(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् जिला एवं सत्र न्याययाधीश महोदय कृष्णकांत शर्मा के न्यायालय द्वारा आरोपी विनय सक्सेना पिता विजयवीर सक्सेना निवासी सी 938 गौर ग्रीन एवेन्यू इन्द्रापुरम जिला गाजियाबाद उ.प्र.की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।आरोपी के विरूद्ध थाना कोतवाली में अप.क्र. 98/16 धारा 420, 464ए, 468, 471, 120 बी भादवि एवं म.प्र.निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम धारा 6(1) के विरूद्ध अपराध दर्ज है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से जमानत याचिका का विरोध व्हीप.सी.के माध्यम से जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा किया गया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि आरोपी द्वारा फर्जी कम्पनी सांईराम रियलटेक कंपनी लिमिटेड कंपनी की ब्रांच अनूपपुर में खोलकर खुद को कंपनी का मालिक बताते हुए अनूपपुर जिले के ग्रामीण एवं शहरी लोगों को दुगुने-तिगुने ब्याज का लालच देकर 41,95,090 रूपयों का निवेश अपनी कंपनी में कराया तथा बाद में कंपनी बंद करके भाग गया।श्री गिरि द्वारा जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध विशेष अपराध होकर कई लोगों से संबंधित है,आरोपी अत्यंत शातिर प्रकृत्ति का है यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह प्रकरण के साक्ष्यों एवं संबंधित हितग्राहियों को प्रभावित कर सकता है।
आरोपी ने यह लिया था आधार-आरोपी ने कहा कि वह हदय रोगी है जिसका इलाज चल रहा है अभियुक्त् को कोरोना वाइरस के संक्रमण की संभावना ज्यादा है।आवेदक को बेहतर इलाज एवं दवाईयों की आवश्यकता है उसके जेल में होने से इलाज संभव नही है।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-आरोपी के द्वारा गांव के भोले-भाले लोगों के साथ 41,95,090 रूपयों का निवेश कराकर छलकपट किया है।आरोपी प्रकरण का मुख्य आरोपी है जिसे पुलिस ने बमुश्किल से आगरा से गिरफ्तार किया है।आरोपी के पूर्व में तीन जमानत आवेदन निरस्त हो चुके है आरोपी किसी भी बीमारी से वर्तमान में पीडित नही है।आरोपी ने जो इलाज का पर्चा लगाया है वह मामला पंजीबद्व होने के पहले का है।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि आरोपी द्वारा फर्जी कम्पनी सांईराम रियलटेक कंपनी लिमिटेड कंपनी की ब्रांच अनूपपुर में खोलकर खुद को कंपनी का मालिक बताते हुए अनूपपुर जिले के ग्रामीण एवं शहरी लोगों को दुगुने-तिगुने ब्याज का लालच देकर 41,95,090 रूपयों का निवेश अपनी कंपनी में कराया तथा बाद में कंपनी बंद करके भाग गया।श्री गिरि द्वारा जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध विशेष अपराध होकर कई लोगों से संबंधित है,आरोपी अत्यंत शातिर प्रकृत्ति का है यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह प्रकरण के साक्ष्यों एवं संबंधित हितग्राहियों को प्रभावित कर सकता है।
आरोपी ने यह लिया था आधार-आरोपी ने कहा कि वह हदय रोगी है जिसका इलाज चल रहा है अभियुक्त् को कोरोना वाइरस के संक्रमण की संभावना ज्यादा है।आवेदक को बेहतर इलाज एवं दवाईयों की आवश्यकता है उसके जेल में होने से इलाज संभव नही है।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-आरोपी के द्वारा गांव के भोले-भाले लोगों के साथ 41,95,090 रूपयों का निवेश कराकर छलकपट किया है।आरोपी प्रकरण का मुख्य आरोपी है जिसे पुलिस ने बमुश्किल से आगरा से गिरफ्तार किया है।आरोपी के पूर्व में तीन जमानत आवेदन निरस्त हो चुके है आरोपी किसी भी बीमारी से वर्तमान में पीडित नही है।आरोपी ने जो इलाज का पर्चा लगाया है वह मामला पंजीबद्व होने के पहले का है।
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