामले में जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा शासन की ओर से अपना पक्ष रखा।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पुलिस डायरी के अनुसार उक्त प्रकरण में आर.बी.एन. इन्फ्रेक्सटेक्चर लिमिटेड कंपनी मुख्यालय 402 नंदनी अपार्टमेंट माल रोड मुरार ग्वालियर की शाखा अनूपपुर में वर्ष 2011से 2016 तक संचालित थी जिसमें कंपनी के आरोपी पदाधिकारीगणों द्वारा फर्जी एवं कूट रचित तरीके से कंपनी की पॉलिस रसीद, पंपलेट आदि छपवाकर स्थानीय जनों को एजेंट बनाकर हितग्राहियों को पांच वर्ष में दोगुना एवं सात वर्ष में तिगुना राशि वापसी हेतु का लालच देकर उक्त अवधि में कई करोड रूपये ऐंठकर नदारद हो गये थे। आरोपी त्रिवेणी प्रजापति उक्त प्रकरण में सह अभियुक्त है। पूर्व में आरोपी के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जमानत आवेदन गुण-दोषों के आधार पर निरस्त हो चुके हैं।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पुलिस डायरी के अनुसार उक्त प्रकरण में आर.बी.एन. इन्फ्रेक्सटेक्चर लिमिटेड कंपनी मुख्यालय 402 नंदनी अपार्टमेंट माल रोड मुरार ग्वालियर की शाखा अनूपपुर में वर्ष 2011से 2016 तक संचालित थी जिसमें कंपनी के आरोपी पदाधिकारीगणों द्वारा फर्जी एवं कूट रचित तरीके से कंपनी की पॉलिस रसीद, पंपलेट आदि छपवाकर स्थानीय जनों को एजेंट बनाकर हितग्राहियों को पांच वर्ष में दोगुना एवं सात वर्ष में तिगुना राशि वापसी हेतु का लालच देकर उक्त अवधि में कई करोड रूपये ऐंठकर नदारद हो गये थे। आरोपी त्रिवेणी प्रजापति उक्त प्रकरण में सह अभियुक्त है। पूर्व में आरोपी के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जमानत आवेदन गुण-दोषों के आधार पर निरस्त हो चुके हैं।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
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