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आरोपिया ने अपने पति के साथ मिलकर अपनी सगी भांजियों का किया अपहरण जमानत याचिका न्‍यायालय ने की निरस्‍त

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा)  न्यायालय श्रीमान् अपर सत्र न्‍यायाधीश  अविनाश शर्मा राजेन्‍द्रग्राम जिला अनूपपुर के न्यायालय ने थाना राजेन्‍द्रग्राम के अप. क्र. 116/16 धारा 363, 365 भादवि के आरोपिया सेमबती बाई पति राजकुमार गोंड उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम बांधामार थाना राजेन्‍द्रग्राम जिला अनूपपुर (म.प्र.) की जमानत याचिका निरस्त की गई। राज्‍य की ओर से जमानत याचिका का विरोध सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री शशि धुर्वे ने किया।
              अभियोजन मीडिया प्रभारी अनूपपुर राकेश पाण्डेय ने बताया कि आरोपिया और उसके पति ने मिलकर अपने ही घर से अपनी बहन की दो नाबालिग लडकिया को नहाने के बहाने बहला-फुसलाकर अनूपपुर होते हुए भोपाल ले गये थे और करीबन ढाई साल तक भोपाल में देानों भांजियों को अपने कब्‍जे में रखे रखा।भोपाल से ही उसकी एक भांजी मुसाफिर खाना भोपाल से किसी अज्ञात व्‍यक्ति के साथ चली गई तब आरोपिया और उसके पति ने दूसरी भांजी को लेकर कटनी मुडवारा स्‍टेशन आ गये थे। कुछ दिन बाद उसकी दूसरी भांजी भी अज्ञात व्‍यक्ति के साथ कही चली गई जिसका आज तक प‍ता नही चला आरोपिया की दोनों भाजियों का आज तक पता नही चला।
आरोपिया ने यह लिया था आधार-आरोपिया द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया कि वह निर्दोष है उसके द्वारा किसी भी गुमराह कर नही ले जाया गया है और वह गुमशुदगी बच्‍चों को पहचानती तक नही है बल्कि वह गांव में रहकर मजदूरी करके अपने बच्‍चों की परवरिश करती है उसे रंजिशन झूठा फंसाया गया है। वह अनूपपुर जिले का मूल निवासी है वही उसकी संपत्ति स्थित हैं, आवेदिका के छोटे-छोटे बच्‍चें है जो अपनी मां पर आश्रित है जमानत का लाभ मिलने पर वह साक्ष्‍य को प्रभावित नही करेगा एवं न्‍यायालय की सभी शर्तो का पालन करेगा।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध- उक्त आवेदन पर सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री शशि घुर्वे द्वारा इस आधार पर जमानत आवेदन का विरोध किया गया कि आरोपिया और उसका पति दो नाबालिग लडकियों को नहाने के बाद अपने साथ कही ले जाने का आरोप है जिनका आज तक पता नही चला है यदि आरोपिया को जमानत का लाभ दिया जाता है तो उन दोनों नाबालिग लडकियो के साथ अनहोनी होने की संभावना है।
            उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री शशि धुर्वे के तर्को से सहमत होते हुए आरोपिया के जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया।

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