(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्पीडि़त व्यक्तियों को आवेदन करने पर तत्परता से जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को निर्देष दिए गए हैं। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने की। बैठक में विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के विधायक फुन्देलाल सिंह, प्रभारी लोक अभियोजन अधिकारी जिला अनूपपुर, उप पुलिस अधीक्षक आजाक, जिला अनूपपुर (प्रतिनिधि), प्राचार्य शा.उ.मा.वि. अमलाई कालरी आर.बी. प्रसाद, प्राचार्य शा.उ.मा.वि. बालक चोलना पी.एल. सुरजन, प्राचार्य शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. अनूपपुर एच.एल. बहेलिया, प्राचार्य शा. हाईस्कूल बैहाटोला के.के. वर्मा तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग पी.एन. चतुर्वेदी उपस्थित थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के व्यक्तियों की हत्या के प्रकरण में 18 वर्ष से कम उम्र के पुत्र-पुत्रियों को एक माह के अन्दर छात्रावास, आश्रम में प्रवेश दिया जाकर उनकी 18 वर्ष की उम्र पूरी होने तक अथवा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होने तक षिक्षा की व्यवस्था किए जाने एवं ऐसे बालक-बालिकाओं को 12 माह की अवधि के लिए शिष्यवृत्ती दी जाएगी। इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्तर पर 1000 रुपये, माध्यमिक स्तर पर 1500 रुपये, हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्तर व स्नातक स्तर पर 3000 रुपये प्रति वर्ष पहनने कपड़े, जूते तथा अभ्यास पुस्तिकाएं, स्टेशनरी आदि दिए जाने का प्रावधान है।
बैठक में लंबित प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई करने के लोक अभियोजन अधिकारी को निर्देश दिए गए। फरियादियों को संरक्षण दिए जाने एवं संवेदनशीलता से पीडि़त पक्ष को राहत एवं न्याय दिलाने हेतु आवश्यक कदम उठाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। पीडि़तों एवं गवाहों को यात्रा भत्ता, आहार व्यय एवं मजदूरी के भुगतान हेतु आवंटन मंगाने के लिए शासन को पत्र लिखने के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देश दिए गए।
बैठक में जानकारी दी गई कि अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के व्यक्तियों की हत्या के प्रकरण में 18 वर्ष से कम उम्र के पुत्र-पुत्रियों को एक माह के अन्दर छात्रावास, आश्रम में प्रवेश दिया जाकर उनकी 18 वर्ष की उम्र पूरी होने तक अथवा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होने तक षिक्षा की व्यवस्था किए जाने एवं ऐसे बालक-बालिकाओं को 12 माह की अवधि के लिए शिष्यवृत्ती दी जाएगी। इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्तर पर 1000 रुपये, माध्यमिक स्तर पर 1500 रुपये, हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्तर व स्नातक स्तर पर 3000 रुपये प्रति वर्ष पहनने कपड़े, जूते तथा अभ्यास पुस्तिकाएं, स्टेशनरी आदि दिए जाने का प्रावधान है।
बैठक में लंबित प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई करने के लोक अभियोजन अधिकारी को निर्देश दिए गए। फरियादियों को संरक्षण दिए जाने एवं संवेदनशीलता से पीडि़त पक्ष को राहत एवं न्याय दिलाने हेतु आवश्यक कदम उठाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। पीडि़तों एवं गवाहों को यात्रा भत्ता, आहार व्यय एवं मजदूरी के भुगतान हेतु आवंटन मंगाने के लिए शासन को पत्र लिखने के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देश दिए गए।
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