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योग जीवन प्रबंधन का सम्पूर्ण समाधान है- प्रो. ईश्वर भारद्वाज इगांराजजावि. अमरकंटक में चल रही योग विषयक कार्यशाला

  

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के योग संकाय योग विभाग एवं विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय के  फिजियोथेरेपी विभाग के सयुक्त तत्वाधान मे आयोजित “कोरोना के कारण व्यक्तित्व विकास मे संकट को दूर करने के लिए योग” विषयक कार्यशाला के तृतीय दिवस पर तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुये अध्यक्षीय उद्बोधन मे प्रो.  ईश्वर भारद्वाज पूर्व संकायाध्यक्ष, आयुर्विज्ञान संकाय एवं विभागाध्यक्ष, योग विभाग गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने कहा कि योग जीवन प्रबंधन का सम्पूर्ण समाधान है। यह एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन है। योग को हम अपने जीवन मे अपनाकर पूर्ण आरोग्यता एवं पूर्ण कल्याण प्राप्त कर सकते है। 
आज के सत्र के प्रथम वक्ता डॉ. सत्य प्रकाश पाठक, सहायक प्राध्यापक, योग अध्ययन केंद्र, हिमालय विश्वविद्यालय, शिमला ने कहा कि योग अति प्राचीन विद्या है। और इसके माध्यम से हम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते है। उन्होने इसके अनेकोनेक शास्त्रीय प्रमाणों के साथ इसको सिद्ध भी किया।
आज के सत्र कि मुख्य वक्ता प्रो नीरू नथानी, विभागाध्यक्ष, स्वास्थ्यवृत्त एवं योग आयुर्वेद संकाय,चिकित्सा विज्ञान संस्थान बी. एच. यू. बनारस ने कहा कि योगासनों के साथ साथ योग के अन्य अंगों को भी हमे अपने जीवन मे अपनाना चाहिए इससे हमारे व्यक्तित्व मे बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन आयेगा।  
आज का योगाभ्यास सत्र डॉ संदीप ठाकरे, योग विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा किया गया।  
      कार्यक्रम के सफल आयोजन मे प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. पूजा चौधरी, डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ. श्याम सुंदर पाल, डॉ. नीलम श्रीवास्तव , अंशुमान दत्ता, अरविंद गौतम,गुरुनाथ करनाल, विवेक नेगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।  
अतिथियों का स्वागत तथा संचालन डॉ. पूजा सैकिया सहायक प्राध्यापक, फिजियोथेरेपी विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हरेराम पाण्डेय, सहायक प्राध्यापक, योग  विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय,अमरकंटक द्वारा किया गया।  

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