(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रविन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय ने आरोपीगण शैलाव कुमार लाल उर्फ बाहूबली पिता निर्भयचंद लाल उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम बसखली, अंकित शर्मा उर्फ छोटू पिता रमाशंकर शर्मा उम्र 23 निवासी ग्राम टिकरी टोला बुढार एवं सुनील सोनी पिता कमल प्रसाद सोनी उम्र 29 निवासी ग्राम टिकरी टोला बुढार थाना कोतमा जिला अनूपपुर म.प्र., को आजीवन कारावास सहित अर्थदण्ड से दण्डित किया। राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक हेमंत अग्रवाल ने पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी अभियोजन अनूपपुर राकेश कुमार पाण्डेय ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कोतमा हेमंत अग्रवाल के हवाले से बताया की मामला थाना कोतमा के अ.क्र.419/16 धारा 364ए, 365, 120बी, 34, 417, 419, 420 भादवि 25, 27 आर्मस एक्ट से संबंधित है जिसमें फरियादी ने लिखित सूचना दिया कि दोस्त श्याम लाल साहू के पिता अर्जुन उर्फ बाबूलाल साहू जो कि बिजुरी कालरी में नौकरी करते है, दिनांक 24/10/2016 को घर ग्राम वंशखला से बिजुरी कालरी ड्यूटी जाने के लिए निकले थे इसके बाद ठीक सुबह 10 बजे मेरे दोस्त श्यामलाल के पास किसी अनजान व्यक्ति का फोन आया कि बाबूलाल साहू को हम अपहरण कर लिये है तुम पाच लाख रूपये फिरौती के रूप में दोगें तब हम बाबूलाल को छोडगें फिरौती की रकम वहां पहुचाना है जहां हम फोन करके बताएगे। जिनके बाद रिपोर्ट दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया। दौरान अनुसंधान पुलिस दौरा उक्त आरोपीगण के कब्जें से अर्जुन उर्फ बाबूलाल साहू को मनेन्द्रगढ कठौतिया छ.ग. के सूनसान जंगल से दस्तयाब किया गया तथा आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया और आरोपीगण के कब्जे से अवैध हथियार भी बरामद किया गया। दौरान विवेचना शैलाव कुमार व अपहरित बाबूलाल के पुत्र श्यामलाल साहू से बातचीत व पैसे की मांग जो मोबाईल पर की गयी थी उसका व्यौरा पंचनामा सहित तैयार किया गया और अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र आरोपीगण के विरूद्व न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा प्रकरण में विचारण किया गया विचारण के दौरान तत्कालीन लोक अभियोजक द्वारा प्रकरण में आवेदन अंतर्गत धारा 91/311 द.प्र.स. का प्रस्तुत कर न्यायालय से निवेदन किया गया कि आरोपीगण का व्हाइस सेंपल लेकर जब्तशुदा मोबाईल रिकार्डिग से मिलान कराया जाना है। उक्त संबंध में तत्तपश्चात लोक अभियोजक के द्वारा तर्क कर न्यायालय से आवाज के नमूने लेकर एफएसएल से जांच कराने का आदेश माननीय न्यायालय से कराया गया। प्रकरण में हेमंत अग्रवाल अभियोजन अधिकारी द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अंतिम तर्क माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों सहित तर्कपूर्ण तथ्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया जिससे संतुष्ट होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा उक्त आरोपीगण को धारा 364ए/120बी भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000 रू का अर्थदण्ड एवं धारा 365 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रू का अर्थदण्ड से दण्डित करते हुए केन्द्रीय जेल जबलपुर भेजे जाने का निर्णय पारित किया गया।
इनका कहना है- उक्त संबंध में प्रभारी उपसंचालक अभियोजन रामनरेश गिरि द्वारा बताया गया कि उक्त प्रकरण जघन्य एवं सनसनीखेज के रूप में जिला समिति द्वारा चिन्हित था जिसमें उक्त प्रकरण की शतत् समीक्षा की जा रही थी ताकि उक्त प्रकरण में शीघ्र विचारण सुनिश्चित हो और दोषियों को जेल भेजा जा सके।रामनरेश गिरि द्वारा बताया गया कि जिले में सनसनीखेज प्रकरणों में शीघ्र विचारण हो सकें व पीडितों को जल्द न्याय प्राप्त हो इस उद्देश्य से निरंतर प्रयास किये जा रहे है। भविष्य में भी उक्त प्रकृति के प्रकरणों में सकारात्मक परिणाम आते रहेंगें।
इनकी भूमिका भी रही सराहनीय-इस प्रकरण में विवेचना अधिकारी समरजीत सिंह परिहार निरीक्षक थाना कोतमा के द्वारा की गयी विवेचना से अपहरित सुरक्षित दस्तयाब हो सका एवं इस प्रकरण में नोडल अधिकारी रहे उनि एसएल मरावी थाना कोतमा के द्वारा इस प्रकरण में साक्षियों के उपस्थिति व व्हाइस सेंपल के संबंध में उत्कृष्ट प्रयास किए गए जिसके कारण से इस प्रकरण में शीघ्र विचारण व न्याय संभव हो सका। इसके अलावा कोर्ट के कोर्ट मोहर्रिर श्री सुरेन्द्र सिंह परस्ते द्वारा आदेशिका समय पर जारी कर न्यायदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
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