(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कोविड-2 के मामलों में गिरावट के चलते सरकार ने प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक गतिविधियों की छूट दी है। आर्थिक गतिविधियाँ समाज को गति देने के लिये बहुत आवश्यक भी है। लाकडाउन के कारण बहुत से परिवारों को अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में कोरोना के कम होते मामले और लाकडाउन से मिली छूट बडी राहत है।
लेकिन दूसरी ओर कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच समाज के प्रत्येक नागरिक से जो सावधानी अपेक्षित थी, वह कहीं नहीं दिख रही। जिले में तमाम राजनैतिक, गैर-राजनैतिक छोटे - बड़े आयोजनों में सोशल डिस्टेंशिंग का उल्लंघन करते हुए मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग लोग भूल चुके हैं।
यह खतरनाक है कि कोविड-2 की विभिषिका को अभी दो माह भी नहीं हुए और हम लापरवाह हो गये हैं।
जिले के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से सर्दी, खांसी, बुखार , तेज सिर-बदन दर्द और बुखार के मरीजों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। एक सामाजिक कार्यक्रम में मास्क लगाकर शामिल हुए लोगों मे से पांच से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आकर हफ्ते भर से बुखार, जुकाम, शरीर दर्द, खांसी से जूझ रहे हैं। ऐसे ही मामले अन्य स्थानों से भी प्रकाश में आए हैं।
ऐसे में सावधानी बतौर प्रशासन ऐसे सभी मामलों में कोविड टेस्टिंग को अनिवार्य करने पर जरुर विचार करे। भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे सभी मामलों में वायरल फीवर मलेरिया के साथ कोविड की जांच अनिवार्य करने पर विचार करें। तीसरी लहर की आशंका के बीच कोविड टेस्टिंग को बढाए जाने की जरुरत है।
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